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सुजीत पांडे हत्याकांड: 40 से पूछताछ, हत्यारे पहुंच से दूर

राजधानी लखनऊ में इंद्रजीतखेड़ा के पूर्व प्रधान व व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुजीत पांडे हत्याकांड में 40 संदिग्धों से पूछताछ के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं लगा है. पुलिस अभी तक यही नहीं पता लगा सकी है कि हत्या क्यों की गई? हत्यारे पुलिस की पहुंच से अभी बहुत दूर हैं.

हत्यारे पहुंच से दूर
हत्यारे पहुंच से दूर
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Published : Dec 26, 2020, 9:31 AM IST

लखनऊ: राजधानी में मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुजीत पांडे की हत्या के मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है. प्रारंभिक छानबीन में पुलिस राजनीतिक या स्थानीय विवाद के मद्देनजर हत्याकांड की पड़ताल में जुटी है. अब तक की पांच दिन की छानबीन में पुलिस को हत्यारों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं लगा है.

कानून मंत्री के दावे झूठे
मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष और इंद्रजीत खेड़ा मऊ के पूर्व प्रधान सुजीत पांडे की 20 दिसंबर शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाइक सवार दो बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस हत्याकांड के राजफाश में लगी है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यारों को दबोच लिया जाएगा.

सोमवार को सुजीत पांडे की अंतिम यात्रा में शामिल होने के दौरान कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ईटीवी भारत से बातचीत की थी. उन्होंने 24 घण्टे में हत्या का खुलासा करने की बात कही थी, लेकिन आज 5 दिन हो गए हैं और पुलिस अभी भी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.

इसे भी पढ़ें: सुजीत पांडे हत्याकांडः कानून मंत्री पुलिस से बोले, 24 घंटे में पकड़ो अपराधी को

लगभग 40 लोगों से हो चुकी है पूछताछ
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुजीत पांडे की हत्या को लेकर कई टीमों का गठन किया गया है. जिसमें पुलिस अब तक लगभग 40 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. वहीं अपराधियों का ब्यौरा इकट्ठा करने के साथ ही सभी संदिग्ध लोगों पर निगाहें तेज हैं. साथ ही उनसे पूछताछ की जा रही है.

फिलहाल अभी तक बदमाशों से हुई पूछताछ में एक स्केच निकल कर सामने आया है. जिस पर पुलिस अपना काम कर रही है और आरोपी के चेहरे की तलाश भी कर रही है. दावा है कि जल्द ही बाइक सवार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और घटना का खुलासा किया जाएगा.

अशोक और सुजीत की हत्या का अंदाज एक
मोहनलालगंज कस्बे में 16 सितंबर को तहसील से लौटते समय स्कॉर्पियो सवार पूर्व सैन्य कर्मी की बाइक सवार लुटेरों ने फायरिंग कर हत्या कर दी थी. उस समय भी पुलिस जमीनी विवाद और पैसे के लेनदेन सहित पुरानी रंजिश की बात कर जल्द खुलासे का दावा कर रही थी. पुलिस ने इन्हीं बिंदुओं पर ही अपनी जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को परिजनों और करीबियों से ऐसा कुछ भी हाथ नहीं लगा था, इसलिये पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी.

वहीं रविवार को ईंट भट्ठे पर जाने के दौरान बाइक सवार बदमाशों ने उसी अंदाज में सुजीत पांडे पर फायरिंग कर हत्या करते हुए हाईवे के रास्ते फरार हो गए. घटना के बाद से ही पुलिस ने उन्हें सभी बिंदुओं पर अपनी जांच शुरू की है. जिन बिंदुओं पर अशोक हत्याकांड के खुलासे की शुरुआत की थी. अब 5 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. अब ग्रामीण सवाल खड़ा कर रहे हैं कि बेखौफ बदमाशों ने दोनों को एक अंदाज में अंजाम दिया है, जबकि दोनों लोगों का एक दूसरे से कोई कनेक्शन दूर-दूर तक नहीं है. तो वहीं इन दोनों हत्याओं की वजह क्या है.

अशोक यादव के बारे में
अशोक यादव सेना से रिटायर होने के बाद नौकरी से मिले कुछ पैसों को छोटी-मोटी जमीनों में लगाकर बड़ा लाभ कमाया. उसके बाद उसी लाभ के सहारे एक अपने रिटायर्ड सैन्य कर्मी के साथ मिलकर बड़ी जमीनों में पैसा लगाना शुरू कर दिया. जिसके बाद दिन बीतते गए और जमीन के कारोबार को बढ़ाते हुए अपने इलाके से दूसरे इलाकों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर प्लाटिंग का धंधा शुरू कर दिया था. इसको लेकर जमीन का कारोबार करने वालों के बीच वह चर्चा में आ गए थे. इसी दौरान अशोक यादव ने कई बेशकीमती जमीन प्लाटिंग इलाके में बना ली थी. तभी 16 सितंबर को अशोक यादव की हत्या हो गई. अभी तक इस हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है.

सुजीत पांडे के बारे में
सुजीत पांडे एक अच्छे परिवार से जुड़े हुए थे, सरल साधारण के रूप में एक अलग छवि में लोग उन्हें देखते थे. उन्होंने साल 2005 के प्रधानी चुनाव में राजनीति में पहला कदम रखा था. इस चुनाव के बाद ही वह जनता से जुड़े और 5 साल के भीतर ही लोकप्रिय बन गए. इसके बाद मोहनलालगंज में प्रधानी की सीट में बदलाव आ गया तो खुद किनारा कर लिया.

2015 में सामान्य महिला सीट हुई तो एक बार फिर अपनी पत्नी संध्या पांडे को मैदान में उतार दिया. पिछली लोकप्रियता के चलते एक बार फिर प्रधानी हासिल कर ली. आखिर में मोहनलालगंज को टाउन घोषित कर दिया गया, जिसकी वजह से इलाके का क्षेत्रफल भी बढ़ गया. इसके बाद आने वाले समय में चेयरमैन की दावेदारी सुजीत पांडे ने ठोक दी थी. इसको लेकर इलाके के कई लोग सुजीत पांडे को चेयरमैन के रूप में देखने लगे थे.

सुजीत पांडे की हत्या ने याद दिलाया अशोक हत्याकांड
रविवार की शाम को अपने भट्ठे में जाने के दौरान अशोक यादव की हत्या के ही अंदाज में बाइक सवार शूटरों ने सुजीत पांडे को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद से एक बार फिर अशोक हत्याकांड की यादें लोगों के बीच ताजा हो गई हैं. अशोक यादव केस की तरह ही पुलिस ने अपनी विवेचना शुरू की है. जिसमें 4 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई मजबूत साक्ष्य हाथ नहीं लगा है. यही वजह है कि लोगों में चर्चा है कि कहीं न कहीं सुजीत हत्याकांड भी अशोक यादव हत्याकांड की तरह पहेली बनकर न रह जाए.

लखनऊ: राजधानी में मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुजीत पांडे की हत्या के मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर छानबीन कर रही है. प्रारंभिक छानबीन में पुलिस राजनीतिक या स्थानीय विवाद के मद्देनजर हत्याकांड की पड़ताल में जुटी है. अब तक की पांच दिन की छानबीन में पुलिस को हत्यारों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं लगा है.

कानून मंत्री के दावे झूठे
मोहनलालगंज व्यापार मंडल के अध्यक्ष और इंद्रजीत खेड़ा मऊ के पूर्व प्रधान सुजीत पांडे की 20 दिसंबर शाम को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. बाइक सवार दो बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया था. पुलिस हत्याकांड के राजफाश में लगी है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यारों को दबोच लिया जाएगा.

सोमवार को सुजीत पांडे की अंतिम यात्रा में शामिल होने के दौरान कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ईटीवी भारत से बातचीत की थी. उन्होंने 24 घण्टे में हत्या का खुलासा करने की बात कही थी, लेकिन आज 5 दिन हो गए हैं और पुलिस अभी भी हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है.

इसे भी पढ़ें: सुजीत पांडे हत्याकांडः कानून मंत्री पुलिस से बोले, 24 घंटे में पकड़ो अपराधी को

लगभग 40 लोगों से हो चुकी है पूछताछ
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुजीत पांडे की हत्या को लेकर कई टीमों का गठन किया गया है. जिसमें पुलिस अब तक लगभग 40 लोगों से पूछताछ कर चुकी है. वहीं अपराधियों का ब्यौरा इकट्ठा करने के साथ ही सभी संदिग्ध लोगों पर निगाहें तेज हैं. साथ ही उनसे पूछताछ की जा रही है.

फिलहाल अभी तक बदमाशों से हुई पूछताछ में एक स्केच निकल कर सामने आया है. जिस पर पुलिस अपना काम कर रही है और आरोपी के चेहरे की तलाश भी कर रही है. दावा है कि जल्द ही बाइक सवार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और घटना का खुलासा किया जाएगा.

अशोक और सुजीत की हत्या का अंदाज एक
मोहनलालगंज कस्बे में 16 सितंबर को तहसील से लौटते समय स्कॉर्पियो सवार पूर्व सैन्य कर्मी की बाइक सवार लुटेरों ने फायरिंग कर हत्या कर दी थी. उस समय भी पुलिस जमीनी विवाद और पैसे के लेनदेन सहित पुरानी रंजिश की बात कर जल्द खुलासे का दावा कर रही थी. पुलिस ने इन्हीं बिंदुओं पर ही अपनी जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को परिजनों और करीबियों से ऐसा कुछ भी हाथ नहीं लगा था, इसलिये पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी.

वहीं रविवार को ईंट भट्ठे पर जाने के दौरान बाइक सवार बदमाशों ने उसी अंदाज में सुजीत पांडे पर फायरिंग कर हत्या करते हुए हाईवे के रास्ते फरार हो गए. घटना के बाद से ही पुलिस ने उन्हें सभी बिंदुओं पर अपनी जांच शुरू की है. जिन बिंदुओं पर अशोक हत्याकांड के खुलासे की शुरुआत की थी. अब 5 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है. अब ग्रामीण सवाल खड़ा कर रहे हैं कि बेखौफ बदमाशों ने दोनों को एक अंदाज में अंजाम दिया है, जबकि दोनों लोगों का एक दूसरे से कोई कनेक्शन दूर-दूर तक नहीं है. तो वहीं इन दोनों हत्याओं की वजह क्या है.

अशोक यादव के बारे में
अशोक यादव सेना से रिटायर होने के बाद नौकरी से मिले कुछ पैसों को छोटी-मोटी जमीनों में लगाकर बड़ा लाभ कमाया. उसके बाद उसी लाभ के सहारे एक अपने रिटायर्ड सैन्य कर्मी के साथ मिलकर बड़ी जमीनों में पैसा लगाना शुरू कर दिया. जिसके बाद दिन बीतते गए और जमीन के कारोबार को बढ़ाते हुए अपने इलाके से दूसरे इलाकों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर प्लाटिंग का धंधा शुरू कर दिया था. इसको लेकर जमीन का कारोबार करने वालों के बीच वह चर्चा में आ गए थे. इसी दौरान अशोक यादव ने कई बेशकीमती जमीन प्लाटिंग इलाके में बना ली थी. तभी 16 सितंबर को अशोक यादव की हत्या हो गई. अभी तक इस हत्या का खुलासा नहीं हो पाया है.

सुजीत पांडे के बारे में
सुजीत पांडे एक अच्छे परिवार से जुड़े हुए थे, सरल साधारण के रूप में एक अलग छवि में लोग उन्हें देखते थे. उन्होंने साल 2005 के प्रधानी चुनाव में राजनीति में पहला कदम रखा था. इस चुनाव के बाद ही वह जनता से जुड़े और 5 साल के भीतर ही लोकप्रिय बन गए. इसके बाद मोहनलालगंज में प्रधानी की सीट में बदलाव आ गया तो खुद किनारा कर लिया.

2015 में सामान्य महिला सीट हुई तो एक बार फिर अपनी पत्नी संध्या पांडे को मैदान में उतार दिया. पिछली लोकप्रियता के चलते एक बार फिर प्रधानी हासिल कर ली. आखिर में मोहनलालगंज को टाउन घोषित कर दिया गया, जिसकी वजह से इलाके का क्षेत्रफल भी बढ़ गया. इसके बाद आने वाले समय में चेयरमैन की दावेदारी सुजीत पांडे ने ठोक दी थी. इसको लेकर इलाके के कई लोग सुजीत पांडे को चेयरमैन के रूप में देखने लगे थे.

सुजीत पांडे की हत्या ने याद दिलाया अशोक हत्याकांड
रविवार की शाम को अपने भट्ठे में जाने के दौरान अशोक यादव की हत्या के ही अंदाज में बाइक सवार शूटरों ने सुजीत पांडे को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद से एक बार फिर अशोक हत्याकांड की यादें लोगों के बीच ताजा हो गई हैं. अशोक यादव केस की तरह ही पुलिस ने अपनी विवेचना शुरू की है. जिसमें 4 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई मजबूत साक्ष्य हाथ नहीं लगा है. यही वजह है कि लोगों में चर्चा है कि कहीं न कहीं सुजीत हत्याकांड भी अशोक यादव हत्याकांड की तरह पहेली बनकर न रह जाए.

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