लखनऊ: आगामी लोकसभा चुनाव में राजधानी की दो लोकसभा सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. नामांकन प्रक्रिया के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग नामांकन प्रारूप लेने कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां दोनों लोकसभा सीट पर प्रमुख पार्टियों से बड़े नेता मैदान में है, तो वहीं निर्दलीय और क्षेत्रीय पार्टियों के लोग भी लखनऊ शहरी और मोहनलालगंज लोकसभा सीट से किस्मत आजमाने से पीछे नहीं हैं.
पहले दिन लखनऊ लोकसभा सीट से 52 और मोहनलालगंज लोकसभा सीट से 20 लोगों ने नामांकन प्राप्त किए हैं. जिनमें ज्यादातर लोग क्षेत्रीय पार्टी से हैं और निर्दलीय चुनाव लड़ना चाहते हैं. पहले दिन बड़ी संख्या में लोग नामांकन प्रारूप लेने कलेक्ट्रेट पहुंचे. ऐसे में तमाम लोगों ने अपने खास मुद्दों के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने की बात कही. जहां लोग राजनीतिक मुद्दों के साथ राजनीति के मैदान में उतरने की बात कर रहे थे, तो कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने अपनी वेशभूषा से लोगों का खासा ध्यान आकर्षित किया.
कलेक्ट्रेट में उस समय भीड़ जमा हो गई जब सुरेश ठाकुर नाम के एक शख्स नामांकन प्रारूप लेने पहुंचे. सुरेश ठाकुर ने भगवे रंग के वस्त्र धारण कर रखे थे, ऐसे में कलेक्ट्रेट में मौजूद लोगों ने मजाक के लहजे में कहा कि योगी जी भी लखनऊ से नामांकन भरना चाहते हैं और नामांकन प्रपत्र लेने आए हैं.
इसके बाद जब सुरेश ठाकुर से बातचीत की गई तो उन्होंने बेबाकी से तमाम सवालों के जवाब दिए. अपने आप को योगी बताए जाने पर सुरेश ठाकुर ने नाराजगी भी जताई उन्होंने कहा कि मैं योगी नहीं हूं मैंने जो वस्त्र धारण किए हैं, यह विवेकानंद से प्रभावित होकर मैंने पहने हैं. ऐसे में जब सुरेश से सवाल किया गया कि आप ठाकुर है और राजनाथ सिंह के चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि मैं ठाकुर लिखता जरूर हूं लेकिन मैं नाई समाज से ताल्लुक रखता हूं.
वहीं सुरेश ठाकुर को लेकर अभी कलेक्ट्रेट में चर्चाएं शांत नहीं हुई थी तब तक महात्मा गांधी की वेशभूषा में एक व्यक्ति हाथ में मैला थैला लेकर नामांकन प्रारूप लेने कलेक्ट्रेट पहुंच गया, लोगों ने उसको देखा तो अचंभित रह गए लेकिन जब उससे बातचीत की गई तो पता चला कि यह बुजुर्ग पहले भी कई बार चुनाव मैदान में उतर चुका है. इस बार फिर से राजनाथ सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता है, जिसके लिए वह प्रारूप लेने आया हैं. गांधी की वेशभूषा में यह थे राम कुमार शुक्ला.
राम कुमार शुक्ल से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि देश में आज तमाम व्यवस्थाएं फैली हुई है. ऐसे में इन को मिटाने के लिए चुनाव लड़ना चाहते हैं इस दौरान राम कुमार शुक्ला ने सरकारी तंत्र और अधिकारियों को भी खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी आज राजाओं की तरह व्यवहार करते हैं जबकि सच्चाई यह है कि वह नौकर हैं, हमारे टैक्स से ही उनकी सैलरी दी जाती है फिर भी उनका रवैया तानाशाह रहता है, इसके खिलाफ इस दौरान उन्होंने तमाम अन्य मुद्दों पर भी बात की.