लखनऊ : उपभोक्ताओं से वसूली के मामले में भले ही बिजली विभाग के तमाम अभियंताओं को निलंबन झेलना पड़ा हो, बावजूद इसके अब भी अभियंता उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने में और लेने में कोताही नहीं कर रहे हैं. राजधानी समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बिजली विभाग के अभियंता चेकिंग अभियान के बाद उपभोक्ताओं से सौदेबाजी करने में जुटे हुए हैं. बिजली की चेकिंग टीम से जुड़े लोग कागज व किसी अन्य बहाने से उपभोक्ता को बुलाते हैं और फिर वहां बिजली चोरी के मामले सुलटाने के बदले वसूली की बात होती है.
पिछले दिनों लखनऊ और कुछ अन्य जनपदों में इस तरह के मामले हुए हैं. जिन विद्युत उपभोक्ताओं का भार अधिक था उन्हें विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के तहत कार्रवाई की नोटिस दे दी गई जो असंवैधानिक था. ऐसे मामलों की शिकायत कर कार्रवाई की मांग उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने पाॅवर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज और प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से की है.
विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि बिजली चोरी करने वाले किसी भी व्यक्ति को चाहे वह जितनी पहुंच वाला क्यों न हो उसे छोड़ा नहीं जाना चाहिए. अभी बिजली चोरी करने वाले जो संपन्न लोग हैं उन्हें यह लगता है कि वह सौदेबाजी करके बच जाएंगे जिससे लगातार बिजली चोरी बढ़ रही है और उसका खामियाजा प्रदेश के आदर्श उपभोक्ता भुगत रहे हैं. चेकिंग टीम के कुछ सदस्य अपने निजी स्वार्थ में कार्य कर रहे हैं.
अवधेश वर्मा का कहना है कि एक दिन पहले राजधानी के कानपुर रोड पर गर्मी के महीने में भार बढ़ जाने पर कई घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 126 के तहत कार्रवाई का विरोध किया गया था और प्रबंधन को अवगत कराया था. अब कानपुर रोड के अधिशासी अभियंता ने अपने सभी आदेश निरस्त कर दिए हैं. उच्चाधिकारियों ने कहा है कि जिन उपभोक्ताओं से इस मद में गलत तरीके से वसूली की गई होगी, उनकी वापसी उनके बिल में कर दी जाएगी. वर्मा का कहना है कि वह विद्युत नियामक आयोग के बनाए गए कानून की परिधि में रहकर ही बिजली उपभोक्ताओं के खिलाफ कोई भी कार्रवाई आगे बढ़ाएं.
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