लखनऊ : राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा और संघ सियासी धारा पर चलेंगे और माहौल 90 और 92 जैसा राममय किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इसको लेकर कार्यकर्ता घर-घर पहुंचेंगे और इस बात की याद दिलाएंगे कि किस तरह से अयोध्या में मंदिर निर्माण का रास्ता भाजपा ने साफ किया है. जगह-जगह अनेक आयोजन होंगे जिसको लेकर पूरी रूपरेखा तय की जाएगी. अक्षत वितरण, श्री राम शिला पूजन, पूजा और भंडारों के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल जैसे संगठन लोगों को राम मंदिर में भगवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन से जोड़ेंगे ताकि लोगों के मन में एक बार फिर 1990 और 92 का माहौल पैदा हो और राम भक्ति वाले माहौल का फायदा आने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को मिल सके. फिलहाल गांव-गांव में श्री राम अक्षत वितरण का आयोजन इसमें सबसे बड़ा जुड़ाव पैदा कर रहा है. सभी संगठन को हिदायत दी गई है कि इस काम को पूरी गंभीरता से किया जाए. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े जनप्रतिनिधि भी इसमें बराबर जुड़ रहे हैं. विधायक, पार्षद, सभासद और पंचायत सदस्य अक्षत वितरण कर रहे हैं. आने वाले समय में इसको अलग आयाम दिए जाएंगे.
कई तरीकों से बनाया था माहौल : 1989 में राम मंदिर शिलान्यास से लेकर 1992 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कई तरीकों से माहौल बनाया था. शिलान्यास से पहले शिला पूजन का आयोजन किया गया था, जिसमें गली मोहल्ला गांव तक रामशिला का पूजन हुआ था और बाद में यही शिलाएं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ली जाई गई थीं. इसके साथ ही चरण पादुका पूजन का भी आयोजन गली मोहल्लों और गांव तक किया गया था. इसके बाद 1990 में रोजाना शाम को छतों पर मशाल जलाने और शंखनाद करने की श्रृंखला शुरू हुई थी, जिससे लोगों को राम मंदिर आंदोलन के विषय में जानकारी मिली थी. ऐसा करके ही पूरे देश को जोड़ा गया था, तब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक एक रथ यात्रा भी निकाली थी. जिसको बिहार में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की वजह से रोक लिया गया था और भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र की संयुक्त मोर्चा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. इन सारे प्रयासों से राम मंदिर आंदोलन का जबरदस्त माहौल बन गया था. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में सियासी माहौल भी बना था. परिणाम यह हुआ था कि 1991 में भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी. ऐसा ही प्रयास अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी कर रही है, जिसको लेकर 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह शानदार अवसर है.
अक्षत वितरण से भी बन रहा माहौल : श्री राम अक्षत वितरण को इसका एक बेहतरीन माध्यम बनाया गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी और अध्यक्ष अनुषांगिक संगठन के पदाधिकारी गांव गांव मोहल्ला मोहल्ला जाकर राम अक्षत वितरण घर-घर में कर रहे हैं.
पूजा पाठ और भंडारों का आयोजन : भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 'सभी प्रमुख नेताओं को यह हिदायत दी गई है कि वह अपने-अपने इलाकों में भंडारों और पूजन का आयोजन राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कराएं. यह माहौल 14 जनवरी के बाद शुरू होगा. पूरे उत्तर प्रदेश में जगह-जगह पूजा पाठ भंडारे आयोजित होंगे.'
शॉपिंग मॉल के जरिए भी होगा राम मंदिर का प्रचार : भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए बड़े बिल्डरों को यह कहा गया है कि अगर कोई बड़ा व्यावसायिक प्रतिष्ठान या शॉपिंग मॉल चला रहे हैं तो उसके माध्यम से भी राम मंदिर का प्रचार प्रसार किया जाए. जिसमें अपने शॉपिंग मॉल में श्री राम मंदिर का बड़ा डिजाइन रखें और भजनों को बजाएं.
मंदिर होगा लाइव प्रसारण : 21 और 22 जनवरी को श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से संबंधित आयोजनों का प्रसारण मंदिर में लाइव किया जाएगा. बड़े-बड़े स्क्रीन लगाकर लोगों को यहां आयोजन में बुलाया जाएगा. जिससे माहौल और बेहतर बनेगा.
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बताया कि 'श्री राम मंदिर का निर्माण इस देश की सांस्कृतिक धरोहर को और बढ़ावा देगा. जिसके लिए भारतीय जनता पार्टी हर संभव प्रयास करती रहेगी.'