लखनऊ : गड्ढा मुक्ति के नाम पर केवल पैचवर्क हो रहा है. कहीं भी सड़कों का दोबारा निर्माण होता नजर नहीं आ रहा है. यह मामला पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के संज्ञान में भी आ चुका है, जिससे वह नाराज हैं. इस संबंध में प्रमुख सचिव से लेकर पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष तक को नोटिस दिया जा चुका है, इसके बावजूद पैचवर्क का खेल जारी है.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर गड्ढा मुक्ति का अभियान 16 नवंबर तक जारी रहेगा, लेकिन लोक निर्माण विभाग के अफसर यह मान चुके हैं कि वह निर्धारित समय सीमा से काफी पीछे हैं. इसलिए सभी अभियंताओं की छुट्टी निरस्त की जा चुकी है. तेजी से काम करने की हड़बड़ी में अब काम को निपटाने की परिपाटी पर पीडब्ल्यूडी के अवसर चल रहे हैं, इसलिए लखनऊ सहित प्रदेश के अनेक हिस्सों से यह बात सामने आ रही है कि सड़कों के पुनर्निर्माण की जगह केवल पैचवर्क करने का काम किया जा रहा है.
लोक निर्माण विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पैचवर्क के काम में ठेकेदारों को बहुत फायदा होता है. इस बारे में लखनऊ जन कल्याण महासमिति के वरिष्ठ पदाधिकारी विवेक शर्मा ने बताया कि राजधानी में किसी भी और चले जाइए आपको पैसे का खेल होता हुआ नजर आ जाएगा. जहां सड़कों को पुनर्निर्माण की जरूरत है वहां भी पैचवर्क करके न केवल पीडब्ल्यूडी बल्कि नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण भी अपने कर्तव्य की इतिश्री करते हुए ही नजर आ रहे हैं. विवेक शर्मा ने बताया कि हर स्तर पर इस तरह की शिकायतें नागरिकों की ओर से आ रही हैं. जिनकी सुनवाई नहीं हो रही है. लखनऊ में विष्णुपुरी हजरतगंज में कैंट रोड के अलावा कई प्रमुख मार्गों पर पैचवर्क का खेल देखा जा सकता है.
लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद का इस बारे में स्पष्ट कहना है कि सभी अफसरों को निर्देश दे दिया गया है. गुणवत्ता के साथ में कोई खेल नहीं होगा. आने वाले समय में जहां भी पैचवर्क पुनर्निर्माण की जगह किया गया वहां पर कार्रवाई की जाएगी.
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