लखनऊ: यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी को कांग्रेस का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि कल तक बहुत लोग कांग्रेस के भविष्य को लेकर चिंतित, लेकिन पार्टी में संकट से उबरने की अद्भुत क्षमता है. हर समय एक जैसा नहीं होता है.
सब दिन एक जैसे नहीं होते
प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब चुनाव प्रचार खत्म करके हम इंतजार कर रहे थे कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, तो वो हमारे बीच नहीं रहे. 14 मार्च 1998 को सीताराम केसरी की जगह सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं, तब परिवर्तन हुआ और लोग कांग्रेस में आने लगे. 1998 में तो हमारे पास जीरो सीट थी. आज तो एक सीट है, तब अमेठी-रायबरेली दोनों हारे थे. 80 सीटें हारने के बाद सोनिया गांधी ने नेतृत्व किया और कांग्रेस की वापसी कराई. जिसके बाद 2009 में सबसे ज्यादा सीटें हमारी आईं. जबकि बसपा को 19 और भाजपा को महज 9 सीटें मिली थीं. प्रमोद तिवारी ने कहा कि सोनिया जी ने यहां तक पहुंचाया था.
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धोखे और झूठ का होगा अंत
वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में इतिहास अपने आप को दोहराएगा. धोखे और झूठ की राजनीति का अंत होगा. अगर एक नजर देश के आर्थिक हालात पर डालें तो 45 साल में बेरोजगारी सबसे चरम पर है. आज 6 साल के शासन में भारत 7वें नम्बर पर है. 4 देश आगे निकल गए. देश भयंकर आर्थिक गिरावट के दौर से गुजर रहा है. आर्थिक रूप से इतने कमजोर रहे तो न रोजगार होगा न शक्ति रहेगी.
खट्टर का बयान बहुत ही निंदनीय
देश के सबसे बड़े समृद्ध राज्य के मुख्यमंत्री हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का बयान आया. उनका बयान अश्लील, गन्दा और स्तरहीन है. उन्होंने धनखड़ जी का जिक्र किया. बिहार की बेटियों का जिक्र किया और कहा अब तो कश्मीर की बेटियां भी ले आएंगे. देश की बेटियों के लिए उनकी सोंच निहायत ही घटिया है.
पाक-चीन का दखल बर्दाश्त नहीं
प्रमोद तिवारी ने कहा कि पाकिस्तान हो, चाहे चीन हो, हमारे अंदरूनी मामले में किसी का दखल बर्दाश्त नहीं होगा. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ही महाराजा हरि सिंह के साथ समझौता करके इसे मिलाया था. इसी कश्मीर में हमने कांग्रेस की सरकार तीन चौथाई बहुमत की दी थी. हमारे लिए पार्टी नहीं, देश सुप्रीम है. कश्मीर भारत का हिस्सा है तो इसका श्रेय पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को जाता है, अमित शाह और नरेंद्र मोदी को नहीं.
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कश्मीर का कण-कण भारत का हिस्सा
जम्मू-कश्मीर को भारत में मिलाने का निर्णय नेहरू सरकार का था, जिसका पटेल जी ने पालन किया. कश्मीर के मामले में जो भी चर्चा होगी, वह संसद में होगी. कण-कण कश्मीर का भारत का हिस्सा है. जो पाकिस्तान ने जबरदस्ती कब्जा किया है, वो निगोशिएबल है.