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अभियान के बाद भी सड़कों पर गड्ढों की भरमार, पैदल चलना भी दुश्वार

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान पर पानी फेर रही है. सरकारी समयावधि बीतने को है, लेकिन मोहनलालगंज क्षेत्र में की सड़कों में गड्ढों की भरमार है. आलम यह है कि गड्ढों की वजह से इन सड़कों से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है. तहसील समाधान दिवस और आईजीआरएस में शिकायत के बावजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं.

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Published : Nov 15, 2022, 8:59 PM IST

लखनऊ : लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान पर पानी फेर रही है. सरकारी समयावधि बीतने को है, लेकिन मोहनलालगंज क्षेत्र में की सड़कों में गड्ढों की भरमार है. आलम यह है कि गड्ढों की वजह से इन सड़कों से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है. तहसील समाधान दिवस और आईजीआरएस में शिकायत के बावजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारी (PWD Officer) मूकदर्शक बने हुए हैं.


मोहनलालगंज में खुजौली से करोरा रोड (Khujauli to Karora Road in Mohanlalganj) साल भर से खस्ताहाल है. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान का मखौल उड़ा रहे हैं. ढेरों शिकायत के बाद भी पीडब्ल्यूडी अधिकारी इस जर्जर सड़क के गड्ढे भरने अब तक नहीं पहुंचे हैं. धरमावत खेड़ा से पूरनपुर रोड पर भी गड्ढे ही गड्ढे हैं. अतरौली गांव में भी जर्जर सड़क का निर्माण लटका हुआ है. परेशान ग्रामीणों ने आईजीआरएस के जरिए गड्ढा मुक्ति अभियान पर सवाल खड़े कर शिकायत दर्ज कराई. इसके बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है.

जानकारी देते संवाददाता अरुण चतुर्वेदी.



30 नवंबर तक कैसे भरेंगे गड्ढे : सरकार ने 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की समयवाधि तय कर रखी थी, लेकिन गड्ढा मुक्त का काम अभी 70% ही हुआ है. ऐसे में 30 फीसद बचे काम को देखते हुए सरकार ने समय अवधि 30 नवंबर कर दी है.


मुसीबत झेल रहे लोग, जनप्रतिनिधि मौन : मोहनलालगंज के मतदाताओं (Voters of Mohanlalganj) ने सत्ताधारी दल के विधायक और सांसद को चुन रखा है. क्षेत्रीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से चौतरफा विकास की तमाम उम्मीदें लगा रखी हैं, लेकिन सड़कों की दुर्दशा से आवागमन में मुश्किलें झेल रहे लोग जनप्रतिनिधियों की चुप्पी (the silence of the representatives) पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें : रिश्तेदारी में आए युवक ने नाबालिग लड़की के साथ किया दुष्कर्म, गिरफ्तार

लखनऊ : लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की लापरवाही सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान पर पानी फेर रही है. सरकारी समयावधि बीतने को है, लेकिन मोहनलालगंज क्षेत्र में की सड़कों में गड्ढों की भरमार है. आलम यह है कि गड्ढों की वजह से इन सड़कों से पैदल गुजरना भी मुश्किल हो रहा है. तहसील समाधान दिवस और आईजीआरएस में शिकायत के बावजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारी (PWD Officer) मूकदर्शक बने हुए हैं.


मोहनलालगंज में खुजौली से करोरा रोड (Khujauli to Karora Road in Mohanlalganj) साल भर से खस्ताहाल है. सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे सरकार के गड्ढा मुक्ति अभियान का मखौल उड़ा रहे हैं. ढेरों शिकायत के बाद भी पीडब्ल्यूडी अधिकारी इस जर्जर सड़क के गड्ढे भरने अब तक नहीं पहुंचे हैं. धरमावत खेड़ा से पूरनपुर रोड पर भी गड्ढे ही गड्ढे हैं. अतरौली गांव में भी जर्जर सड़क का निर्माण लटका हुआ है. परेशान ग्रामीणों ने आईजीआरएस के जरिए गड्ढा मुक्ति अभियान पर सवाल खड़े कर शिकायत दर्ज कराई. इसके बावजूद कोई समाधान नहीं हो रहा है.

जानकारी देते संवाददाता अरुण चतुर्वेदी.



30 नवंबर तक कैसे भरेंगे गड्ढे : सरकार ने 15 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की समयवाधि तय कर रखी थी, लेकिन गड्ढा मुक्त का काम अभी 70% ही हुआ है. ऐसे में 30 फीसद बचे काम को देखते हुए सरकार ने समय अवधि 30 नवंबर कर दी है.


मुसीबत झेल रहे लोग, जनप्रतिनिधि मौन : मोहनलालगंज के मतदाताओं (Voters of Mohanlalganj) ने सत्ताधारी दल के विधायक और सांसद को चुन रखा है. क्षेत्रीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों से चौतरफा विकास की तमाम उम्मीदें लगा रखी हैं, लेकिन सड़कों की दुर्दशा से आवागमन में मुश्किलें झेल रहे लोग जनप्रतिनिधियों की चुप्पी (the silence of the representatives) पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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