ETV Bharat / state

लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 377 के पार, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

राजधानी लखनऊ में लगातार प्रदूषण का स्तल बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. राजधानी के ग्रामीणों इलाका और भी बुरा हाल है. वहीं लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 के पार पहुंच चुका है.

etv bharat
डॉक्टर मनीष अवस्थी ,चिकित्सक मोहनलालगंज सीएचसी
author img

By

Published : Nov 29, 2019, 11:55 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में प्रदूषण की मार कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो सरकारी अस्पतालों में प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.

प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या.

दिवाली के बाद से ही लगातार प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी प्रदूषण के कहर से अछूती नहीं है, बल्कि राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से भी खराब होता जा रहा है. अगर लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो वहां भी प्रदूषण अपना कहर बरपा रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सांस लेने की समस्या से जूझ रहे हैं.

पढ़ें: सड़क दुर्घटना से हुई मौतों में यूपी था नंबर वन, 2019 में आई 5% की कमी

वहीं इस मामले पर ईटीवी भारत ने मोहनलालगंज सीएचसी डॉक्टर मनीष अवस्थी से बात की तो उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है और आंखों में जलन भी है.

प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं सरकार द्वारा कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक प्रदूषण के स्तर को कम नहीं किया जा सका है. राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 के पार जा चुका है, जो कि भयावह स्थिति को दर्शाता है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में प्रदूषण की मार कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो सरकारी अस्पतालों में प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.

प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या.

दिवाली के बाद से ही लगातार प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी प्रदूषण के कहर से अछूती नहीं है, बल्कि राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से भी खराब होता जा रहा है. अगर लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो वहां भी प्रदूषण अपना कहर बरपा रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सांस लेने की समस्या से जूझ रहे हैं.

पढ़ें: सड़क दुर्घटना से हुई मौतों में यूपी था नंबर वन, 2019 में आई 5% की कमी

वहीं इस मामले पर ईटीवी भारत ने मोहनलालगंज सीएचसी डॉक्टर मनीष अवस्थी से बात की तो उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है और आंखों में जलन भी है.

प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं सरकार द्वारा कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक प्रदूषण के स्तर को कम नहीं किया जा सका है. राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 के पार जा चुका है, जो कि भयावह स्थिति को दर्शाता है.

Intro:राजधानी लखनऊ में पोलूशन की मार कम नहीं है पोलूशन की वजह से अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है आए दिन मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो सरकारी अस्पतालों में पोलूशन की वजह से मरीजों की संख्या में 30% का इजाफा हुआ है।


Body:दिवाली के बाद से ही लगातार पोलूशन का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी प्रदूषण के कहर से अछूती नहीं है। बलकि राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से भी खराब होता जा रहा है। अगर लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो वहां भी प्रदूषण अपना कहर बरपा रहा है ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सांस लेने की समस्या से जूझ रहे हैं।

वही हमने मोहनलालगंज सीएचसी के डॉक्टर से बात की तो उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30% का इजाफा हुआ है जिसमें सबसे ज्यादा मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है और आंखों में जलन भी है।

डॉक्टर का कहना है कि प्रदूषण के कहर से बचने के लिए अगर आवश्यक ना हो तो घर से बाहर ना निकले ज्यादा से ज्यादा घर में ही रहे।

बाइट- डॉक्टर मनीष अवस्थी (चिकित्सक मोहनलालगंज सीएचसी)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वही सरकार द्वारा कदम तो उठाए जा रहे हैं लेकिन अब तक प्रदूषण के स्तर को कम नहीं किया जा सका है राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 के पार जा चुका है जो कि भयावह स्थिति को दर्शाता है। वही डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आवश्यक ना हो तो घर से बाहर ना निकले।

योगेश मिश्रा लखनऊ
7054179998
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.