लखनऊ : यूपी के फार्मासिस्ट कई दिनों से सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे थे. हर जिले में सीएमओ को मांगों का ज्ञापन भी दिया गया मगर अफसर अनसुनी करते रहे. ऐसे में गुरुवार से फार्मासिस्टों ने दो घंटे कार्य बहिष्कार का एलान किया है. साथ ही सुनवाई न होने पर अगले चरण में पूरी तरह से सेवा ठप करने की चेतावनी भी दी है.
डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि प्रदेश भर के सभी सीएमओ कार्यालयों पर बीती चार दिसम्बर से धरना चल रहा है. इस दौरान मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के साथ ही प्रदेश के सभी फार्मेसिस्टों ने 5 से 8 दिसम्बर तक काला फीता बांधकर आंदोलन किया.
अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सालयों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, पुलिस, पीएचसी चिकित्सालयों में सुबह दो घंटे कार्य बहिष्कार होगा. इसके अलावा आकस्मिक सेवाएं, पोस्टमार्टम, मेडिको लीगल आदि बाधित नहीं होंगी.
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फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को सिविल अस्पताल में बैठक की. प्रांतीय अध्यक्ष संदीप बडोला, महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि सरकार चिकित्सा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए गंभीर नहीं दिख रही है. यहां मानक के अनुसार पदों की संख्या कम हैं, इससे सेवाएं प्रभावित होती हैं.
प्रदेश में जनसंख्या के अनुपात में मानक के अनुसार 2160 के स्थान पर 853 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 7200 पीएचसी की जगह 3621 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ही हैं. वहीं, जिला महिला चिकित्सालयों को परिवर्तित कर मेडिकल कॉलेज बनाते समय चिकित्सालयों के मानक समाप्त किए जा रहे हैं. इससे पद कम हो रहे हैं और अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है.
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