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यूपी के कई जिलों की आबोहवा फिर हुई खराब, जानिए कितना है AQI

यूपी के कई जिलों का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ (Air Quality) गया है. सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा की हवा काफी प्रदूषित है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 1, 2023, 3:33 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 3:47 PM IST

लखनऊ : यूपी के कई जिलों का प्रदूषण स्तर इस समय काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. इस समय सुबह, शाम और रात में फॉग भी हो रहा है. इस समय तमाम जिलों का प्रदूषण स्तर दोपहर के समय कम हो जाता है. बाकी समय एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच रहा है. सबसे अधिक प्रदूषित हवा मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा का है.


सेंट्रल कंट्रोल पॉल्यूशन बोर्ड (सीपीसीबी) की शुक्रवार की दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा का एक्यूआई 355, मेरठ का एक्यूआई 351, गाजियाबाद का एक्यूआई 360, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 320, प्रयागराज का एक्यूआई 160, लखनऊ का एक्यूआई 158, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 238, वृंदावन का एक्यूआई 118, गोरखपुर का एक्यूआई 117, कानपुर का एक्यूआई 58, बरेली का एक्यूआई 206, झांसी का एक्यूआई 79, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 139 और वाराणसी का एक्यूआई 65 है.

एक्यूआई गुणवत्ता
0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
301-400 बेहद खराब
401-500 खतरनाक

इंडस्ट्रियल एरिया का प्रदूषण स्तर : राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल एरिया की आबोहवा अक्सर खराब रहती है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है. शुक्रवार को रिपोर्ट के मुताबिक, तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 181, केंद्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 140, लालबाग का एक्यूआई 236, गोमतीनगर का एक्यूआई 192 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 98 है. यह प्रदूषण स्तर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक है. जबकि सुबह, शाम और रात के समय इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच जाता है.

'एंटी फॉगिंग का करवाया जा रहा छिड़काव' : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि 'इस समय प्रदूषण स्तर काफी अधिक बढ़ गया है. धुंध की वजह से प्रदूषण स्तर काफी बढ़ गया है. प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगर निगम की मदद से एंटी फॉगिंग का छिड़काव करवा रहा है. इस मौसम में प्रदूषण स्तर हर साल बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जाते हैं. आम पब्लिक को भी जागरूक होने की आवश्यकता है, जितना जरूरी हो सके उतना ही बाहर जाएं. दो पहिया, चार पहिया वाहन का इस्तेमाल कम से कम करें.'

यह भी पढ़ें : मौसम अलर्ट! यूपी में दिनभर बूंदाबांदी, कोहरे ने बढ़ाई ठंड: बरेली-बिजनौर सबसे सर्द

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लखनऊ : यूपी के कई जिलों का प्रदूषण स्तर इस समय काफी ज्यादा बढ़ा हुआ है. इस समय सुबह, शाम और रात में फॉग भी हो रहा है. इस समय तमाम जिलों का प्रदूषण स्तर दोपहर के समय कम हो जाता है. बाकी समय एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच रहा है. सबसे अधिक प्रदूषित हवा मेरठ, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा का है.


सेंट्रल कंट्रोल पॉल्यूशन बोर्ड (सीपीसीबी) की शुक्रवार की दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा का एक्यूआई 355, मेरठ का एक्यूआई 351, गाजियाबाद का एक्यूआई 360, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 320, प्रयागराज का एक्यूआई 160, लखनऊ का एक्यूआई 158, मुजफ्फरनगर का एक्यूआई 238, वृंदावन का एक्यूआई 118, गोरखपुर का एक्यूआई 117, कानपुर का एक्यूआई 58, बरेली का एक्यूआई 206, झांसी का एक्यूआई 79, प्रतापगढ़ का एक्यूआई 139 और वाराणसी का एक्यूआई 65 है.

एक्यूआई गुणवत्ता
0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 मध्यम
201-300 खराब
301-400 बेहद खराब
401-500 खतरनाक

इंडस्ट्रियल एरिया का प्रदूषण स्तर : राजधानी लखनऊ के इंडस्ट्रियल एरिया की आबोहवा अक्सर खराब रहती है. यहां पर हमेशा प्रदूषण स्तर बढ़ा रहता है. शुक्रवार को रिपोर्ट के मुताबिक, तालकटोरा इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 181, केंद्रीय विद्यालय लखनऊ का एक्यूआई 140, लालबाग का एक्यूआई 236, गोमतीनगर का एक्यूआई 192 और कुकरैल पिकनिक स्पॉट का एक्यूआई 98 है. यह प्रदूषण स्तर शुक्रवार को दोपहर 12 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक है. जबकि सुबह, शाम और रात के समय इंडस्ट्रियल एरिया का एक्यूआई 300 अंक के पार पहुंच जाता है.

'एंटी फॉगिंग का करवाया जा रहा छिड़काव' : उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. उमेश चंद्र शुक्ला ने बताया कि 'इस समय प्रदूषण स्तर काफी अधिक बढ़ गया है. धुंध की वजह से प्रदूषण स्तर काफी बढ़ गया है. प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नगर निगम की मदद से एंटी फॉगिंग का छिड़काव करवा रहा है. इस मौसम में प्रदूषण स्तर हर साल बढ़ जाता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए तमाम प्रयास किए जाते हैं. आम पब्लिक को भी जागरूक होने की आवश्यकता है, जितना जरूरी हो सके उतना ही बाहर जाएं. दो पहिया, चार पहिया वाहन का इस्तेमाल कम से कम करें.'

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Last Updated : Dec 1, 2023, 3:47 PM IST
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