लखनऊ: राजधानी लखनऊ में प्रदूषण की मार कम होने का नाम नहीं ले रही है. वहीं प्रदूषण बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों की अगर बात की जाए तो सरकारी अस्पतालों में प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है.
दिवाली के बाद से ही लगातार प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी प्रदूषण के कहर से अछूती नहीं है, बल्कि राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से भी खराब होता जा रहा है. अगर लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों की बात की जाए तो वहां भी प्रदूषण अपना कहर बरपा रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीज सांस लेने की समस्या से जूझ रहे हैं.
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वहीं इस मामले पर ईटीवी भारत ने मोहनलालगंज सीएचसी डॉक्टर मनीष अवस्थी से बात की तो उनका कहना है कि प्रदूषण की वजह से मरीजों की संख्या में 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है, जिसमें सबसे ज्यादा मरीजों को सांस लेने में समस्या हो रही है और आंखों में जलन भी है.
प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं सरकार द्वारा कदम तो उठाए जा रहे हैं, लेकिन अब तक प्रदूषण के स्तर को कम नहीं किया जा सका है. राजधानी लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 377 के पार जा चुका है, जो कि भयावह स्थिति को दर्शाता है.