लखनऊ : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल मृतक के पिता संतोष गुप्ता की पुनरीक्षण याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. न्यायालय ने पाया कि याची संतोष गुप्ता की मृत्यु वर्ष 2005 में ही हो चुकी है. वहीं दोषमुक्ति को अपील के माध्यम से राज्य सरकार ने भी चुनौती दे रखी है. न्यायालय ने कहा कि इन परिस्थितियों में याची के कानूनी वारिस को सरकार की अपील में सुनवाई का अवसर देना उचित होगा.
यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने पारित किया है. वहीं न्यायालय ने सरकार की अपील में प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता की ओर से उनके वकील द्वारा दाखिल वकालतनामा को भी रिकॉर्ड पर लेने का आदेश दिया है. उक्त अपील में सोमवार से दिन प्रतिदिन सुनवाई चल रही है. फिलहाल राज्य सरकार के अधिवक्ता द्वारा बहस की जा रही है. मामले की गुरूवार को भी सुनवाई होगी.
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. प्रभात समाजवादी पार्टी के यूथ विंग का सदस्य व लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नेता था. जबकि अजय मिश्रा टेनी उस समय भी भाजपा से जुड़े थे. अभियोजन के अनुसार दोनों के बीच पंचायत चुनाव को लेकर दुश्मनी हो गई थी. घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी को भी नामजद किया गया था. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दिया था. वहीं प्रभात के पिता ने भी उक्त आदेश के विरुद्ध पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी.
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