लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी से आम जन-जीवन बुरी तरह से प्रभावित है. आसमान से आग बरस रही है और आलम यह है कि लोग इस भीषण गर्मी से बचने के लिए अपने घरों में दुबके बैठे हैं. वहीं, मौसम विभाग ने प्रदेश के प्रयागराज, आगरा सहित कई अन्य हिस्सों में लू चलने की चेतावनी जारी है. साथ ही कहा गया कि सूबे के पश्चिमी हिस्से में कुछ जगहों पर हल्के बादल दिखने को मिल सकते हैं. लेकिन शेष स्थानों पर मौसम शुष्क बना रहेगा. हालांकि, इससे पहले 29 अप्रैल, 1979 को बांदा में अधिकतम तापमान 46.7 डिग्री दर्ज किया गया था, जो अब तक का सबसे अधिक तापमान था. यही नहीं पूरे देश के हिसाब से भी शुक्रवार को बांदा में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया.
राजधानी लखनऊ का भी यही हाल रहा, जहां 29 अप्रैल को अब तक की सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी और अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं, 30 अप्रैल, 1999 को 45 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था, जो अब तक का सबसे ज्यादा था.बात अगर कानपुर की करें तो साल 1973 के बाद शुक्रवार को यहां सबसे अधिक गर्मी पड़ी और अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसी तरह प्रयागराज में भी तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 1999 में अधिकतम तापमान 45 डिग्री दर्ज किया गया था. झांसी में भी 2010 के बाद इतनी अधिक गर्मी पड़ी है और 12 सालों के बाद दिन का तापमान 46 डिग्री के ऊपर पहुंचा.
वहीं, यूपी के कुल नौ ऐसे शहर हैं, जहां दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री या उसके ऊपर दर्ज किया गया है. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक एक मई तक फिलहाल गर्मी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर तैयार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से कुछ हद तक गर्मी से राहत मिल सकती है. मौसम केंद्र लखनऊ के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि फिलहाल पश्चिमी विक्षोभों का रुख जम्मू-कश्मीर की ओर है. इसका असर शनिवार की शाम या रविवार से दिखने लगेगा. साथ ही 3-4 मई को बादल छाए रहने की उम्मीद भी जाहिर की गई है. चलिए एक नजर डालते हैं यूपी के बड़े जिलों में मौसम के हाल पर...
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