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69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरणः SC-OBC अभ्यर्थियों पर पुलिस ने बरसाई लाठियां - luckknow ka samachar

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में शामिल ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी के आवास का घेराव करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण
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Published : Dec 18, 2021, 5:27 PM IST

लखनऊः शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर शतीश चंद्र द्विवेदी (Basic Education Minister Doctor Satish Chandra Dwivedi) के आवास का ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी घेराव करने पहुंचे. इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई तक हुई. इस बीच पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं. 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से विधानसभा में दिए गए बयान को लेकर नाराज हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को विधानसभा में एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से शिक्षक भर्ती में आरक्षण के संबंध में कोई रिपोर्ट न मिलने की बात कही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 29 अप्रैल 2021 को ही रिपोर्ट भेज चुका है. इस रिपोर्ट में आरक्षण में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया गया है. बावजूद इसके मंत्री विधानसभा में झूठा बयान जारी कर रहे हैं.

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण

इससे नाराज अभ्यर्थी शनिवार दोपहर बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे. हालांकि इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच में जमकर झड़प हुई. शिकायत है कि कई अभ्यर्थियों पर लाठियां तक भांजी गई. इससे कई के गंभीर चोटें आई हैं.

इसे भी पढ़ें- 69 हजार शिक्षक भर्ती: बेसिक शिक्षा मंत्री बोले- आरोप निराधार, सामान्य वर्ग में 20,301 अभ्यर्थियों का ही हुआ चयन

ये है अभ्यर्थियों की शिकायत

अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27 फीसदी के स्थान पर सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला है. वहीं, एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21फीसदी के स्थान पर सिर्फ 16.6 फीसदी आरक्षण दिया गया है. उनकी शिकायत है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई. 5 जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए 4 दिन का समय मांगा था. अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.

विभाग का दावा, नियमों का हुआ पालन

इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है. विभागीय अधिकारियों की माने तो नियमों को लागू करने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हाल ही, में दिए गए एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34,600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर इस मामले को हवा दे रहे हैं.

लखनऊः शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर शतीश चंद्र द्विवेदी (Basic Education Minister Doctor Satish Chandra Dwivedi) के आवास का ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थी घेराव करने पहुंचे. इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का मुक्की और हाथापाई तक हुई. इस बीच पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाईं. 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थियों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री की ओर से विधानसभा में दिए गए बयान को लेकर नाराज हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने शुक्रवार को विधानसभा में एक बयान जारी किया. जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की ओर से शिक्षक भर्ती में आरक्षण के संबंध में कोई रिपोर्ट न मिलने की बात कही है. अभ्यर्थियों का कहना है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग 29 अप्रैल 2021 को ही रिपोर्ट भेज चुका है. इस रिपोर्ट में आरक्षण में गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया गया है. बावजूद इसके मंत्री विधानसभा में झूठा बयान जारी कर रहे हैं.

69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण

इससे नाराज अभ्यर्थी शनिवार दोपहर बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे. हालांकि इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस बल के बीच में जमकर झड़प हुई. शिकायत है कि कई अभ्यर्थियों पर लाठियां तक भांजी गई. इससे कई के गंभीर चोटें आई हैं.

इसे भी पढ़ें- 69 हजार शिक्षक भर्ती: बेसिक शिक्षा मंत्री बोले- आरोप निराधार, सामान्य वर्ग में 20,301 अभ्यर्थियों का ही हुआ चयन

ये है अभ्यर्थियों की शिकायत

अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों की अनदेखी की जा रही है. ओबीसी अभ्यर्थियों को भर्ती में 27 फीसदी के स्थान पर सिर्फ 3.86 फीसदी आरक्षण मिला है. वहीं, एससी वर्ग के अभ्यर्थियों को 21फीसदी के स्थान पर सिर्फ 16.6 फीसदी आरक्षण दिया गया है. उनकी शिकायत है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने अपनी रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि की है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को जारी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में माना कि 5844 ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओवरलैपिंग रोकी गई. 5 जुलाई को बेसिक शिक्षा मंत्री ने आयोग की अंतरिम रिपोर्ट लागू करने के लिए 4 दिन का समय मांगा था. अभी तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है.

विभाग का दावा, नियमों का हुआ पालन

इस पूरे मामले पर शिक्षा विभाग पहले ही अपना पक्ष स्पष्ट कर चुका है. विभागीय अधिकारियों की माने तो नियमों को लागू करने में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हाल ही, में दिए गए एक बयान में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉक्टर सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि इस भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए करीब 34,600 पद थे. इसमें भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को करीब 20,301 पद मिले हैं. अन्य पदों पर ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. उन्होंने कहा कि आरक्षण घोटाले के आरोप पूरी तरह से गलत है. कुछ अभ्यर्थी गलत सूचनाओं के आधार पर इस मामले को हवा दे रहे हैं.

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