लखनऊ: सरकारी जमीन पर भवनों के मानचित्र पास करने वाले एलडीए के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों, अभियंताओं और कर्मचारियों पर नकेल कसेगी. डालीबाग में निष्क्रांत संपत्ति पर माफिया मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम से भवन बना लिए गए थे. एलडीए ने पिछले वर्ष इन्हें ध्वस्त कर दिया था. कोर्ट द्वारा अंसारी की याचिका खारिज होने के बाद अब नए सिरे से पड़ताल शुरू हो गई है. इस संबंध में गृह विभाग ने पूरी रिपोर्ट एलडीए से तलब की है.
गृह विभाग ने लिखा है कमिश्नर को पत्र
इस संबंध में गृह विभाग के विशेष सचिव आरपी सिंह ने कमिश्नर लखनऊ मंडल रंजन कुमार को पत्र लिखा है. कमिश्नर की ओर से ये पत्र प्राधिकरण भेजा गया है. इस पत्र में राबिया बेगम जो कि मुख्तार अंसारी की मां हैं, उनके नाम भवन भूखंड संख्या 93 भाग, 21-188 व 93 राजा राममोहन राय डालीबाग तिलक मार्ग बटलरगंज के पास किए गए भवन निर्माण को अवैध बताया गया है. इसके अलावा सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम दर्ज भूखंड संख्या 14 बी 7 डालीबाग के मानचित्र को पास किए जाने के जिम्मेदारों को तलाशने के लिए पत्र लिखा है.
एलडीए ने निरस्त किया मानचित्र
इस भवन के मानचित्र को प्राधिकरण ने निरस्त भी कर दिया है, जबकि मुख्तार के बेटों के नाम से बने भवनों को गिराया जा चुका है. मुख्य रूप से निष्क्रांत संपत्ति डालीबाग से जुड़े भवनों के नक्शे शामिल किए गए हैं. प्रशासन का दावा है कि ये भवन सरकारी जमीन पर बनाए गए हैं और इनके नक्शे एलडीए के अफसरों और कर्मचारियों ने गलत तरीके से पास किए थे. इसलिए इन कर्मचारियों, अभियंताओं पर पुलिसिया कार्रवाई करते हुए उनको कानूनी शिकंजे में लिया जाएगा.
10 साल तक एलडीए में काम देखने वालों पर गिर सकती है गाज
करीब 10 साल तक प्राधिकरण के इन इलाकों में काम देखने वाले अभियंताओं और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. मुख्तार अंसारी ने फरहत अंसारी के नाम पर डालीबाग में पहले बिना नक्शा पास मकान बनवा लिया गया था. बाद में फर्जी कागजों के आधार पर एलडीए से नक्शा पास करवाया गया. शमनीय नक्शा वर्ष 2007 में पास करवाया गया था.
कार्रवाई के बजाय पास हुआ था मानचित्र
निर्माण पूरा होने पर कोई कार्रवाई न करके नक्शा पास कर दिया गया था. गत वर्ष गाटा संख्या 93 की सभी खातेदारी निरस्त करने के बाद एलडीए ने इस मानचित्र को भी निरस्त कर दिया है. फरहत अंसारी के नाम पर निष्क्रांत संपत्ति (आठ मार्च 1954 के बाद पाकिस्तान गए लोगों की संपत्ति जो कि अब सरकारी है) गाटा संख्या 93 का तीसरा निर्माण है. प्रशासन ने इस संपत्ति की भी खातेदारी निरस्त कर दी थी. एलडीए ने इस निर्माण का नक्शा वर्ष 2007 में पास किया था, मगर निर्माण पहले ही हो गया था. 1998 में इस निर्माण के लिए एक नक्शे का आवेदन किया गया था. मगर कमियां होने की वजह से नक्शा पास नहीं किया गया था. फिर भी निर्माण शुरू हो गया. अभी तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
मुख्तार अंसारी से संबंधित इन अधिकारियों पर गिरेगी गाज
मुख्तार अंसारी के खिलाफ लगातार पुलिस प्रशासन की कार्रवाई जारी है. अब प्रशासन सरकारी जमीन पर मुख्तार अंसारी के लिए अवैध तरीके से नक्शा पास करने वाले अधिकारी व इंजीनियरों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है.
लखनऊ: सरकारी जमीन पर भवनों के मानचित्र पास करने वाले एलडीए के पूर्व और वर्तमान अधिकारियों, अभियंताओं और कर्मचारियों पर नकेल कसेगी. डालीबाग में निष्क्रांत संपत्ति पर माफिया मुख्तार अंसारी के बेटों के नाम से भवन बना लिए गए थे. एलडीए ने पिछले वर्ष इन्हें ध्वस्त कर दिया था. कोर्ट द्वारा अंसारी की याचिका खारिज होने के बाद अब नए सिरे से पड़ताल शुरू हो गई है. इस संबंध में गृह विभाग ने पूरी रिपोर्ट एलडीए से तलब की है.
गृह विभाग ने लिखा है कमिश्नर को पत्र
इस संबंध में गृह विभाग के विशेष सचिव आरपी सिंह ने कमिश्नर लखनऊ मंडल रंजन कुमार को पत्र लिखा है. कमिश्नर की ओर से ये पत्र प्राधिकरण भेजा गया है. इस पत्र में राबिया बेगम जो कि मुख्तार अंसारी की मां हैं, उनके नाम भवन भूखंड संख्या 93 भाग, 21-188 व 93 राजा राममोहन राय डालीबाग तिलक मार्ग बटलरगंज के पास किए गए भवन निर्माण को अवैध बताया गया है. इसके अलावा सांसद अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के नाम दर्ज भूखंड संख्या 14 बी 7 डालीबाग के मानचित्र को पास किए जाने के जिम्मेदारों को तलाशने के लिए पत्र लिखा है.
एलडीए ने निरस्त किया मानचित्र
इस भवन के मानचित्र को प्राधिकरण ने निरस्त भी कर दिया है, जबकि मुख्तार के बेटों के नाम से बने भवनों को गिराया जा चुका है. मुख्य रूप से निष्क्रांत संपत्ति डालीबाग से जुड़े भवनों के नक्शे शामिल किए गए हैं. प्रशासन का दावा है कि ये भवन सरकारी जमीन पर बनाए गए हैं और इनके नक्शे एलडीए के अफसरों और कर्मचारियों ने गलत तरीके से पास किए थे. इसलिए इन कर्मचारियों, अभियंताओं पर पुलिसिया कार्रवाई करते हुए उनको कानूनी शिकंजे में लिया जाएगा.
10 साल तक एलडीए में काम देखने वालों पर गिर सकती है गाज
करीब 10 साल तक प्राधिकरण के इन इलाकों में काम देखने वाले अभियंताओं और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. मुख्तार अंसारी ने फरहत अंसारी के नाम पर डालीबाग में पहले बिना नक्शा पास मकान बनवा लिया गया था. बाद में फर्जी कागजों के आधार पर एलडीए से नक्शा पास करवाया गया. शमनीय नक्शा वर्ष 2007 में पास करवाया गया था.
कार्रवाई के बजाय पास हुआ था मानचित्र
निर्माण पूरा होने पर कोई कार्रवाई न करके नक्शा पास कर दिया गया था. गत वर्ष गाटा संख्या 93 की सभी खातेदारी निरस्त करने के बाद एलडीए ने इस मानचित्र को भी निरस्त कर दिया है. फरहत अंसारी के नाम पर निष्क्रांत संपत्ति (आठ मार्च 1954 के बाद पाकिस्तान गए लोगों की संपत्ति जो कि अब सरकारी है) गाटा संख्या 93 का तीसरा निर्माण है. प्रशासन ने इस संपत्ति की भी खातेदारी निरस्त कर दी थी. एलडीए ने इस निर्माण का नक्शा वर्ष 2007 में पास किया था, मगर निर्माण पहले ही हो गया था. 1998 में इस निर्माण के लिए एक नक्शे का आवेदन किया गया था. मगर कमियां होने की वजह से नक्शा पास नहीं किया गया था. फिर भी निर्माण शुरू हो गया. अभी तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है.