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पूर्वांचल की जंग : क्या इन सीटों पर बजेगा प्रियंका गांधी का डंका? - priyanka gandhi

12 मई को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर छठवें चरण और 19 मई को 13 सीटों पर सातवें चरण का चुनाव होना है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है. ऐसे में पूर्वांचल की 27 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों की सीटें निकालने की जिम्मेदारी भी प्रियंका गांधी के कंधों पर है.

प्रियंका गांधी (फाइल फोटो).
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Published : May 9, 2019, 5:17 PM IST

लखनऊ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद अब छठवें और सातवें चरण के चुनाव में प्रियंका गांधी की असली अग्निपरीक्षा होने जा रही है. प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं. ऐसे में पूर्वांचल की 27 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों की सीटें निकालने की जिम्मेदारी भी प्रियंका गांधी के कंधों पर है.

छठवें व सातवें चरण में 27 सीटों पर होगा मतदान.

पूर्वांचल की सीटों पर क्या प्रियंका का बजेगा डंका

  • 12 मई को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर छठवें चरण और 19 मई को 13 सीटों पर सातवें चरण का चुनाव होना है.
  • छठवें चरण की इन 14 सीटों में अगर कांग्रेस पार्टी की बात की जाए, तो 2014 में एक भी सीट कांग्रेस के नाम नहीं थी.
  • 2009 में 4 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था.
  • सातवें चरण की 13 सीटों की बात की जाए तो सिर्फ एक सीट पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
  • कुल मिलाकर छठवें और सातवें चरण की 27 सीटों में से 2009 में कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थी.
  • इस बार एक्टिव राजनीति में प्रियंका गांधी पूरी तरह से उतर चुकी हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभा रहीं हैं.
  • ऐसे में इन 27 सीटों पर कांग्रेस को प्रियंका से काफी उम्मीद है.

यह भी जानें

  • 2009 में सुलतानपुर सीट से डॉ. संजय सिंह, प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना सिंह, श्रावस्ती से विनय कुमार पांडेय और डुमरियागंज से जगदंबिका पाल ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी. वहीं सातवें चरण की एकमात्र सीट महराजगंज पर हर्षवर्धन ने कांग्रेस का झंडा लहराया था.
  • प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति का असर जरूर चुनाव पर पड़ेगा. जब से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी हैं, तब से उन्होंने उत्तर प्रदेश में पश्चिम से लेकर पूरब तक प्रचार-प्रसार किया. महिलाओं से मिलीं, जनसंवाद किया, उसका असर जरूर पड़ेगा.

छठवें और सातवें चरण में इन सीटों पर चुनाव

  1. छठवें चरण में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज (सुरक्षित) आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर (सुरक्षित) और भदोही लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है.
  2. सातवें चरण में बनारस, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (सुरक्षित), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और रावर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट पर चुनाव होंगे.

प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति का असर जरूर चुनाव पर पड़ेगा. जब से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी हैं, तब से उन्होंने उत्तर प्रदेश में पश्चिम से लेकर पूरब तक प्रचार-प्रसार किया. महिलाओं से मिलीं, जनसंवाद किया, उसका असर जरूर पड़ेगा. अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस की ही होंगी. प्रियंका का डंका जरूर बजेगा. 23 मई को सामने आ जाएगा.

-सचिन रावत, प्रवक्ता, कांग्रेस

लखनऊ : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव बनने के बाद अब छठवें और सातवें चरण के चुनाव में प्रियंका गांधी की असली अग्निपरीक्षा होने जा रही है. प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं. ऐसे में पूर्वांचल की 27 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों की सीटें निकालने की जिम्मेदारी भी प्रियंका गांधी के कंधों पर है.

छठवें व सातवें चरण में 27 सीटों पर होगा मतदान.

पूर्वांचल की सीटों पर क्या प्रियंका का बजेगा डंका

  • 12 मई को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर छठवें चरण और 19 मई को 13 सीटों पर सातवें चरण का चुनाव होना है.
  • छठवें चरण की इन 14 सीटों में अगर कांग्रेस पार्टी की बात की जाए, तो 2014 में एक भी सीट कांग्रेस के नाम नहीं थी.
  • 2009 में 4 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था.
  • सातवें चरण की 13 सीटों की बात की जाए तो सिर्फ एक सीट पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
  • कुल मिलाकर छठवें और सातवें चरण की 27 सीटों में से 2009 में कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थी.
  • इस बार एक्टिव राजनीति में प्रियंका गांधी पूरी तरह से उतर चुकी हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी निभा रहीं हैं.
  • ऐसे में इन 27 सीटों पर कांग्रेस को प्रियंका से काफी उम्मीद है.

यह भी जानें

  • 2009 में सुलतानपुर सीट से डॉ. संजय सिंह, प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना सिंह, श्रावस्ती से विनय कुमार पांडेय और डुमरियागंज से जगदंबिका पाल ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी. वहीं सातवें चरण की एकमात्र सीट महराजगंज पर हर्षवर्धन ने कांग्रेस का झंडा लहराया था.
  • प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति का असर जरूर चुनाव पर पड़ेगा. जब से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी हैं, तब से उन्होंने उत्तर प्रदेश में पश्चिम से लेकर पूरब तक प्रचार-प्रसार किया. महिलाओं से मिलीं, जनसंवाद किया, उसका असर जरूर पड़ेगा.

छठवें और सातवें चरण में इन सीटों पर चुनाव

  1. छठवें चरण में सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज (सुरक्षित) आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर (सुरक्षित) और भदोही लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है.
  2. सातवें चरण में बनारस, महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (सुरक्षित), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और रावर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीट पर चुनाव होंगे.

प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति का असर जरूर चुनाव पर पड़ेगा. जब से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी हैं, तब से उन्होंने उत्तर प्रदेश में पश्चिम से लेकर पूरब तक प्रचार-प्रसार किया. महिलाओं से मिलीं, जनसंवाद किया, उसका असर जरूर पड़ेगा. अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस की ही होंगी. प्रियंका का डंका जरूर बजेगा. 23 मई को सामने आ जाएगा.

-सचिन रावत, प्रवक्ता, कांग्रेस

Intro:पूर्वांचल में क्या बजेगा प्रियंका का डंका, अब प्रियंका की असली अग्नि परीक्षा

लखनऊ। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनने के बाद अब छठे और सातवें चरण के चुनाव में प्रियंका गांधी की असली अग्निपरीक्षा होने जा रही है। प्रियंका पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं ऐसे में पूर्वांचल की 27 सीटों में से ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस प्रत्याशियों की सीटें जिताने की जिम्मेदारी भी प्रियंका गांधी के कंधों पर है। 23 मई को परिणाम आने के बाद पता चलेगा कि पूर्वांचल की इन सीटों पर क्या प्रियंका का डंका बजेगा, जैसा सक्रिय राजनीति में आने के समय से ही लगातार कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रियंका का डंका बजने की बात कहते रहे हैं।


Body:12 मई को उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर छठे चरण का और 19 मई को 13 सीटों पर सातवें चरण का चुनाव होना है। छठे चरण की इन 14 सीटों में अगर कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो 2014 में एक भी सीट कांग्रेस के नाम नहीं थी, वहीं 2009 में 4 सीटों पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया था। सातवें चरण की 13 सीटों की बात की जाए तो सिर्फ एक सीट पर ही कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। कुल मिलाकर छठे और सातवें चरण की 27 सीटों में से 2009 में कांग्रेस ने 5 सीटें जीती थीं। इस बार एक्टिव पॉलिटिक्स में प्रियंका गांधी पूरी तरह से उतर चुकी हैं और पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी वही निभा रही हैं। ऐसे में इन 27 सीटों पर कांग्रेस को प्रियंका से उम्मीद है वहीं प्रियंका पर भी अच्छा रिजल्ट देने का दबाव है। 2009 में सुल्तानपुर सीट से डॉ संजय सिंह, प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना सिंह, श्रावस्ती से विनय कुमार पांडेय और डुमरियागंज से जगदंबिका पाल ने कांग्रेस को जीत दिलाई थी। वहीं सातवें चरण की एकमात्र सीट महाराजगंज पर हर्षवर्धन ने कांग्रेस का झंडा लहराया था।

बाइट

प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति का असर जरूर चुनाव पर पड़ेगा। जब से प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी बनी हैं तबसे उन्होंने उत्तर प्रदेश में पश्चिम से लेकर पूर्व तक प्रचार- प्रसार किया महिलाओं से मिलीं, जनसंवाद किया, उसका असर जरूर पड़ेगा। अन्य पार्टियों की तुलना में सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस की ही होंगी। प्रियंका का डंका जरूर बजेगा। 23 मई को सामने आ जाएगा।

सचिन रावत: प्रवक्ता, कांग्रेस


Conclusion:छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, आम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, लालगंज (सुरक्षित) आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर (सुरक्षित)और भदोही लोकसभा सीटों पर चुनाव होना है। सातवें चरण में बनारस, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (सुरक्षित) घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मिर्जापुर और रावर्ट्सगंज(सुरक्षित) सीट पर चुनाव होंगे।
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