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लखनऊ: सिपाही की हुई थी पिटाई, अब तक नहीं मिला न्याय - लखनऊ में सिपाही को नहीं मिल रहा न्याय

लखनऊ में सुरक्षा देने वाले पुलिस महकमे के लोग ही असुरक्षित नजर आ रहे हैं. मामला लखनऊ के पुलिस महकमे के एक सिपाही विकास का है. मॉडर्न कंट्रोल रूम में तैनात विकास अपने ऊपर हुए जानलेवा हमले के आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर न्याय की गुहार लगा रहा है.

constable beaten by goons
मामले में तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है
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Published : Aug 12, 2020, 12:08 PM IST

लखनऊ: जिले में 8 अगस्त को सिपाही विकास ड्यूटी से लौटकर गोमती नगर विस्तार सेक्टर 1 स्थित अपने आवास में आराम कर रहा था. इसी बीच कुछ बाइकर्स गैंग उनके घर के सामने जमा हो गए और स्टंट करने लगे. तेज हॉर्न और साइलेंसर की आवाज से उनकी नींद खुल गई. विकास ने स्टंटबाजों को टोका तो वह विकास के ऊपर भड़क गए और घर में घुसकर विकास की पिटाई कर दी.

गंभीर रूप से घायल विकास को आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सिपाही विकास ने सभी आरोपियों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. प्रभारी निरीक्षक अखिलेश चंद्र पांडे के मुताबिक, विकास ने रविवार को थाने में तहरीर दी. इसके आधार पर ओमेक्स अपार्टमेंट निवासी आदित्य द्विवेदी, उत्कर्ष पांडे और हिमांशु कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

पीड़ित सिपाही विकास ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी अतुल मिश्रा और वकील आशीष पांडे आदि की मदद से एक आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया, लेकिन गोमती नगर विस्तार थाने की पुलिस ने उसे छोड़ दिया. प्रभारी निरीक्षक अखिलेश पांडेय आरोपियों को नाबालिक कह कर उन्हें छोड़े जाने को लेकर सफाई पेश कर रहे हैं और उनके ऊपर कार्रवाई पर लचर भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में आमजन इस भूमिका से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद कैसे करे.

लखनऊ: जिले में 8 अगस्त को सिपाही विकास ड्यूटी से लौटकर गोमती नगर विस्तार सेक्टर 1 स्थित अपने आवास में आराम कर रहा था. इसी बीच कुछ बाइकर्स गैंग उनके घर के सामने जमा हो गए और स्टंट करने लगे. तेज हॉर्न और साइलेंसर की आवाज से उनकी नींद खुल गई. विकास ने स्टंटबाजों को टोका तो वह विकास के ऊपर भड़क गए और घर में घुसकर विकास की पिटाई कर दी.

गंभीर रूप से घायल विकास को आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद सिपाही विकास ने सभी आरोपियों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया. प्रभारी निरीक्षक अखिलेश चंद्र पांडे के मुताबिक, विकास ने रविवार को थाने में तहरीर दी. इसके आधार पर ओमेक्स अपार्टमेंट निवासी आदित्य द्विवेदी, उत्कर्ष पांडे और हिमांशु कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

पीड़ित सिपाही विकास ने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी अतुल मिश्रा और वकील आशीष पांडे आदि की मदद से एक आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया, लेकिन गोमती नगर विस्तार थाने की पुलिस ने उसे छोड़ दिया. प्रभारी निरीक्षक अखिलेश पांडेय आरोपियों को नाबालिक कह कर उन्हें छोड़े जाने को लेकर सफाई पेश कर रहे हैं और उनके ऊपर कार्रवाई पर लचर भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में आमजन इस भूमिका से निष्पक्ष न्याय की उम्मीद कैसे करे.

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