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अब घर-घर टीबी की रिपोर्ट पहुंचाएंगे डाकिया

राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में हुए करार के तहत अब 1 मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैंपल लैब तक पहुंचाने का काम डाकिए करेंगे.

अब घर-घर टीबी की रिपोर्ट पहुंचाएंगे डाकिया
अब घर-घर टीबी की रिपोर्ट पहुंचाएंगे डाकिया
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Published : Apr 24, 2020, 12:08 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में क्षय रोग यानी टीबी के खात्मे को लेकर कई योजनाएं और कार्यक्रम पहले से ही संचालित हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य भवन में राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में विधिवत एक करार हुआ है, जिसके तहत अब 1 मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैंपल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिए करेंगे.

राज्य क्षय रोग कार्यक्रम के अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले यह सैंपल कोरियर से भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज शुरू होने में विलंब होता था. इस करार के साथ ही उत्तर प्रदेश इस नई व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रुकुम केश की उपस्थिति में राज्य क्षय रोग कार्यक्रम के अधिकारी डॉक्टर संतोष गुप्ता और डाक विभाग के सहायक निदेशक ओमप्रकाश ने इस करार पर हस्ताक्षर किए.

इस करार के मुताबिक प्रदेश के करीब 2300 अधिकृत टीबी जांच केंद्रों से 24 घंटे के अंदर 142 सीबी नोट मशीन सेंटर तक सैंपल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा. इसके साथ ही 142 सीबी नोट मशीन सेंटर से प्रदेश के 8 जिलों (लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा) में स्थित ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक पहुंचाने का काम करेगा.

डॉक्टर संतोष गुप्ता ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, आगरा, बदायूं और चंदौली जिले में पहले चरण में यह कार्यक्रम चलाया गया था. उसी दौरान मिली सफलता के आधार पर ही अब 1 मई से यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जा रही है.


ये भी पढ़ें- यूपी में अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी मुकदमों की सुनवाई

लखनऊ: प्रदेश में क्षय रोग यानी टीबी के खात्मे को लेकर कई योजनाएं और कार्यक्रम पहले से ही संचालित हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य भवन में राज्य क्षय रोग विभाग और भारतीय डाक विभाग में विधिवत एक करार हुआ है, जिसके तहत अब 1 मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीबी मरीजों का सैंपल लैब तक पहुंचाने का काम अब डाकिए करेंगे.

राज्य क्षय रोग कार्यक्रम के अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले यह सैंपल कोरियर से भेजे जाते थे, जिससे रोगियों की पहचान और इलाज शुरू होने में विलंब होता था. इस करार के साथ ही उत्तर प्रदेश इस नई व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रुकुम केश की उपस्थिति में राज्य क्षय रोग कार्यक्रम के अधिकारी डॉक्टर संतोष गुप्ता और डाक विभाग के सहायक निदेशक ओमप्रकाश ने इस करार पर हस्ताक्षर किए.

इस करार के मुताबिक प्रदेश के करीब 2300 अधिकृत टीबी जांच केंद्रों से 24 घंटे के अंदर 142 सीबी नोट मशीन सेंटर तक सैंपल पहुंचाने का काम डाक विभाग करेगा. इसके साथ ही 142 सीबी नोट मशीन सेंटर से प्रदेश के 8 जिलों (लखनऊ, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर और इटावा) में स्थित ड्रग कल्चर सेंसटिविटी टेस्ट सेंटर तक पहुंचाने का काम करेगा.

डॉक्टर संतोष गुप्ता ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ, आगरा, बदायूं और चंदौली जिले में पहले चरण में यह कार्यक्रम चलाया गया था. उसी दौरान मिली सफलता के आधार पर ही अब 1 मई से यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जा रही है.


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