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फिर बढ़ा राजधानी का प्रदूषण स्तर, दो दिन में 189 पर पहुंचा एक्यूआई लेवल

राजधानी लखनऊ का एक्यूआई लेवल दो दिन में बढ़कर फिर 189 पहुंच गया. बीते दिनों ताउते तूफान की वजह से हुई बारिश व कोरोना के कारण लगे आंशिक कर्फ्यू से लखनऊ शहर का प्रदूषण लेवल घटकर 54 तक पहुंच गया था. लेकिन अब फिर से इसमें बढ़ोतरी होने लगी है.

फिर बढ़ा राजधानी का प्रदूषण स्तर
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Published : May 24, 2021, 3:33 PM IST

लखनऊ : ऑफ सीजन बारिश होने की वजह से बीते दिनों राजधानी का एक्यूआई 54 पहुंच गया था. क्योंकि ताउते तूफान के असर के कारण बगैर मौसम बारिश हुई. लेकिन सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक तूफान का असर हटते ही राजधानी का एक्यूआई सोमवार को 189 हो गया. हालांकि राजधानी की हवा पहले से सुधरी है.

आप को बता दें कि कुछ दिनों पहले भी एक्यूआई का ये आंकड़ा 74 पर पहुंच गया था, लेकिन फिर बढ़ गया. वहीं बीते शुक्रवार को सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार राजधानी का एक्यूआई 54 था. राजधानी के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई बढ़े हैं. सबसे कम एक्यूआई वाला इलाका गोमतीनगर है. जहां का एक्यूआई 80 है. जबकि तालकटोरा 257, सेंट्रल स्कूल 212 और लालबाग 207 एक्यूआई है.


ऑफ सीजन बारिश का हुआ था असर

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ वीपी श्रीवास्तव की मानें तो इन दिनों कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन जो लगाया गया है उसका असर हमारे पर्यावरण पर भी पड़ा है. साथ ही ताउते तूफान का असर भी है. इसके कारण वातावरण पूरी तरह स्वच्छ है और ऑफ सीजन बारिश का असर पर्यावरण पर पड़ा है. जिसके कारण उस समय राजधानी का एक्यूआई 54 पहुंच गया. क्योंकि लॉकडाउन व बारिश होने के कारण पिछले 3 दिनों से शहर में वाहन इत्यादि नहीं चले. वहीं सेतु निर्माण का कार्य भी ठप्प है. साथ ही कारखानों में होने वाले कार्य भी बंद पड़े हैं. जिसके कारण पिछले 3 दिनों के आंकड़े काफी बेहतर आए हैं. लॉकडाउन से पहले भी जब नाइट कर्फ्यू लगाया गया था, तो उस समय भी यह आंकड़े पहले की तुलना में कम हुए थे. वहीं लॉकडाउन लग जाने के बाद तो राजधानी की हवा में काफी सुधार हुआ है.

इसे भई पढे़ं- राजधानी लखनऊ के अस्पतालों की बड़ी लापरवाही, 8876 कोरोना मरीज गायब !

बीते दिनों के आंकड़े

गर्मियों में हवा तेज रहने के बाद भी हवा में औसत से अधिक प्रदूषण मिल रहा था. ऐसे में एक्यूआइ 28 व 29 अप्रैल को 200 के ऊपर पहुंच गया. इसका मतलब हवा के बहुत खराब होने का है. तालकटोरा और आलमबाग जैसे इलाकों में तो हवा इस बीच बहुत खराब यानी 300 एक्यूआई के ऊपर तक रिकॉर्ड हुई. यह दोनों इलाके लखनऊ में औद्योगिक क्षेत्र व व्यवसायिक क्षेत्र में आते हैं. वहीं 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दिन के समय व्यवसायिक गतिविधियों व लोगों के आने-जाने पर भी कोई रोक नहीं थी. केवल रात के समय ही इन गतिविधियों को नाइट कर्फ्यू में रोका गया. लेकिन जब से बारिश हुई. इन 3 दिनों में राजधानी की प्रदूषित हवा काफी सुधर गई.

लखनऊ : ऑफ सीजन बारिश होने की वजह से बीते दिनों राजधानी का एक्यूआई 54 पहुंच गया था. क्योंकि ताउते तूफान के असर के कारण बगैर मौसम बारिश हुई. लेकिन सीपीसीबी रिपोर्ट के मुताबिक तूफान का असर हटते ही राजधानी का एक्यूआई सोमवार को 189 हो गया. हालांकि राजधानी की हवा पहले से सुधरी है.

आप को बता दें कि कुछ दिनों पहले भी एक्यूआई का ये आंकड़ा 74 पर पहुंच गया था, लेकिन फिर बढ़ गया. वहीं बीते शुक्रवार को सीपीसीबी रिपोर्ट के अनुसार राजधानी का एक्यूआई 54 था. राजधानी के विभिन्न इलाकों में एक्यूआई बढ़े हैं. सबसे कम एक्यूआई वाला इलाका गोमतीनगर है. जहां का एक्यूआई 80 है. जबकि तालकटोरा 257, सेंट्रल स्कूल 212 और लालबाग 207 एक्यूआई है.


ऑफ सीजन बारिश का हुआ था असर

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ वीपी श्रीवास्तव की मानें तो इन दिनों कोरोनावायरस की वजह से लॉकडाउन जो लगाया गया है उसका असर हमारे पर्यावरण पर भी पड़ा है. साथ ही ताउते तूफान का असर भी है. इसके कारण वातावरण पूरी तरह स्वच्छ है और ऑफ सीजन बारिश का असर पर्यावरण पर पड़ा है. जिसके कारण उस समय राजधानी का एक्यूआई 54 पहुंच गया. क्योंकि लॉकडाउन व बारिश होने के कारण पिछले 3 दिनों से शहर में वाहन इत्यादि नहीं चले. वहीं सेतु निर्माण का कार्य भी ठप्प है. साथ ही कारखानों में होने वाले कार्य भी बंद पड़े हैं. जिसके कारण पिछले 3 दिनों के आंकड़े काफी बेहतर आए हैं. लॉकडाउन से पहले भी जब नाइट कर्फ्यू लगाया गया था, तो उस समय भी यह आंकड़े पहले की तुलना में कम हुए थे. वहीं लॉकडाउन लग जाने के बाद तो राजधानी की हवा में काफी सुधार हुआ है.

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बीते दिनों के आंकड़े

गर्मियों में हवा तेज रहने के बाद भी हवा में औसत से अधिक प्रदूषण मिल रहा था. ऐसे में एक्यूआइ 28 व 29 अप्रैल को 200 के ऊपर पहुंच गया. इसका मतलब हवा के बहुत खराब होने का है. तालकटोरा और आलमबाग जैसे इलाकों में तो हवा इस बीच बहुत खराब यानी 300 एक्यूआई के ऊपर तक रिकॉर्ड हुई. यह दोनों इलाके लखनऊ में औद्योगिक क्षेत्र व व्यवसायिक क्षेत्र में आते हैं. वहीं 26 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दिन के समय व्यवसायिक गतिविधियों व लोगों के आने-जाने पर भी कोई रोक नहीं थी. केवल रात के समय ही इन गतिविधियों को नाइट कर्फ्यू में रोका गया. लेकिन जब से बारिश हुई. इन 3 दिनों में राजधानी की प्रदूषित हवा काफी सुधर गई.

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