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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर लटक रहा ताला, महंगी दवाइयां खरीद रहे तीमारदार

राजधनी लखनऊ स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर ताला लटका हुआ है. इसकी वजह से गरीबों को सस्ती दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. लखनऊ जनपद में 72 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए थे, लेकिन सरकार की हीलाहवाली और प्रशासनिक अमले के दिलचस्पी नहीं लेने से ये केंद्र बंद पड़े हैं. यही कारण है कि लोगों को सस्ते दामों पर दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं.

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प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर लटक रहा ताला.
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Published : Dec 19, 2020, 2:12 PM IST

लखनऊ: लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्थापना की थी, लेकिन आज उन सभी जन औषधि केंद्रों में ताला लटका हुआ है. यही कारण है कि लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर लटक रहा ताला.

लखनऊ जनपद में खोले गए थे 72 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई, एक तरफ सरकार मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर लोग आज भी परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल, केंद्र सरकार ने 2015 में देश भर में जगह-जगह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्थापना की थी, जिसमें लोगों को सस्ते दामों पर उच्च गुणवत्ता की दवाइयां मिलती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से सभी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर ताला लटका हुआ है. राजधानी लखनऊ में भी 72 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए थे, जो आज बंद पड़े हुए हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर 60 फीसदी छूट पर मिलती थी दवाइयां
राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर ताला लटका पाया गया. लोगों ने बताया कि जन औषधि केंद्र बंद होने से काफी ज्यादा समस्या हो रही है. जो दवाइयां सस्ते दामों पर उन्हें अस्पतालों में ही मिल जाती थी, अब उन दवाइयों के लिए उन्हें बाजारों के चक्कर काटने पड़ते हैं और दवाइयों के दाम भी बहुत ज्यादा हैं. लोगों का कहना है कि पहले उन्हें 60% छूट पर औषधि केंद्रों से दवाइयां मिल रही थी. वहीं अब बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की लगातार शिकायत मिलने के बाद बीपीपीआई ने लाइसेंस को रद्द कर दिया था, जिसकी वजह से सभी जन औषधि केंद्र आज बंद पड़े हैं. इसकी वजह से लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

लखनऊ: लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्थापना की थी, लेकिन आज उन सभी जन औषधि केंद्रों में ताला लटका हुआ है. यही कारण है कि लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर लटक रहा ताला.

लखनऊ जनपद में खोले गए थे 72 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
केंद्र व राज्य सरकार की तरफ से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई, एक तरफ सरकार मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने के प्रयास में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर लोग आज भी परेशान नजर आ रहे हैं. दरअसल, केंद्र सरकार ने 2015 में देश भर में जगह-जगह प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की स्थापना की थी, जिसमें लोगों को सस्ते दामों पर उच्च गुणवत्ता की दवाइयां मिलती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से सभी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर ताला लटका हुआ है. राजधानी लखनऊ में भी 72 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोले गए थे, जो आज बंद पड़े हुए हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर 60 फीसदी छूट पर मिलती थी दवाइयां
राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर ताला लटका पाया गया. लोगों ने बताया कि जन औषधि केंद्र बंद होने से काफी ज्यादा समस्या हो रही है. जो दवाइयां सस्ते दामों पर उन्हें अस्पतालों में ही मिल जाती थी, अब उन दवाइयों के लिए उन्हें बाजारों के चक्कर काटने पड़ते हैं और दवाइयों के दाम भी बहुत ज्यादा हैं. लोगों का कहना है कि पहले उन्हें 60% छूट पर औषधि केंद्रों से दवाइयां मिल रही थी. वहीं अब बाहर से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं.

प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की लगातार शिकायत मिलने के बाद बीपीपीआई ने लाइसेंस को रद्द कर दिया था, जिसकी वजह से सभी जन औषधि केंद्र आज बंद पड़े हैं. इसकी वजह से लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

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