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Sanjeev Jeeva Murder Case : सीबीआई से जांच की मांग को लेकर जनहित याचिका, 13 जून को हो सकती है सुनवाई

राजधानी में बुधवार को जिला कोर्ट परिसर में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

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Published : Jun 8, 2023, 9:25 PM IST

Updated : Jun 8, 2023, 10:13 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गुरूवार को एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए, 7 जून को जिला कोर्ट परिसर में हुए, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर अथवा सीबीआई से कराने की मांग की गई है. याचिका पर 13 जून को सुनवाई की सम्भावना है.


स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने यह याचिका दाखिल की है. उन्होंने जानकारी दी कि याचिका में 7 जून को राजधानी के जिला कोर्ट परिसर में एससी-एसटी कोर्ट रूम के बाहर हुई इस दुस्साहसिक वारदात का ब्यौरा देते हुए, जांच की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि अधिवक्ताओं और वादकारियों की सुरक्षा को देखते हुए भी, न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप किया जाना आवश्यक है क्योंकि पिछले कुछ समय में देशभर के कोर्ट परिसरों में हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं. याचिका में अतीक अहमद व अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या का भी हवाला दिया गया है. साथ ही आगरा कोर्ट परिसर में यूपी बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष दरवेश सिंह यादव की आगरा कोर्ट परिसर में हुई हत्या का भी जिक्र किया गया है. याचिका में कहा गया है कि दरवेश हत्याकांड के बाद हाईकोर्ट ने सात जजों की बेंच बनाकर कोर्ट परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए, बावजूद इसके ऐसी घटनाएं प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि कोर्ट परिसरों की सुरक्षा में कोई सुधार नहीं हुआ है. याचिका में मुख्यमंत्री के आदेश से तीन सदस्यीय एसआईटी के गठन का भी मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि इस प्रकार हो रही घटनाओं को देखते हुए, एसआईटी का गठन पर्याप्त नहीं है. मांग की गई है कि अधिवक्ताओं और वादकारियों की सुरक्षा के खातिर हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में गुरूवार को एक जनहित याचिका दाखिल करते हुए, 7 जून को जिला कोर्ट परिसर में हुए, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा हत्याकांड मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर अथवा सीबीआई से कराने की मांग की गई है. याचिका पर 13 जून को सुनवाई की सम्भावना है.


स्थानीय अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने यह याचिका दाखिल की है. उन्होंने जानकारी दी कि याचिका में 7 जून को राजधानी के जिला कोर्ट परिसर में एससी-एसटी कोर्ट रूम के बाहर हुई इस दुस्साहसिक वारदात का ब्यौरा देते हुए, जांच की मांग की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि अधिवक्ताओं और वादकारियों की सुरक्षा को देखते हुए भी, न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप किया जाना आवश्यक है क्योंकि पिछले कुछ समय में देशभर के कोर्ट परिसरों में हिंसक घटनाएं बढ़ी हैं. याचिका में अतीक अहमद व अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या का भी हवाला दिया गया है. साथ ही आगरा कोर्ट परिसर में यूपी बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष दरवेश सिंह यादव की आगरा कोर्ट परिसर में हुई हत्या का भी जिक्र किया गया है. याचिका में कहा गया है कि दरवेश हत्याकांड के बाद हाईकोर्ट ने सात जजों की बेंच बनाकर कोर्ट परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए, बावजूद इसके ऐसी घटनाएं प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि कोर्ट परिसरों की सुरक्षा में कोई सुधार नहीं हुआ है. याचिका में मुख्यमंत्री के आदेश से तीन सदस्यीय एसआईटी के गठन का भी मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि इस प्रकार हो रही घटनाओं को देखते हुए, एसआईटी का गठन पर्याप्त नहीं है. मांग की गई है कि अधिवक्ताओं और वादकारियों की सुरक्षा के खातिर हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे.

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Last Updated : Jun 8, 2023, 10:13 PM IST
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