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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बड़ा खेल, अधिकारियों ने फर्जी किसान बनाकर हड़पे 33 लाख - Fraud in Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फर्जी किसान बनाकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्लेम की धनराशि बीमा कंपनी के अधिकारियों ने हड़प ली. कंपनी का आरोप है कि उनके कृषि प्रमुख व जोनल हेड ने अपने पद दुरुपयोग करते हुए सरकार और कंपनी को चूना लगाया है.

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Published : Jan 7, 2023, 5:25 PM IST

लखनऊ: राजधानी में फर्जी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाकर कंपनी के अधिकारियों ने 33 लाख रुपये हड़प लिए. केंद्र व राज्य सरकार की ओर किसानों का फसल बीमा करने के लिए यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी अधिकृत है. कंपनी का आरोप है कि उनके यहां कार्यरत रहे कृषि प्रमुख व जोनल हेड ने अपने पद का लाभ उठाते हुए फसल बीमा के लिए फर्जी किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया. फिर जालसाजी करके उनके नाम पर 33 लाख 42 हजार 524 रुपये का क्लेम अप्रूव कर दिया. कंपनी ने दो अधिकारियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है.

कैसे पकड़ा गया फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गबन
इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक बीमा कंपनी के कर्मचारी सौरभ कुमार ने बताया था कि उनकी कंपनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों का बीमा करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से अधिकृत है. जिसका मुख्य कार्यालय मुंबई व राणा प्रताप मार्ग लखनऊ में ब्रांच कार्यालय है. आरोप था कि दस्तावेजों की जांच में कुछ ऐसे किसानों की जानकारी मिली थी, जिनका फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किया गया था. यही नहीं उनका क्लेम भी स्वीकार करते हुए जारी कर दिया गया. ऐसे में फर्जी किसानों की जानकारी मिलते ही कंपनी ने ऑडिट कराया और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी जुटाई गई. इसमें दो नाम निकल कर सामने आए, जिन्होंने योजना और कंपनी दोनों के साथ ही धोखाधड़ी की थी.

अधिकारियों ने कैसे किया खेल
सौरभ कुमार के मुताबिक साल 2019 में प्रदेश कृषि प्रमुख अमित शर्मा के पास कंपनी के स्टेट एडमिन राइट्स थे. जिन्होंने अन्य कर्मचारियों की लॉगिन आईडी के जरिए फर्जी किसानों का रजिस्ट्रेशन कर दिया. अमित शर्मा के पास गैर ऋणी कृषि बीमा सत्यापन और स्वीकृति करने का भी राइट्स था. कंपनी का आरोप है कि अमित फर्जी किसानों का डेटाबेस तैयार करके उनका पंजीकरण करता था और कंपनी के जोनल हेड अरविंद यादव उनका क्लेम स्वीकृति कर दिया करते थे.

सरकारी जमीन को फर्जी किसानों की दिखाकर किया रजिस्ट्रेशन
बीमा कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि तत्कालीन कृषि प्रमुख अमित शर्मा व जोनल हेड अरविंद यादव ने मिल कर शातिराना तरीके से कंपनी व सरकार को चूना लगाया है. उनके मुताबिक, दोनों अधिकारियों ने पहले तो फर्जी किसानों के दस्तावेज तैयार किए. इसके बाद सरकारी, गैर कृषि, ऋणी कृषि व अन्य किसानों की जमीन को उन फर्जी किसानों के नाम दिखा दिया. यही नहीं दोनों ने मिलकर इन्हीं फर्जी किसानों के नाम पर 33 लाख 42 हजार 524 रुपए स्वीकृत कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दावा राशि का गबन किया है. हजरतगंज इंस्पेक्टर के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी व आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-बरेली में युवक की हत्या, किसने की थी मोबाइल पर आखिरी कॉल, पुलिस कर रही पड़ताल

लखनऊ: राजधानी में फर्जी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाकर कंपनी के अधिकारियों ने 33 लाख रुपये हड़प लिए. केंद्र व राज्य सरकार की ओर किसानों का फसल बीमा करने के लिए यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी अधिकृत है. कंपनी का आरोप है कि उनके यहां कार्यरत रहे कृषि प्रमुख व जोनल हेड ने अपने पद का लाभ उठाते हुए फसल बीमा के लिए फर्जी किसानों का रजिस्ट्रेशन कराया. फिर जालसाजी करके उनके नाम पर 33 लाख 42 हजार 524 रुपये का क्लेम अप्रूव कर दिया. कंपनी ने दो अधिकारियों के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है.

कैसे पकड़ा गया फसल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गबन
इंस्पेक्टर हजरतगंज अखिलेश कुमार मिश्रा के मुताबिक बीमा कंपनी के कर्मचारी सौरभ कुमार ने बताया था कि उनकी कंपनी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों का बीमा करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार से अधिकृत है. जिसका मुख्य कार्यालय मुंबई व राणा प्रताप मार्ग लखनऊ में ब्रांच कार्यालय है. आरोप था कि दस्तावेजों की जांच में कुछ ऐसे किसानों की जानकारी मिली थी, जिनका फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन किया गया था. यही नहीं उनका क्लेम भी स्वीकार करते हुए जारी कर दिया गया. ऐसे में फर्जी किसानों की जानकारी मिलते ही कंपनी ने ऑडिट कराया और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों की जानकारी जुटाई गई. इसमें दो नाम निकल कर सामने आए, जिन्होंने योजना और कंपनी दोनों के साथ ही धोखाधड़ी की थी.

अधिकारियों ने कैसे किया खेल
सौरभ कुमार के मुताबिक साल 2019 में प्रदेश कृषि प्रमुख अमित शर्मा के पास कंपनी के स्टेट एडमिन राइट्स थे. जिन्होंने अन्य कर्मचारियों की लॉगिन आईडी के जरिए फर्जी किसानों का रजिस्ट्रेशन कर दिया. अमित शर्मा के पास गैर ऋणी कृषि बीमा सत्यापन और स्वीकृति करने का भी राइट्स था. कंपनी का आरोप है कि अमित फर्जी किसानों का डेटाबेस तैयार करके उनका पंजीकरण करता था और कंपनी के जोनल हेड अरविंद यादव उनका क्लेम स्वीकृति कर दिया करते थे.

सरकारी जमीन को फर्जी किसानों की दिखाकर किया रजिस्ट्रेशन
बीमा कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि तत्कालीन कृषि प्रमुख अमित शर्मा व जोनल हेड अरविंद यादव ने मिल कर शातिराना तरीके से कंपनी व सरकार को चूना लगाया है. उनके मुताबिक, दोनों अधिकारियों ने पहले तो फर्जी किसानों के दस्तावेज तैयार किए. इसके बाद सरकारी, गैर कृषि, ऋणी कृषि व अन्य किसानों की जमीन को उन फर्जी किसानों के नाम दिखा दिया. यही नहीं दोनों ने मिलकर इन्हीं फर्जी किसानों के नाम पर 33 लाख 42 हजार 524 रुपए स्वीकृत कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना दावा राशि का गबन किया है. हजरतगंज इंस्पेक्टर के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी व आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.

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