ETV Bharat / state

नाबालिग से दुष्कर्म में 10 साल की कैद और 25 हजार जुर्माना

पॉक्सो की विशेष अदालत ने किशोरी से दुराचार के आरोपी को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. यहा सजा पीड़िता की मां की गवाही पर हुई है.

कोर्ट
कोर्ट
author img

By

Published : Jan 11, 2021, 10:53 PM IST

लखनऊः नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुराचार करने के मामले में पॉक्सो की विशेष अदालत ने आरोपी गौतम सिंह को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए विशेष जज अरविन्द मिश्र ने अभियुक्त को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

13 साल की थी पीड़िता
इस मामले की एफआईआर 3 मई 2013 को पीड़िता की मां ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी और लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक अभियुक्त पर वादिनी की 13 साल की बेटी को भगाने और उसके साथ दुराचार करने का आरोप है.

बचाव पक्ष की दलील
बचाव पक्ष का कहना था कि पीड़िता अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी और दोनों ने अपनी मर्जी से विवाह किया था. बचाव पक्ष की ओर से यह भी दलील दी गई कि पीड़िता बालिग है. विवेचनाधिकारी ने कहा कि उसकी उम्र साबित करने के लिए दाखिल किये गए दस्तावेजों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. हालांकि, कोर्ट ने बचाव पक्ष की इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की उम्र के सम्बंध में उसके शैक्षिक दस्तावेज लगाए गए हैं. इन्हे नकारा नहीं जा सकता है.

लखनऊः नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुराचार करने के मामले में पॉक्सो की विशेष अदालत ने आरोपी गौतम सिंह को दोषी करार दिया है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए विशेष जज अरविन्द मिश्र ने अभियुक्त को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इसके साथ ही अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

13 साल की थी पीड़िता
इस मामले की एफआईआर 3 मई 2013 को पीड़िता की मां ने थाना कृष्णानगर में दर्ज कराई थी. सरकारी वकील नवीन त्रिपाठी और लोक अभियोजक अभिषेक उपाध्याय के मुताबिक अभियुक्त पर वादिनी की 13 साल की बेटी को भगाने और उसके साथ दुराचार करने का आरोप है.

बचाव पक्ष की दलील
बचाव पक्ष का कहना था कि पीड़िता अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी और दोनों ने अपनी मर्जी से विवाह किया था. बचाव पक्ष की ओर से यह भी दलील दी गई कि पीड़िता बालिग है. विवेचनाधिकारी ने कहा कि उसकी उम्र साबित करने के लिए दाखिल किये गए दस्तावेजों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. हालांकि, कोर्ट ने बचाव पक्ष की इन दलीलों को मानने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की उम्र के सम्बंध में उसके शैक्षिक दस्तावेज लगाए गए हैं. इन्हे नकारा नहीं जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.