लखनऊ : लड़ाई जिंदगी की हो या फिर खुद को साबित करने की दोनों ही लड़ाई मुश्किल होती है. लेकिन उसको जज्बे और हौसले के साथ लड़ा जाए तो कोई भी लड़ाई लड़ाई नहीं रहती. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है भारत की दो बेटियां हिमा दास और दुतीचंद ने. असम राज्य की हिमा उस समय अपने देश के लिए खेल कर पदक जीत रही थीं, जब उनका राज्य बाढ़ से पीड़ित था और इतना ही नहीं उन्होंने कोई एक दो नहीं बल्कि 20 दिनों के भीतर 5 पदक अपने नाम किया. वह यहीं ही नहीं रुकी एक बेहतरीन खिलाड़ी होने के साथ-साथ उन्होनें एक बेहतरीन व्यक्तित्व की भी परिभाषा दी. वह बाढ़ पीड़ित असम के लिए अपना आधा से ज्यादा वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया.
वहीं अपने सफर में दुतीचंद को भी लगभग 5 साल का बैन सहना पड़ा था. सिर्फ उनकी स्वाभाविक बायो लॉजिकल अवस्था के लिए उनका तिरस्कार लगातार समाज द्वारा किया गया लेकिन वह हिम्मत नहीं हारी. मैदान में शानदार वापसी करके उन्होनें खुद को साबित किया और यह भी संदेश दिया कि यदि आप अपने लक्ष्य पर फोकस हैं तो आपको कोई भी बाधाएं रोक नहीं सकती.
राजधानी में स्टेडियम के खिलाड़ियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका कहना है कि इन दोनों खिलाड़ियों ने हमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है. किसी भी समस्या को जज्बे और हौसले के साथ लड़ा जाए तो लड़ाई लड़ी जा सकती है. इन खिलाड़ियों में भी अपने देश के लिए कुछ कर जाने का जज्बा है.
हिमा और दुतिचंद से प्रेरणा ले रहे खिलाड़ी -
- ईटीवी भारत ने लखनऊ स्टेडियम में खिलाड़ियों से बात की.
- उनका कहना है कि जिस तरह देश की बेटियां अपना नाम कर रही हैं वो काबिलेतारीफ है.
- खिलाड़ियों ने कहा कि खिलाड़ियों को देख कर के यह मालूम चलता है कि जीवन में कोई भी काम कठिन नहीं होता.
- सच्ची लगन व मेहनत के साथ सबकुछ हासिल किया जा सकता है.
खिलाड़ियों के जीवन में आती है कठिनाई -
खिलाड़ियों के जीवन में कठिनाइयों को लेकर जब हमने राजधानी लखनऊ के ही स्टेडियम में खेलने आए खिलाड़ियों से बातचीत की तो उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों की जीवन में दिक्कतें समय-समय पर आती रहती हैं. लेकिन खिलाड़ी एक फाइटर होता है जो कि उन सभी तमाम दिक्कतों से लड़कर ही आगे बढ़ता है. ऐसे में कोई भी दिक्कत जीवन में या मैदान पर खिलाड़ियों को परेशान नहीं कर पाती है. उनमें यह जज्बा होता है कि वे बुरे दौर से भी गुजरकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचकर अपने देश का नाम ऊंचा करें.
पिछले गत वर्षों में हमने खिलाड़ियों को बेहतर सेवाएं देने का पूरा प्रयास किया है. इसी कड़ी में लगातार खिलाड़ियों की सेवाओं में हम लोग तत्परता के साथ उनकी सेवाओं को अपग्रेड करते रहते हैं. खिलाड़ियों को बेहतर कोचिंग के साथ साथ बेहतर सेवाएं भी मिल पाए. जिससे वे उन तमाम दिक्कतों से नजर हटाकर अपने खेल पर फोकस कर सकें
- आरपी सिंह, खेल निदेशक, उत्तर प्रदेश