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गुरुद्वारों में मनाया गया साहिब श्री गुरु हरिराय महाराज का प्रकाश पर्व

सिख धर्म के 7वें गुरु साहिब श्री गुरु हरिराय का प्रकाश पर्व राजधानी लखनऊ के गुरुद्वारों में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में सुबह माथा टेका और आशीर्वाद लिया. साथ ही अटूट लंगर का आयोजन हुआ. नाका स्थित श्री गुरु सिंह ऐतिहासिक गुरुद्वारा सभा में बड़ी श्रद्धा और सत्कार के साथ प्रकाश पर्व मनाया गया.

साहिब श्री गुरु हरिराय महाराज का प्रकाश पर्व
साहिब श्री गुरु हरिराय महाराज का प्रकाश पर्व
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Published : Feb 26, 2021, 7:37 AM IST

लखनऊ: सिख धर्म के 7वें गुरु साहिब श्री गुरु हरिराय का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) गुरुवार को राजधानी के गुरुद्वारों में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में सुबह माथा टेका और आशीर्वाद लिया. साथ ही अटूट लंगर का आयोजन हुआ. नाका स्थित श्री गुरु सिंह ऐतिहासिक गुरुद्वारा सभा में बड़ी श्रद्धा और सत्कार के साथ प्रकाश पर्व मनाया गया.

कीर्तन का हुआ आयोजन

शाम का विशेष दीवान श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ जो रात्रि तक चला. जिसमें रागी जत्था भाई लाखन सिंह गुरुद्वारा मानसरोवर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया.

गुरुजी साहिब के बारे बताया

ज्ञानी हरविन्दर सिंह ने साहिब श्री गुरु हरिराय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु हरिराय जी का जन्म आज ही के दिन कीरतपुर साहिब में हुआ था. उनके पिता का नाम बाबा गुरदित्ता और माता का नाम निहाल कौर था. साहिब श्री गुरु हरिराय बचपन से ही गुणी और साधु स्वभाव के थे. वे प्रातः उठ कर वाहिगुरु का सिमरन करते थे. उनके सभी गुणों को देखकर उनके दादा छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद साहिब बहुत प्रसन्न हुए और 14 वर्ष की आयु में उनको गुरु गद्दी सौंप दी.

अकाल पीड़तों की मदद की

जब पंजाब में अकाल पड़ गया और मनुष्य रोटी के एक-एक टुकड़े को तरसने लगा, तो उन्होंने दादा-परदादा द्वारा बताये गये उपायों द्वारा उनकी मदद की और दूसरे प्रान्तों के धनी सिखों से भी अकाल पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित किया. वहीं गरीबों को वाहिगुरु के सिमरन से ठीक करने के साथ बीमार लोगों के लिए एक दवाखाना बनवाया, जहां मुफ्त में दवा दी जाती थी.

बताया जाता है कि शाहजहां का बेटा दारा शिकोह जब बीमार पड़ गया था तो इसी दवाखाने से उसका इलाज हुआ था. गुरु हरगोविंद साहिब की आज्ञा से 2,200 घुड़सवार भी थे, जो जरुरत मन्दों की सहायता के लिए तैयार रहते थे.

लंगर बंटा गया

दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगत को साहिब श्री गुरु हरिराय के प्रकाश पर्व की बधाई दी. कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह 'मीत' ने किया. तत्पश्चात गुरु का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया.

गुरुद्वारा यहियागंज में मनाया गया हरिराय साहिब का प्रकाश पर्व

ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब यहियागंज में सिख धर्म के 7वें गुरु श्री गुरु हरिराय साहिब का प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया गया. गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि इस अवसर पर विशेष रूप से भाई गुरमीत सिंह और भाई वीर सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया. कार्यक्रम समाप्ति पर गुरु का अटूट लंगर और मिष्ठान प्रसाद वितरित किया गया.

लखनऊ: सिख धर्म के 7वें गुरु साहिब श्री गुरु हरिराय का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) गुरुवार को राजधानी के गुरुद्वारों में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारे में सुबह माथा टेका और आशीर्वाद लिया. साथ ही अटूट लंगर का आयोजन हुआ. नाका स्थित श्री गुरु सिंह ऐतिहासिक गुरुद्वारा सभा में बड़ी श्रद्धा और सत्कार के साथ प्रकाश पर्व मनाया गया.

कीर्तन का हुआ आयोजन

शाम का विशेष दीवान श्री रहिरास साहिब के पाठ से आरम्भ हुआ जो रात्रि तक चला. जिसमें रागी जत्था भाई लाखन सिंह गुरुद्वारा मानसरोवर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया.

गुरुजी साहिब के बारे बताया

ज्ञानी हरविन्दर सिंह ने साहिब श्री गुरु हरिराय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि साहिब श्री गुरु हरिराय जी का जन्म आज ही के दिन कीरतपुर साहिब में हुआ था. उनके पिता का नाम बाबा गुरदित्ता और माता का नाम निहाल कौर था. साहिब श्री गुरु हरिराय बचपन से ही गुणी और साधु स्वभाव के थे. वे प्रातः उठ कर वाहिगुरु का सिमरन करते थे. उनके सभी गुणों को देखकर उनके दादा छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद साहिब बहुत प्रसन्न हुए और 14 वर्ष की आयु में उनको गुरु गद्दी सौंप दी.

अकाल पीड़तों की मदद की

जब पंजाब में अकाल पड़ गया और मनुष्य रोटी के एक-एक टुकड़े को तरसने लगा, तो उन्होंने दादा-परदादा द्वारा बताये गये उपायों द्वारा उनकी मदद की और दूसरे प्रान्तों के धनी सिखों से भी अकाल पीड़ितों की मदद करने के लिए प्रेरित किया. वहीं गरीबों को वाहिगुरु के सिमरन से ठीक करने के साथ बीमार लोगों के लिए एक दवाखाना बनवाया, जहां मुफ्त में दवा दी जाती थी.

बताया जाता है कि शाहजहां का बेटा दारा शिकोह जब बीमार पड़ गया था तो इसी दवाखाने से उसका इलाज हुआ था. गुरु हरगोविंद साहिब की आज्ञा से 2,200 घुड़सवार भी थे, जो जरुरत मन्दों की सहायता के लिए तैयार रहते थे.

लंगर बंटा गया

दीवान की समाप्ति के पश्चात लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह बग्गा ने आई साध संगत को साहिब श्री गुरु हरिराय के प्रकाश पर्व की बधाई दी. कार्यक्रम का संचालन सतपाल सिंह 'मीत' ने किया. तत्पश्चात गुरु का लंगर श्रद्धालुओं में वितरित किया गया.

गुरुद्वारा यहियागंज में मनाया गया हरिराय साहिब का प्रकाश पर्व

ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब यहियागंज में सिख धर्म के 7वें गुरु श्री गुरु हरिराय साहिब का प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा से मनाया गया. गुरुद्वारा सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि इस अवसर पर विशेष रूप से भाई गुरमीत सिंह और भाई वीर सिंह ने शबद कीर्तन द्वारा संगतों को निहाल किया. कार्यक्रम समाप्ति पर गुरु का अटूट लंगर और मिष्ठान प्रसाद वितरित किया गया.

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