ETV Bharat / state

लखनऊ से भी हुई PFI को फंडिंग, कई बड़े राजनेताओं के भी नाम!

सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए थे. इस मामले में मुकदमे दर्ज हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है. वहीं हिंसा की जांच में जुटी पुलिस को पीएफआई समेत कुछ अन्य संस्थाओं की संलिप्तता की जानकारी मिली थी.

ETV BHARAT
विवादित संगठन PFI को देशभर से हुई फंडिग.
author img

By

Published : Jan 28, 2020, 3:16 PM IST

लखनऊ: पीएफआई को देश भर से की गई फंडिंग में लखनऊ के अंश दाताओं को चिन्हित कर लिया गया है. जल्द ही सरकार ऐसे लोगों का नाम उजागर करने वाली है. पीएफआई जैसे विवादित संगठन को देशभर से फंडिंग की गई है. यह फंडिंग उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी हुई है.

विवादित संगठन PFI को देशभर से हुई फंडिग.

सूबे की राजधानी लखनऊ से भी कई लोगों ने पीएफआई जैसे विवादित संगठन को फंडिंग किया है. लखनऊ के जिन लोगों ने पीएफआई को धनराशि उपलब्ध कराई है, उन लोगों का नाम सामने आ गया है. जल्द ही ऐसे लोगों का नाम सरकार उजागर करने वाली है.

विवादित संगठन को देश से हुई फंडिग
सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर से लखनऊ, कानपुर, संभल, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर समेत प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए थे. करीब तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में 21 लोग मारे गए और करीब 300 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मामले में मुकदमे दर्ज हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां भी की गईं. वहीं हिंसा की जांच में जुटी पुलिस को पीएफआई समेत कुछ अन्य संस्थाओं की संलिप्तता की जानकारी मिली थी. इसी आधार पर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी. अब पीएफआई के बारे में धीरे-धीरे जानकारी सामने आने लगी है.

उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में हिंसा फैलाने की साजिश में पीएफआई की भूमिका की सूचना खुफिया एजेंसियों को काफी पहले से मिलने लगी थी. खुफिया विभाग को सूचना मिली थी कि यूपी में पीएफआई की गतिविधियों का पहला संकेत लखनऊ में ही मिला, जब खुर्रम नगर इलाके में कुछ पोस्टर चस्पा किए गए. खुफिया विभाग ने इसकी सूचना प्रदेश सरकार को दी थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन इसे लेकर बेहद संजीदगी से जुटा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ निर्देश है कि हिंसक प्रदर्शन करने वाले को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाए.

खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ समेत आसपास के जिलों में ऐसे लोग चिन्हित कर लिए गए हैं, जिन्होंने पीएफआई को फंडिंग की है. ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है. जल्द ही यह नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और पुलिस इनसे पूछताछ भी कर सकती है. ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी कर पीएफआई को दिए गए पैसे के बारे में और कारण के बारे में पूछताछ की जा सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी कुछ बड़े राजनेताओं के नाम उजागर किए गए हैं, जिनके बैंक खाते से पीएफआई से लेन-देन हुए हैं.

लखनऊ: पीएफआई को देश भर से की गई फंडिंग में लखनऊ के अंश दाताओं को चिन्हित कर लिया गया है. जल्द ही सरकार ऐसे लोगों का नाम उजागर करने वाली है. पीएफआई जैसे विवादित संगठन को देशभर से फंडिंग की गई है. यह फंडिंग उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी हुई है.

विवादित संगठन PFI को देशभर से हुई फंडिग.

सूबे की राजधानी लखनऊ से भी कई लोगों ने पीएफआई जैसे विवादित संगठन को फंडिंग किया है. लखनऊ के जिन लोगों ने पीएफआई को धनराशि उपलब्ध कराई है, उन लोगों का नाम सामने आ गया है. जल्द ही ऐसे लोगों का नाम सरकार उजागर करने वाली है.

विवादित संगठन को देश से हुई फंडिग
सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर से लखनऊ, कानपुर, संभल, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर समेत प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए थे. करीब तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में 21 लोग मारे गए और करीब 300 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस मामले में मुकदमे दर्ज हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारियां भी की गईं. वहीं हिंसा की जांच में जुटी पुलिस को पीएफआई समेत कुछ अन्य संस्थाओं की संलिप्तता की जानकारी मिली थी. इसी आधार पर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी. अब पीएफआई के बारे में धीरे-धीरे जानकारी सामने आने लगी है.

उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में हिंसा फैलाने की साजिश में पीएफआई की भूमिका की सूचना खुफिया एजेंसियों को काफी पहले से मिलने लगी थी. खुफिया विभाग को सूचना मिली थी कि यूपी में पीएफआई की गतिविधियों का पहला संकेत लखनऊ में ही मिला, जब खुर्रम नगर इलाके में कुछ पोस्टर चस्पा किए गए. खुफिया विभाग ने इसकी सूचना प्रदेश सरकार को दी थी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन इसे लेकर बेहद संजीदगी से जुटा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ निर्देश है कि हिंसक प्रदर्शन करने वाले को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाए.

खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ समेत आसपास के जिलों में ऐसे लोग चिन्हित कर लिए गए हैं, जिन्होंने पीएफआई को फंडिंग की है. ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है. जल्द ही यह नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और पुलिस इनसे पूछताछ भी कर सकती है. ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी कर पीएफआई को दिए गए पैसे के बारे में और कारण के बारे में पूछताछ की जा सकती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी कुछ बड़े राजनेताओं के नाम उजागर किए गए हैं, जिनके बैंक खाते से पीएफआई से लेन-देन हुए हैं.

Intro:लखनऊ: पीएफआई को लखनऊ के लोगों ने भी की फंडिंग, प्रशासन के हाथ लगे दस्तावेज, जल्द होगा खुलासा

लखनऊ। पीएफआई को देशभर से की गई फंडिंग में लखनऊ के अंश दाताओं को चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही सरकार ऐसे लोगों का नाम उजागर करने वाली है। पीएफआई जैसे विवादित संगठन को देशभर से फंडिंग की गई है। यह फंडिंग उत्तर प्रदेश के कई जिलों से भी हुई है। सूबे की राजधानी लखनऊ से भी कई लोगों ने पीएफआई जैसे विवादित संगठन को फंडिंग किया है। लखनऊ के जिन लोगों ने पीएफआई को धनराशि उपलब्ध कराई है, उन लोगों का नाम सामने आ गया है। जल्दी ही ऐसे लोगों का नाम सरकार उजागर करने वाली है।


Body:सीएए के खिलाफ 19 दिसंबर से लखनऊ, कानपुर, संभल, मेरठ मुजफ्फरनगर, बिजनौर समेत प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में हिंसात्मक प्रदर्शन हुए थे। करीब तीन दिन तक चले इस प्रदर्शन में 21 लोग मारे गए और करीब 300 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इस मामले में मुकदमे दर्ज हुए हैं और बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। हिंसा की जांच में जुटी पुलिस को पीएफआई समेत कुछ अन्य संस्थाओं की संलिप्तता की जानकारी मिली थी। इसी आधार पर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश भी की थी। अब पीएफआई के बारे में धीरे धीरे जानकारी सामने आने लगी है।

उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में हिंसा फैलाने की साजिश में पीएफआई की भूमिका की सूचना खुफिया एजेंसियों को काफी पहले से मिलने लगी थी। खुफिया विभाग को सूचना मिली थी यूपी में पीएफआई की गतिविधियों का पहला संकेत लखनऊ में ही मिला जब खुर्रम नगर इलाके में कुछ पोस्टर चस्पा किए गए। खुफिया विभाग ने इसकी सूचना प्रदेश सरकार को दी थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन इसे लेकर बेहद संजीदगी से जुटा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ निर्देश है कि हिंसक प्रदर्शन करने वाले को किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ समेत आस पास के जिलों में ऐसे लोग चिन्हित कर लिए गए हैं जिन्होंने पीएफआई को फंडिंग की है। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। जल्द ही यह नाम सार्वजनिक किए जाएंगे और पुलिस इनसे पूछताछ भी कर सकती है। ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी कर पीएफआई को दिए गए पैसे के बारे में और कारण के बारे में पूछताछ की जा सकती है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी कुछ बड़े राजनेताओं के नाम उजागर किए गए हैं जिनके बैंक खाते से पीएफआई से लेनदेन हुए हैं।

दिलीप शुक्ला, 9450663213


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.