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लखनऊ: महिला के बटन दबाते ही दौड़ी आएगी पुलिस, पिंक बसों में मिलेगी सुरक्षा - महिलाओं की सुरक्षा

राजधानी लखनऊ में महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन अब गंभीरता दिखा रही है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 50 पिंक बसें बनवाई गई हैं. ये पैनिक बटन और कैमरे से लैस होंगी. ये सिस्टम महिलाओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगी.

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पिंक बस देगी महिलाओं को सुरक्षा
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Published : Dec 16, 2019, 7:12 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अहम कदम उठाए हैं. सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक निर्भया फंड बनाया गया. इस फंड से 40 करोड़ रुपए की राशि महिला और बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने परिवहन निगम को भेजी. परिवहन विभाग ने इस फंड से 50 पिंक बसें सिर्फ महिलाओं की यात्रा के लिए खरीदी हैं. ये सभी बसें सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिक उपकरणों से लैस हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
हर सीट पर पैनिक बटन50 पिंक बसों के साथ ही इंटरसेप्टर भी खरीदी गई. वहीं 17 पिंक बसें लखनऊ रीजन को भी मिलीं हैं. इन बसों की खासियत यही है कि हर सीट पर पैनिक बटन लगा हुआ है. ये डायल 112 पुलिस गाड़ियों से जुड़ा है. बटन को दबाते ही डायल 112 को सूचना मिल जाएगी और पुलिस सहायता के लिए तत्काल पहुंच जाएगी. इसमें बस में महिलाएं और उनके परिजन ही सिर्फ यात्रा कर सकते हैं.

इसके साथ ही इंटरसेप्टर पर मैसेज भी चला जाता है. इंटरसेप्टर पर तैनात अफसर भी सहायता के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं. बस के कैमरे हर गतिविधि को रिकार्ड करते हैं.

सभी रोडवेज में लगेगी पैनिक बटन
पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने सदन में सीसीटीवी पर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि क्या सिर्फ कैमरे से ही महिला सुरक्षा हो पाना सम्भव है? पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद रोडवेज बसों में सीसीटीवी लगाने की योजना ठप हो गई थी. कैमरे के लिए निर्भया फंड से मिलने वाला पैसा वापस हो गया था. लेकिन अब रोडवेज बसों में सीसीटीवी नहीं बल्कि पैनिक बटन लगाए जाएंगे.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: सेव द चिल्ड्रेन संस्था ने शुरू की 'हैशटैग लाइट अप हर लाइफ कैंपेन'

सात साल पहले दिल्ली में दरिंदों ने बस के अंदर सामूहिक दुष्कर्म जैसी ह्रदय विदारक घटना को अंजाम दिया था. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना के बाद सरकार ने महिला सुरक्षा पर कई कदम उठा रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अहम कदम उठाए हैं. सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक निर्भया फंड बनाया गया. इस फंड से 40 करोड़ रुपए की राशि महिला और बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने परिवहन निगम को भेजी. परिवहन विभाग ने इस फंड से 50 पिंक बसें सिर्फ महिलाओं की यात्रा के लिए खरीदी हैं. ये सभी बसें सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिक उपकरणों से लैस हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
हर सीट पर पैनिक बटन50 पिंक बसों के साथ ही इंटरसेप्टर भी खरीदी गई. वहीं 17 पिंक बसें लखनऊ रीजन को भी मिलीं हैं. इन बसों की खासियत यही है कि हर सीट पर पैनिक बटन लगा हुआ है. ये डायल 112 पुलिस गाड़ियों से जुड़ा है. बटन को दबाते ही डायल 112 को सूचना मिल जाएगी और पुलिस सहायता के लिए तत्काल पहुंच जाएगी. इसमें बस में महिलाएं और उनके परिजन ही सिर्फ यात्रा कर सकते हैं.

इसके साथ ही इंटरसेप्टर पर मैसेज भी चला जाता है. इंटरसेप्टर पर तैनात अफसर भी सहायता के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं. बस के कैमरे हर गतिविधि को रिकार्ड करते हैं.

सभी रोडवेज में लगेगी पैनिक बटन
पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने सदन में सीसीटीवी पर एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि क्या सिर्फ कैमरे से ही महिला सुरक्षा हो पाना सम्भव है? पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद रोडवेज बसों में सीसीटीवी लगाने की योजना ठप हो गई थी. कैमरे के लिए निर्भया फंड से मिलने वाला पैसा वापस हो गया था. लेकिन अब रोडवेज बसों में सीसीटीवी नहीं बल्कि पैनिक बटन लगाए जाएंगे.

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सात साल पहले दिल्ली में दरिंदों ने बस के अंदर सामूहिक दुष्कर्म जैसी ह्रदय विदारक घटना को अंजाम दिया था. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस घटना के बाद सरकार ने महिला सुरक्षा पर कई कदम उठा रही है.

Intro:निर्भया फंड से संचालित पिंक बसें देती हैं महिलाओं को सुरक्षा की गारंटी

लखनऊ। सात साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में दरिंदों ने बस के अंदर सामूहिक बलात्कार जैसी उस ह्रदयविदारक घटना को अंजाम दिया जिसने देश को झकझोर कर रख दिया। इस घटना ने बस से महिलाओं के यात्रा करने पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए। सरकार गम्भीर हुई और महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर बसों में सिक्योरिटी के इंतजाम करने शुरू किए। बाकायदा एक निर्भया फंड बनाया गया। इसके बाद महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय ने परिवहन निगम को ₹40 करोड़ का फंड भेज महिला सुरक्षा के व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके बाद इसी निर्भया फंड से 50 पिंक बसें सिर्फ महिलाओं की यात्रा के लिए खरीदी गईं और इन्हें सिक्योरिटी की दृष्टि से आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया।


Body:50 पिंक बसों के साथ ही इंटरसेप्टर भी खरीदी गईं। 17 पिंक बसें लखनऊ रीजन को मिलीं और अवध डिपो से संचालित होती हैं। इन बसों की खासियत यही है कि इसमें सिर्फ महिलाएं और उनके ब्लड रिलेशन ही यात्रा कर सकते हैं। हर सीट पर पैनिक बटन लगा हुआ है। किसी भी तरह की दिक्कत होने पर जैसे ही महिला यात्री पैनिक बटन प्रेस करती है वैसे ही डायल 112 से लिंक इस पैनिक बटन से तत्काल पुलिस को सूचना मिल जाती है। इसके अलावा इंटरसेप्टर पर मैसेज चला जाता है। जिसके बाद पुलिस और इंटरसेप्टर पर तैनात अफसर सहायता के लिए मौके पर पहुंच जाते हैं और महिला की दिक्कत दूर करते हैं। बस के अंदर लगे कैमरे से हर गतिविधि कैप्चर करते हैं जिससे इस बस में सफर करने पर महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसे में बस के अंदर निर्भया जैसी दूसरी घटना घटित होने की जरा भी गुंजाइश नहीं है। पुलिस, परिवहन अधिकारी महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गम्भीर हैं।


Conclusion:वैसे तो सभी रोडवेज बसों में सीसीटीवी लगने थे, लेकिन पिछली सरकार में महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्री रहीं मेनका गांधी ने सदन में ये कहकर मना कर दिया कि क्या सिर्फ कैमरे से ही महिला सुरक्षा हो पाना सम्भव है? पूर्व मंत्री के इस बयान के बाद रोडवेज बसों में सीसीटीवी लगने की योजना ठप हो गई। कैमरे के लिए निर्भया फंड से मिलने वाला पैसा वापस हो गया। अब रोडवेज बसों में सीसीटीवी नहीं बल्कि पैनिक बटन लगाए जाएंगे।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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