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कार का साइलेंसर चोरी कर प्लेटिनम धातु की करते थे तस्करी, 11 आरोपी गिरफ्तार

राजधानी पुलिस ने कार के साइलेंसर चोरी कर प्लेटिनम धातु की तस्करी (Platinum metal smuggling) करने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड अली पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

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Published : Oct 20, 2022, 10:47 PM IST

लखनऊ : राजधानी पुलिस ने कार के साइलेंसर चोरी कर प्लेटिनम धातु की तस्करी (Platinum metal smuggling) करने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लखनऊ के मोहनलालगंज में बीते कुछ दिनों से साइलेंसर चोरी करने वाला गिरोह सक्रिय था. एक के बाद एक साइलेंसर चोरी की कई शिकायतों ने पुलिस की नींद हराम कर दी थी. 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. फिलहाल साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड अली पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के साउथ जोन के अंतर्गत आने वाले मोहनलालगंज कोतवाली में कार के साइलेंसर चोरी होने के आधा दर्जन मामले दर्ज हुए. कार के साइलेंसर चोरी होने के मामलों में हुई बढ़ोतरी के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया. मुखबिर के जरिए पुलिस को सबसे पहले उस व्यक्ति के बारे में सूचना मिली, जो साइलेंसर खोलने में गिरोह की मदद करता था. पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा. आरोपी से पूछताछ के बाद मामले में परत दर परत खुलासा होता गया. एक के बाद एक 11 आरोपी मोहनलालगंज पुलिस की गिरफ्त में आए. पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 साइलेंसर भी बरामद किए हैं. साइलेंसरों से निकाला गया 20 किलो प्लैटिनम भी पुलिस ने बरामद किया है, बरामद किए गए पदार्थ की कीमत तकरीबन 4 लाख रुपए बताई जा रही.

अपर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी मनीषा सिंह ने बताया कि बीते तीन महीने में मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में पांच, तालकटोरा थाना क्षेत्र में दो और सहादतगंज थाना क्षेत्र में एक घटना को अंजाम दिया गया. मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र में सक्रिय गिरोह पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने मास्टर प्लान तैयार किया. सबसे पहले साइलेंसर खोलने वाले आरोपी की तलाश की गई. गाड़ियों का साइलेंसर खोलने वाला आरोपी पेशे से मोटर मैकेनिक है, जिसके बाद गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी सामने आ गए, अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

मोहनलालगंज एसीपी धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि आरोपी गाड़ियों के साइलेंसर चोरी करने से पहले गाड़ियों की रेकी करते थे. दिन में रेकी के बाद रात में घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. आरोपी उन गाड़ियों पर भी नजर रखते थे, जो किसी वर्कशॉप में सर्विस के लिए जाती थी. गिरोह से जुड़े कई लोग एक-दूसरे से भी परिचित नहीं हैं. बेहद शातिर तरीके से इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था.

मोहनलालगंज कोतवाली प्रभारी कुलदीप दुबे ने बताया कि गाड़ियों के साइलेंसर चोरी करने के बाद आरोपी साइलेंसर को ठोंककर या काटकर धातु मिश्रित मिट्टी निकाल लेते थे. फिर उसे गलाकर प्लेटिनम धातु निकाली जाती थी. इस गिरोह के मास्टरमाइंड अली की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है. जल्द इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जायेगा.

यह भी पढ़ें : त्यौहारों पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यूपी पुलिस सतर्क, DGP ने दिए यह निर्देश

मोहनलालगंज पुलिस की गिरफ्त में आए राहुल, सूरज, भगवती प्रसाद, संजू दीक्षित, शिवा सिंह, फहीम खान, श्याम, आशीष कुमार, सैफ, अजारुद्दीन और सुमित चौधरी हैं. सभी आरोपियों की उम्र 18 से 28 साल के बीच है. सभी आरोपियों के काम बंटे हुए थे. कोई रेकी करता, तो किसी को साइलेंसर खोलने की जिम्मेदारी दी गई थी. किसी के पास घटना के दौरान आसपास के इलाके में पहरा देने, तो किसी के पास मिश्रित मिट्टी को सप्लाई करने की जिम्मेदारी थी. फिलहाल, पुलिस इस गिरोह के मास्टरमाइंड अली की तलाश कर रही है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में महिला के साथ दुष्कर्म करने वाले वार्ड ब्वॉय को पुलिस ने दबोचा, भेजा जेल

लखनऊ : राजधानी पुलिस ने कार के साइलेंसर चोरी कर प्लेटिनम धातु की तस्करी (Platinum metal smuggling) करने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. लखनऊ के मोहनलालगंज में बीते कुछ दिनों से साइलेंसर चोरी करने वाला गिरोह सक्रिय था. एक के बाद एक साइलेंसर चोरी की कई शिकायतों ने पुलिस की नींद हराम कर दी थी. 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली. फिलहाल साइलेंसर चोरी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड अली पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के साउथ जोन के अंतर्गत आने वाले मोहनलालगंज कोतवाली में कार के साइलेंसर चोरी होने के आधा दर्जन मामले दर्ज हुए. कार के साइलेंसर चोरी होने के मामलों में हुई बढ़ोतरी के बाद स्थानीय पुलिस हरकत में आई. पुलिस ने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया. मुखबिर के जरिए पुलिस को सबसे पहले उस व्यक्ति के बारे में सूचना मिली, जो साइलेंसर खोलने में गिरोह की मदद करता था. पुलिस ने आरोपी को धर दबोचा. आरोपी से पूछताछ के बाद मामले में परत दर परत खुलासा होता गया. एक के बाद एक 11 आरोपी मोहनलालगंज पुलिस की गिरफ्त में आए. पुलिस ने आरोपियों के पास से 11 साइलेंसर भी बरामद किए हैं. साइलेंसरों से निकाला गया 20 किलो प्लैटिनम भी पुलिस ने बरामद किया है, बरामद किए गए पदार्थ की कीमत तकरीबन 4 लाख रुपए बताई जा रही.

अपर पुलिस उपायुक्त दक्षिणी मनीषा सिंह ने बताया कि बीते तीन महीने में मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में पांच, तालकटोरा थाना क्षेत्र में दो और सहादतगंज थाना क्षेत्र में एक घटना को अंजाम दिया गया. मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र में सक्रिय गिरोह पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने मास्टर प्लान तैयार किया. सबसे पहले साइलेंसर खोलने वाले आरोपी की तलाश की गई. गाड़ियों का साइलेंसर खोलने वाला आरोपी पेशे से मोटर मैकेनिक है, जिसके बाद गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के नाम भी सामने आ गए, अब तक इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन आरोपियों के खिलाफ कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

मोहनलालगंज एसीपी धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि आरोपी गाड़ियों के साइलेंसर चोरी करने से पहले गाड़ियों की रेकी करते थे. दिन में रेकी के बाद रात में घटनाओं को अंजाम दिया जाता था. आरोपी उन गाड़ियों पर भी नजर रखते थे, जो किसी वर्कशॉप में सर्विस के लिए जाती थी. गिरोह से जुड़े कई लोग एक-दूसरे से भी परिचित नहीं हैं. बेहद शातिर तरीके से इन घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था.

मोहनलालगंज कोतवाली प्रभारी कुलदीप दुबे ने बताया कि गाड़ियों के साइलेंसर चोरी करने के बाद आरोपी साइलेंसर को ठोंककर या काटकर धातु मिश्रित मिट्टी निकाल लेते थे. फिर उसे गलाकर प्लेटिनम धातु निकाली जाती थी. इस गिरोह के मास्टरमाइंड अली की तलाश में पुलिस टीम दबिश दे रही है. जल्द इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जायेगा.

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मोहनलालगंज पुलिस की गिरफ्त में आए राहुल, सूरज, भगवती प्रसाद, संजू दीक्षित, शिवा सिंह, फहीम खान, श्याम, आशीष कुमार, सैफ, अजारुद्दीन और सुमित चौधरी हैं. सभी आरोपियों की उम्र 18 से 28 साल के बीच है. सभी आरोपियों के काम बंटे हुए थे. कोई रेकी करता, तो किसी को साइलेंसर खोलने की जिम्मेदारी दी गई थी. किसी के पास घटना के दौरान आसपास के इलाके में पहरा देने, तो किसी के पास मिश्रित मिट्टी को सप्लाई करने की जिम्मेदारी थी. फिलहाल, पुलिस इस गिरोह के मास्टरमाइंड अली की तलाश कर रही है.

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