लखनऊ: राजधानी की अलीगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर पुरनिया के पास चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया. कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक और गैंग के सरगना अनुज पाल और मैनेजर अजय सहित 9 लड़कियों को भी गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, फर्जी रूप से चल रहे इस कॉल सेंटर से बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दिया जाता है. इस दौरान उनका डेबिट और क्रेडिट कार्ड डिटेल हासिल कर उन्हें साइबर फ्राड का शिकार बनाया जाता था. पुलिस के मुताबिक, इस फर्जी कॉल सेंटर के माध्यम से बेरोजगार युवक और युवतियों से लाखों रुपयों की ठगी की जा चुकी है.
जानकारी के अनुसार, अलीगंज इलाके के पुरनिया पेट्रोल पंप के पास स्थित बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर एक फर्जी कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा था. इस कॉल सेंटर में बड़े पैमाने पर लड़कियों को हायर किया जाता है. यह लड़कियां बेरोजगारों का नंबर निकाल कर उनको फोन करती थीं. इसके बाद उन बेरोजगार युवक और युवतियों को अपने झांसे में लेकर उनसे क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की डिटेल हासिल की जाती थी. ये डिटेल सेंटर संचालक अनुज पाल और मैनेजर अजय तक पहुंचाई जाती थी. ये दोनों मिलकर इस डिटेल के जरिए उनके बैंक खातों से रुपयों को ट्रांसफर कर लेते थे.
आईजी अपराध नीलाब्जा चौधरी का कहना है कि अक्सर पुलिस को साइबर अपराध की सूचनाएं मिल रही थीं. इस सूचना पर क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम को लगाया गया था. इसी बीच इस कॉल सेंटर की जानकारी प्राप्त हुई थी. क्राइम ब्रांच की टीम ने पूरी जानकारी हासिल करने के बाद स्थानीय पुलिस टीम को साथ लेकर सेंटर पर छापेमारी की. उन्होंने कहा इस छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर से 9 लकड़ियों को गिरफ्तार किया गया था. कार्रवाई के समय सरगना मौके से फरार था. जिसको पुलिस टीम ने बाद में मुखबिर की सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया.
उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान अनुज पाल, अजय कश्यप, राम सिंह, कोमल सिंह, जया निगम, रुचि तिवारी, सदफ, पूजा चौरसिया, पल्लवी और डॉली उर्फ रूबी के रूप में हुई है. पुलिस ने कॉल सेंटर से कंप्यूटर, सीपीयू, मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया है. नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि अभी इस मामले में विशाल, अजय, अभिषेक पाल, हिमांशी वर्मा व खुशबू वांछित हैं. जिनकी तलाश में पुलिस टीम को लगाया गया है.
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साइबर ठग इनके जरिए बनाते हैं निशाना
- बैंक के डेटाबेस और उससे जुड़े कॉल सेंटर की सूचनाओं में सेंध लगाकर.
- कचरे में फेंके गए कार्डों से जुड़े कागजों को खंगालकर.
- किसी कारोबारी ठिकाने पर भुगतान के समय आपके कार्ड की मैग्नेटिक पट्टी की एक मशीन के जरिये कॉपी बनाकर (क्लोनिंग और स्किमिंग)
- ऑनलाइन ठिकानों पर डाली गई जानकारी को हैक करके.
- ई-मेल के जरिये झांसा देकर फ्रॉड वेबसाइटों पर आपसे कार्ड का डेटा इनपुट करवाकर (फिशिंग)
बरतें बुनियादी सवाधानियां
- क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट लगातार जांचते रहें. बड़े सौदों पर तो बैंक कई बार आपसे कन्फरमेशन लेते हैं, लेकिन छोटे सौदों पर ऐसी सूचनाएं नहीं मिल पातीं. इसलिए आपकी अपनी सावधानी अहम है. कार्ड कंपनी की साइट पर रजिस्टर कर हर हफ्ते कार्ड का ब्यौरा देखें.
- कार्ड मिलने पर उसके पीछे साइन कर लें. कार्ड के पीछे आपकी सुरक्षा के लिए तीन अंकों का CVV नंबर होता है. मुमकिन हो तो इसे याद कर लें और कार्ड पर इसे मिटा दें. कार्ड का PIN मिलने के बाद इसे बदल लें और याद कर लें.
- कार्ड पर मोबाइल अलर्ट सुविधा ऐक्टिवेट करा लें. कार्ड से जुड़े हर ट्रांजैक्शन पर आपको एसएमएस के जरिये सूचना मिलती रहेगी.
- कार्ड कंपनी को हमेशा अपनी ताजा सूचनाएं दें. डाक के पते, ई-मेल एड्रेस, टेलिफोन नंबर वगैरह में कोई बदलाव होने पर अपने रिकॉर्ड में जरूरी करेक्शन कराएं. ऐसा न हो कि आपके कार्ड के बारे में सूचनाएं कहीं और भेजी जा रही हों और आप अनजान बने रहें.
- जरूरी न हो तो पेपर स्टेटमेंट को अलविदा कह दें, जितने ज्यादा कागज होंगे, उतनी ज्यादा होगी उनके दुरुपयोग की आशंका. ई-मेल के जरिये मंथली स्टेटमेंट मंगवाने या ऑनलाइन अकाउंट चेक करने की आदत अच्छी है. घर या दफ्तर में कार्ड से जुड़े जितने भी कागज हों, उन्हें नष्ट करते रहें.
- कार्ड कैंसल कराने की हालत में बैंक से अपनी अर्जी की लिखित रसीद लें।
- कार्ड के दोनों तरफ की फोटो कॉपी कभी किसी को न दें. इसे देने का मतलब है, अपना क्रेडिट कार्ड ही सौंप देना, क्योंकि इन सूचनाओं का इस्तेमाल कर कोई भी ऑनलाइन शॉपिंग कर सकता है.
- कार्ड खो जाने या उसका दुरुपयोग होने पर फौरन बैंक को खबर करें और कार्ड को इनेक्टिव करवा दें. कुछ बैंक एक तय मियाद तक सूचना देने पर कार्ड के दुरुपयोग से सुरक्षा देते हैं.
- फोन पर कार्ड से जुड़ी सूचनाएं देते समय सावधानी बरतें. कोई शख्स बैंक से फोन करने की बात कहकर आपसे सूचनाएं मांगता है तो पहले पक्का कर लें कि वह बैंक से ही है. उससे पूछताछ करें कि वह आपके अकाउंट से जुड़ी बुनियादी जानकारियां पहले आपको बताए, जैसे पूरा नाम, पिछला बिल, जन्म तिथि, पता आदि. ऐसी हर कॉल को शक की नजर से देखें और संबंधित व्यक्ति का ब्यौरा दर्ज करके रखें. शक होने पर फोन काटकर बैंक से बात करें.
- बेवजह ढेर सारे कार्ड अपने साथ न रखें. अगर शहर से बाहर या बाजार जा रहे हैं तो एक या दो कार्ड काफी हैं.
- अपने सभी कार्डों से जुड़ी जानकारियों की एक टेबल बना लें और उसे किसी सेफ जगह रखें.