लखनऊ: पैदल चल रहे श्रमिकों के लिए बस चलाने को लेकर कांग्रेस और यूपी सरकार में खींचतान जारी है. कांग्रेस जहां यूपी सरकार पर असहयोग करने का आरोप लगा रही है. वहीं उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा मजदूरों की मजबूरी पर सियासत कर रही हैं. इस प्रकरण में 16 मई से लगातार दोनों ओर से चिट्ठियां भेजी जा रही हैं. प्रियंका गांधी के कार्यालय से उनके निजी सचिव संदीप सिंह चिट्ठी लिख रहे हैं. यूपी सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से चिट्ठियों का जवाब भेजा जा रहा है. इस बीच कांग्रेस और बीजेपी के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी दावे और दलील पेश कर रहे हैं.
कब शुरू हुई चिट्ठीबाजी
19 मई : करीब 3 बजे कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और यूपी सरकार पर बसों को लेकर जनता को भ्रमित करने का आरोप लगाया
19 मई : 12: 30 बजे यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कांग्रेस पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया. बसों की लिस्ट में दोपहिया वाहन और थ्रीवीलर को भी शामिल करने का आरोप लगाया
19 मई : आगरा बॉर्डर पर कांग्रेस ने बसें खड़ी कीं
19 मई : कांग्रेस का जवाब, सुबह 11 बजे मिली जानकारी. शाम 5 बजे तक नोएडा-लखनऊ भेजेंगे बस.
19 मई : उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि अगर उन्हें लखनऊ में बसें पहुंचाने में दिक्कत है तो 500- 500 बसें नोएडा और गाजियाबाद के डीएम को 12 बजे तक दे दें.
18 मई : देर रात रात 2 बजकर 10 मिनट पर प्रियंका गांधी के कार्यालय से इसका जवाब आया, जिसमें मंगलवार सुबह लखनऊ में बसें उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर की गई.
18 मई : अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा के सचिव को पत्र भेजकर बस चलाने की अनुमति दी. सभी बसों के हैंडओवर समेत गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट और बस ड्राइवरों का लाइसेंस मंगलवार सुबह 10 बजे तक लखनऊ में जमा कराने के लिए कहा.
16 मई : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से उनके निजी सचिव संदीप सिंह उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर 1000 बस चलाने की अनुमति मांगी.