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लखनऊ चिड़ियाघर में रहेगी पीलीभीत में पकड़ी गई बाघिन - गांव में पकड़ी गई बाघिन

जिले में शनिवार को पीलीभीत थाना बरखेड़ा क्षेत्र के गांव खजुरिया पचपेड़ा में बाघिन आतंक का पर्याय बनी थी. काफी मशक्कत के बाद पीलीभीत वन विभाग के कैद में बाघिन आ गई, लेकिन जीवन के अंतिम पड़ाव के चलते उसे पीलीभीत के जंगल में छोड़ने के बजाय लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा गया. यह निर्णय वन विभाग के आला अधिकारियों ने लिया.

लखनऊ चिड़ियाघर में रहेगी पीलीभीत की बाघिन
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Published : May 13, 2019, 10:49 PM IST

लखनऊ : पीलीभीत थाना बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम खजुरिया पचपेड़ा में कुछ दिनों से बाघिन का आंतक बना हुआ था. इससे पीलीभीत वन विभाग ने शनिवार बाघिन को कैद में कर लिया है. वहीं बाघिन जीवन के अंतिम पड़ाव में होने से आला आधिकारियों ने निर्णय लिया कि उसे लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा जाय.

लखनऊ चिड़ियाघर में रहेगी पीलीभीत की बाघिन
  • बीते दिन खेत पर काम कर रहे दो युवकों पर पीछे से हमला कर दिया था.
  • इसके चलते दोनों युवक गंभीर रुप से घायल हो गए थे.
  • पिछले कई दिनों से बाघिन के पदचिन्ह भी वहां पर देखे जा रहे थे.
  • पदचिन्हों से अनुमान लगाया जा रहा था कि बाघिन गांव के गन्ने के खेत में छुपी हुई बैठी है.
  • जिसके चलते बाघिन शिकार की तलाश में हमलावर होती जा रही थी.
  • शनिवार को दो युवकों पर एक साथ हमला करने की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघिन को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन बाघिन को पकड़ने में नकामयाब रहे.
  • इसके बाद ट्रेंकुलाइज गन की सहायता से बाघिन को बेहोश करके पकड़ा गया.

पकड़ी गई बाघिन की उम्र 12 वर्ष है. पकडे़ जाने के बाद अधिकारियों के आदेश पर उसे पानी और भोजन मिला. बाघिन की हालत नाजुक होने की वजह से कुछ खा तो नहीं सकी लेकिन पानी पीकर रात गुजार दी. बताया जा रहा है कि बाघिन बूढ़ी हो गई है दांत और नाखून घिस चुके हैं.

बाघिन जीवन की अंतिम पड़ाव में चल रही है. यहां पर छोड़ा तो खतरे से खाली नहीं था. इसके लिए अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाने की अनुमति मिली. अधिकारियों का आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाया गया है. बाघिन को ले जाने के लिए एक टीम बनायीं गई थी जिसमें एफडी राजा मोहन डॉक्टरों के पैनल के साथ उसे लखनऊ अपने साथ ले गए.
आदर्श कुमार, डीएफओ

लखनऊ : पीलीभीत थाना बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम खजुरिया पचपेड़ा में कुछ दिनों से बाघिन का आंतक बना हुआ था. इससे पीलीभीत वन विभाग ने शनिवार बाघिन को कैद में कर लिया है. वहीं बाघिन जीवन के अंतिम पड़ाव में होने से आला आधिकारियों ने निर्णय लिया कि उसे लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा जाय.

लखनऊ चिड़ियाघर में रहेगी पीलीभीत की बाघिन
  • बीते दिन खेत पर काम कर रहे दो युवकों पर पीछे से हमला कर दिया था.
  • इसके चलते दोनों युवक गंभीर रुप से घायल हो गए थे.
  • पिछले कई दिनों से बाघिन के पदचिन्ह भी वहां पर देखे जा रहे थे.
  • पदचिन्हों से अनुमान लगाया जा रहा था कि बाघिन गांव के गन्ने के खेत में छुपी हुई बैठी है.
  • जिसके चलते बाघिन शिकार की तलाश में हमलावर होती जा रही थी.
  • शनिवार को दो युवकों पर एक साथ हमला करने की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघिन को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन बाघिन को पकड़ने में नकामयाब रहे.
  • इसके बाद ट्रेंकुलाइज गन की सहायता से बाघिन को बेहोश करके पकड़ा गया.

पकड़ी गई बाघिन की उम्र 12 वर्ष है. पकडे़ जाने के बाद अधिकारियों के आदेश पर उसे पानी और भोजन मिला. बाघिन की हालत नाजुक होने की वजह से कुछ खा तो नहीं सकी लेकिन पानी पीकर रात गुजार दी. बताया जा रहा है कि बाघिन बूढ़ी हो गई है दांत और नाखून घिस चुके हैं.

बाघिन जीवन की अंतिम पड़ाव में चल रही है. यहां पर छोड़ा तो खतरे से खाली नहीं था. इसके लिए अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाने की अनुमति मिली. अधिकारियों का आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाया गया है. बाघिन को ले जाने के लिए एक टीम बनायीं गई थी जिसमें एफडी राजा मोहन डॉक्टरों के पैनल के साथ उसे लखनऊ अपने साथ ले गए.
आदर्श कुमार, डीएफओ

Intro:शनिवार को पीलीभीत थाना बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम खजुरिया पचपेडा में आतंक का पर्याय बनी बाघिन काफी मशक्कत के बाद पीलीभीत वन विभाग के कैद में तो आ गई लेकिन जीवन के अंतिम पड़ाव के चलते उसे पीलीभीत के जंगल में छोड़ने के बजाय लखनऊ के चिड़ियाघर में भेजा गया, यह निर्णय वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा लिया गया।


Body:आपको बता दें शनिवार को थाना बरखेड़ा क्षेत्र के ग्राम खजुरिया पचपेड़ा में खेत पर काम कर रहे दो युवकों पर पीछे से हमला कर दिया था इसमें चलते दोनों युवक गंभीर रुप से घायल हो गए थे, और पिछले कई दिनों से बाघ के पदचिन्ह भी वहां पर देखे जा रहे थे और अनुमान लगाया जा रहा था कि बाघिन गांव के गन्ने के खेत में छुपी हुई बैठी है जिसके चलते बाघिन शिकार की तलाश में हमलावर होती जा रही थी शनिवार को दो युवकों पर एक साथ हमला करने की सूचना पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने बाघिन कों पकडने के लिए ऑपरेशन चलाया लेकिन बाघिन नहीं पकड़ आयी जिसके बाद ट्रेंकुलाइज गन की सहायता से बाघिन इनको बेहोश कर पकडा गया

पकड़ी गई बाघिन के परीक्षण के बाद पता चला कि उसकी उम्र करीब 12 वर्ष है, पकडे जाने के बाद उसे गड़ा बीच में रखा गया अधिकारियों के आदेश पर उसे पानी और भोजन मिला लेकिन बाघिन की शरीर की हालत नाजुक होने की वजह से कुछ खा तो नही सकी लेकिन पानी पीकर रात गुजार दी। पिंजरे के अंदर बंद बाघिन का डॉक्टरों ने परीक्षण किया तो बाघिन के शरीर मे कहीं कोई भी ऑपरेशन के दौरान चोट की निशान नहीं थे लेकिन इतना जरुर था कि वह बूढ़ी हो गई थी दांत और नाखून घिस चुके थे।



Conclusion:डीएफओ आदर्श कुमार ने बताया कि बाघिन जीवन की अंतिम पड़ाव में चल रही है यहां पर छोड़ा खतरे से खाली नहीं था तो अधिकारियों के आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाने की अनुमति मिली अधिकारियो द्वारा आदेश मिलने के बाद उसे लखनऊ चिड़ियाघर ले जाया गया, बाघिन को ले जाने के लिए एक टीम बनायीं गई थी जिसमें एफडी राजा मोहन डॉक्टरों के पैनल के साथ उसे लखनऊ अपने साथ ले गए
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