लखनऊ: देशव्यापी लॉकडाउन को एक महीने से ज्यादा समय हो गया है. ऐसे में सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की मुश्किलों को दूर करने के लिए डाक विभाग अपना काम सही तरीके से कर रहा है. लॉकडाउन के समय प्रदेश के गांवों में डाक विभाग रोजाना 80 हजार से ज्यादा लोगों को पैसे पहुंचा रहा है.
जरूरतमंदों को उपलब्ध कराई जा रही धनराशि
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पोस्टमैन और ग्रामीण डाक सेवक आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) के माध्यम से दूसरे बैंकों से करीब 140 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि जरूरतमंदों को उपलब्ध करा चुके हैं.
राज्य सरकार को हो रही सुविधा
प्रदेश के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कौशल कुमार सिन्हा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि डाक विभाग की इस सुविधा से राज्य सरकार को काफी आसानी हो रही है. डाक विभाग की इस पहल से वृद्धजनों, दिव्यांग, मरीज, गरीब किसानों और मजदूरों को सबसे ज्यादा लाभ मिल रहा है.
कई सुविधाएं उपलब्ध करा रहा डाक घर
चीफ पोस्टमास्टर जनरल ने कहा डाक विभाग दवाओं की बुकिंग और वितरण से लेकर पैसों को पहुंचाने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के जरिये मेल वैन पूरे प्रदेश में चल रही हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान डाकघर बचत खातों के जरिए करीब 6 हजार करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ है.
कैंप लगाकर दी जा रही सुविधा
वहीं लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने भी बताया कि घर की रसोई से लेकर खेतों तक, गांव की गलियों से लेकर नदियों में नाव तक डाकिया लोगों को उनके पैसे पहुंचा रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस दौरान लॉकडाउन के नियमों का पालन किया जा रहा है.
लॉकडाउन के दौरान डाक विभाग हर दिन करीब 80 हजार लोगों को पैसे उपलब्ध करा रहा है. वहीं डाक विभाग 1 दिन में अधिकतम ₹10 हजार निकालने की सुविधा प्रदान कर रहा है.