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अस्पतालों में टीबी टेस्ट की पहुंची घटिया किट, मरीजों की गड़बड़ी रिपोर्ट

सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दिन-ब-दिन लचर होती जा रही हैं. करोड़ों की दवाएं एक्सपायर हो रही हैं और अस्पतालों में एमडीआरटीबी टेस्ट की घटिया किट के कारण मरीजों की रिपोर्ट गलत आ रही है. लिहाजा, स्टेट टीबी ऑफिसर ने अस्पतालों को टेस्ट को लेकर सचेत किया है. साथ ही तत्काल किट वापस करने के भी निर्देश दिए हैं.

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Published : May 21, 2022, 12:19 PM IST

लखनऊ: सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दिन-ब-दिन लचर होती जा रही हैं. करोड़ों की दवाएं एक्सपायर हो रही हैं और अस्पतालों में एमडीआरटीबी टेस्ट की घटिया किट के कारण मरीजों की रिपोर्ट गलत आ रही है. लिहाजा, स्टेट टीबी ऑफिसर ने अस्पतालों को टेस्ट को लेकर सचेत किया है. साथ ही तत्काल किट वापस करने के भी निर्देश दिए हैं. राज्य में जनवरी से लेकर अब तक दो लाख 54 हजार मरीज टीबी के रजिस्टर्ड किए गए हैं. वहीं, 15 हजार मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) के हैं. इन सभी का नजदीकी डॉट्स सेंटर, डॉट्स प्लस सेंटर पर इलाज चल रहा है.

वहीं, जब भी टीबी मरीज बीच में दवा छोड़ देते हैं तो वह एमडीआरटीबी की चपेट में आ जाते हैं. एमडीआरटीबी की पुष्टि के लिए कल्चर टेस्ट किया जाता है और इसके लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें रिएजेंट (अभिकर्मक) होता है. लेकिन आरोप है कि इन दिनों सूबे की सरकारी अस्पतालों में घटिया किट की सप्लाई ने अधिकारियों की चिंता बढ़ाने का काम किया है. साथ ही बताया गया कि घटिया टेस्ट किट के कारण मरीजों की जांच रिपोर्ट में भी दिक्कतें आने लगी है और गलत रिपोर्ट की वजह से इलाज भी प्रभावित हो रहा है.

किट वापस करने का आदेश: इससे बाबत राज्य टीबी ऑफिसर डॉ. संतोष गुप्ता ने मंडल निदेशकों को पत्र जारी किया है. जिसमें ट्रू नेट नॉट एम टीबी चिप्स-बैच नंबर tb191 और टीबी रीफ डीएक्स चिप्स बैच नंबर tx067,tx068,tx069,tx070 के निर्माण के दौरान भंडारण में एचयू खराब हो गया. ऐसे में किट में नमी आ गई. इससे टेस्ट के परिणाम भी गलत आ सकते हैं. यही कारण है कि तत्काल इन किटों को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं.

मरीजों की गड़बड़ी रिपोर्ट
किट वापस करने के निर्देश

इसे भी पढ़ें - डिप्टी सीएम के छापे में खुली पोल, सरकारी वेयरहाउस में एक्सपायर हुईं 16.40 करोड़ की दवाएं

हर साल 4 लाख लोगों की टीबी से मौत: वर्तमान में एक साल में विश्व में 15 लाख लोग टीबी से जान गंवा रहे हैं. इसमें भारत में 4 लाख मरीजों की हर साल टीबी से मौत हो रही है. वहीं, यूपी में हर साल एक लाख टीबी मरीजों की सांसे थम रही हैं. इधर, अब केंद्र सरकार ने बीमारी से हो रही जनहानि को समझा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है.

यूपी में टीबी के इलाज की व्यवस्था

  • मरीज - 4.5 लाख
  • सीबी नॉट लैब - 166
  • ट्रू नेट लैब - 458
  • कल्चर एंड ड्रग सेंसिटीविटी लैब - 9
  • डीआरटीबी डॉट्स प्लस - 22 सेंटर
  • डिस्ट्रिक्ट डीआरटीबी यूनिट - 56
  • टीबी यूनिट - 1130

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लखनऊ: सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत दिन-ब-दिन लचर होती जा रही हैं. करोड़ों की दवाएं एक्सपायर हो रही हैं और अस्पतालों में एमडीआरटीबी टेस्ट की घटिया किट के कारण मरीजों की रिपोर्ट गलत आ रही है. लिहाजा, स्टेट टीबी ऑफिसर ने अस्पतालों को टेस्ट को लेकर सचेत किया है. साथ ही तत्काल किट वापस करने के भी निर्देश दिए हैं. राज्य में जनवरी से लेकर अब तक दो लाख 54 हजार मरीज टीबी के रजिस्टर्ड किए गए हैं. वहीं, 15 हजार मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) के हैं. इन सभी का नजदीकी डॉट्स सेंटर, डॉट्स प्लस सेंटर पर इलाज चल रहा है.

वहीं, जब भी टीबी मरीज बीच में दवा छोड़ देते हैं तो वह एमडीआरटीबी की चपेट में आ जाते हैं. एमडीआरटीबी की पुष्टि के लिए कल्चर टेस्ट किया जाता है और इसके लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाता है. जिसमें रिएजेंट (अभिकर्मक) होता है. लेकिन आरोप है कि इन दिनों सूबे की सरकारी अस्पतालों में घटिया किट की सप्लाई ने अधिकारियों की चिंता बढ़ाने का काम किया है. साथ ही बताया गया कि घटिया टेस्ट किट के कारण मरीजों की जांच रिपोर्ट में भी दिक्कतें आने लगी है और गलत रिपोर्ट की वजह से इलाज भी प्रभावित हो रहा है.

किट वापस करने का आदेश: इससे बाबत राज्य टीबी ऑफिसर डॉ. संतोष गुप्ता ने मंडल निदेशकों को पत्र जारी किया है. जिसमें ट्रू नेट नॉट एम टीबी चिप्स-बैच नंबर tb191 और टीबी रीफ डीएक्स चिप्स बैच नंबर tx067,tx068,tx069,tx070 के निर्माण के दौरान भंडारण में एचयू खराब हो गया. ऐसे में किट में नमी आ गई. इससे टेस्ट के परिणाम भी गलत आ सकते हैं. यही कारण है कि तत्काल इन किटों को वापस करने के निर्देश दिए गए हैं.

मरीजों की गड़बड़ी रिपोर्ट
किट वापस करने के निर्देश

इसे भी पढ़ें - डिप्टी सीएम के छापे में खुली पोल, सरकारी वेयरहाउस में एक्सपायर हुईं 16.40 करोड़ की दवाएं

हर साल 4 लाख लोगों की टीबी से मौत: वर्तमान में एक साल में विश्व में 15 लाख लोग टीबी से जान गंवा रहे हैं. इसमें भारत में 4 लाख मरीजों की हर साल टीबी से मौत हो रही है. वहीं, यूपी में हर साल एक लाख टीबी मरीजों की सांसे थम रही हैं. इधर, अब केंद्र सरकार ने बीमारी से हो रही जनहानि को समझा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है.

यूपी में टीबी के इलाज की व्यवस्था

  • मरीज - 4.5 लाख
  • सीबी नॉट लैब - 166
  • ट्रू नेट लैब - 458
  • कल्चर एंड ड्रग सेंसिटीविटी लैब - 9
  • डीआरटीबी डॉट्स प्लस - 22 सेंटर
  • डिस्ट्रिक्ट डीआरटीबी यूनिट - 56
  • टीबी यूनिट - 1130

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