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प्रदेश के कई जिलों में धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर बढ़ा, जानिए शहरों का हाल - धुंध के साथ बढ़ा प्रदूषण

प्रदेश के कई जिलों में धुंध के साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ (Pollution level increased in many districts) रहा है. प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jan 2, 2023, 4:40 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ (Pollution level increased in many districts) रहा है. प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां की आबोहवा पूरी तरह से खराब है. सर्दी बढ़ने के साथ ही धुंध के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है, वहीं सांस के मरीजों और आंखों में जलन के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है. सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा का प्रदूषण स्तर 398, गाजियाबाद 281, बरेली 198, आगरा 335, कानपुर 167, मुजफ्फरनगर 369, मेरठ 189, प्रयागराज 167 और वाराणसी का एक्यूआई 101 है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दिनों लखनऊ की हवा दूषित हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को शहर का एक्यूआई 325 है. प्रदेश के टॉप 10 शहर ऐसे हैं जहां की हवा दीपावली व दशहरा के बाद से दूषित हुई है. नए साल के मौके पर भी शहरवासियों ने जमकर आतिशबाजी की. राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर का एक्यूआई 325, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 256, लालबाग का एक्यूआई 281, गोमतीनगर का एक्यूआई 185 और कुकरैल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 193 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं, जहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.

ठंड बढ़ते ही लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में धुंध के साथ प्रदूषण बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. वायु प्रदूषण के लिहाज से आगरा, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अनपरा, गजरौला, खुर्जा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, फिरोजाबाद, रायबरेली और गोरखपुर को संवेदनशील माना गया है. ये वो शहर हैं जहां की वायु गुणवता का स्तर राष्ट्रीय मानक से कम है, इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों पर विशेष नजर रखने की कार्ययोजना बनाई है. यहां वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को लिखा पत्र, भारत जोड़ो यात्रा के लिए दीं शुभकामनाएं

लखनऊ : प्रदेश में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ (Pollution level increased in many districts) रहा है. प्रदेश के कुछ जिले ऐसे हैं जहां की आबोहवा पूरी तरह से खराब है. सर्दी बढ़ने के साथ ही धुंध के साथ वायु प्रदूषण भी बढ़ रहा है. ऐसे में अस्पतालों में भी काफी भीड़ देखने को मिल रही है, वहीं सांस के मरीजों और आंखों में जलन के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है. सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा का प्रदूषण स्तर 398, गाजियाबाद 281, बरेली 198, आगरा 335, कानपुर 167, मुजफ्फरनगर 369, मेरठ 189, प्रयागराज 167 और वाराणसी का एक्यूआई 101 है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दिनों लखनऊ की हवा दूषित हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को शहर का एक्यूआई 325 है. प्रदेश के टॉप 10 शहर ऐसे हैं जहां की हवा दीपावली व दशहरा के बाद से दूषित हुई है. नए साल के मौके पर भी शहरवासियों ने जमकर आतिशबाजी की. राजधानी के तालकटोरा इंडस्ट्री सेंटर का एक्यूआई 325, सेंट्रल स्कूल का एक्यूआई 256, लालबाग का एक्यूआई 281, गोमतीनगर का एक्यूआई 185 और कुकरैल पिकनिक स्पॉटस्पॉट-1 का एक्यूआई 193 है. राजधानी लखनऊ के यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल एरिया में शामिल होते हैं, जहां पर कल कारखाने का काम अधिक होता है.

ठंड बढ़ते ही लखनऊ समेत प्रमुख शहरों में धुंध के साथ प्रदूषण बढ़ने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. वायु प्रदूषण के लिहाज से आगरा, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, अनपरा, गजरौला, खुर्जा, बरेली, मुरादाबाद, झांसी, फिरोजाबाद, रायबरेली और गोरखपुर को संवेदनशील माना गया है. ये वो शहर हैं जहां की वायु गुणवता का स्तर राष्ट्रीय मानक से कम है, इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों पर विशेष नजर रखने की कार्ययोजना बनाई है. यहां वायु प्रदूषण फैलाने वाले कारकों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

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