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प्रदेश की जनता को लगने वाला है बड़ा झटका, जल्द बढ़ेगा रोडवेज की बसों का किराया

उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसों का किराया बढ़ने वाला है. देश में लगातार डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को घाटा हो रहा है. वहीं, राज्य में पिछले दो सालों से रोडवेज की बसों का किराया नहीं बढ़ा है जबकि डीजल की कीमतों में डेढ़ गुना तक की वृद्धि हो गई है.

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Published : Mar 31, 2022, 5:14 PM IST

लखनऊ: रोजाना डीजल की बढ़ती कीमतें रोडवेज के लिए चिंता का सबब बनती जा रही हैं. रोडवेज प्रबंधन अब बसों का किराया बढ़ाने पर मंथन कर रहा है. हालांकि जब तक निदेशक मंडल की बैठक नहीं होती तब तक अपनी तरफ से रोडवेज प्रबंधन किराया नहीं बढ़ा सकता. इसे लेकर जल्द ही परिवहन मंत्री से बैठक के बाद बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इस पर मुहर लगने की भी पूरी संभावना है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों का किराया लगभग दो साल से नहीं बढ़ाया है. इस दौरान डीजल की कीमतों में डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है. हर रोज डीजल महंगा ही होता जा रहा है जिससे परिवहन निगम के सामने बसों का संचालन एक बड़ी समस्या बन गई है. आज डीजल की कीमत ₹90 से ऊपर है.

यह भी पढ़ें : परिवहन निगम ने यात्रियों को दी सौगात, बेड़े में शामिल करेगा 1300 नई बसें

लगातार बढ़ रहीं डीजल की कीमतें : लगातार डीजल की कीमतों में वृद्धि होने से परिवहन निगम को घाटा हो रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की करीब 11,939 बसें रोजाना करीब 58 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करतीं हैं. इससे रोडवेज को तकरीबन 4727.75 करोड़ की प्रतिवर्ष आय होती है. वहीं, लगातार डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी से रोडवेज को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. महंगे डीजल की भरपाई के लिए रोडवेज प्रबंधन के पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वह किराए में इजाफा करे. इसके लिए अब परिवहन निगम बैठक बुलाने पर विचार कर रहा है.

बोलने से कतरा रहे रोडवेज अफसर : परिवहन निगम के अधिकारी किराया बढ़ाने पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. उनका सिर्फ इतना कहना है कि अभी नई सरकार बनी है. मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. परिवहन मंत्री ने अभी कोई बैठक नहीं की है. परिवहन मंत्री की बैठक के बाद निदेशक मंडल की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा. उसके बाद प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे. जब प्रस्ताव पर मुहर लगेगी तो किराए में बढ़ोतरी होगी. हालांकि यात्रियों को महंगे किराए का ज्यादा बोझ न उठाना पड़े, इसका भी पूरा ख्याल परिवहन निगम जरूर रखेगा.

किराया बढ़ाना परिवहन निगम की मजबूरी: उत्तर प्रदेश रोडवेज मजदूर संघ के प्रवक्ता रजनीश मिश्र का कहना है कि पहले से ही परिवहन निगम यात्रियों को सुविधा देने के लिए अपना किराया कम रखता है. हालांकि अब जब डीजल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है, ऐसे में परिवहन निगम की भी मजबूरी है कि किराया बढ़ाया जाए. अगर परिवहन निगम को घाटा होगा तो कर्मचारियों के वेतन में भी दिक्कत आएगी. ऐसे में डीजल की कीमतें कम नहीं होती हैं तो परिवहन निगम को मजबूरन किराए में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी.

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लखनऊ: रोजाना डीजल की बढ़ती कीमतें रोडवेज के लिए चिंता का सबब बनती जा रही हैं. रोडवेज प्रबंधन अब बसों का किराया बढ़ाने पर मंथन कर रहा है. हालांकि जब तक निदेशक मंडल की बैठक नहीं होती तब तक अपनी तरफ से रोडवेज प्रबंधन किराया नहीं बढ़ा सकता. इसे लेकर जल्द ही परिवहन मंत्री से बैठक के बाद बोर्ड की बैठक में किराया बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को पेश किया जाएगा. इस पर मुहर लगने की भी पूरी संभावना है.

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों का किराया लगभग दो साल से नहीं बढ़ाया है. इस दौरान डीजल की कीमतों में डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हो चुकी है. हर रोज डीजल महंगा ही होता जा रहा है जिससे परिवहन निगम के सामने बसों का संचालन एक बड़ी समस्या बन गई है. आज डीजल की कीमत ₹90 से ऊपर है.

यह भी पढ़ें : परिवहन निगम ने यात्रियों को दी सौगात, बेड़े में शामिल करेगा 1300 नई बसें

लगातार बढ़ रहीं डीजल की कीमतें : लगातार डीजल की कीमतों में वृद्धि होने से परिवहन निगम को घाटा हो रहा है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की करीब 11,939 बसें रोजाना करीब 58 करोड़ किलोमीटर का सफर तय करतीं हैं. इससे रोडवेज को तकरीबन 4727.75 करोड़ की प्रतिवर्ष आय होती है. वहीं, लगातार डीजल के दामों में हो रही बढ़ोतरी से रोडवेज को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. महंगे डीजल की भरपाई के लिए रोडवेज प्रबंधन के पास सिर्फ एक ही विकल्प है कि वह किराए में इजाफा करे. इसके लिए अब परिवहन निगम बैठक बुलाने पर विचार कर रहा है.

बोलने से कतरा रहे रोडवेज अफसर : परिवहन निगम के अधिकारी किराया बढ़ाने पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. उनका सिर्फ इतना कहना है कि अभी नई सरकार बनी है. मंत्रिमंडल का गठन हुआ है. परिवहन मंत्री ने अभी कोई बैठक नहीं की है. परिवहन मंत्री की बैठक के बाद निदेशक मंडल की बैठक में इस पर विचार किया जाएगा. उसके बाद प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे. जब प्रस्ताव पर मुहर लगेगी तो किराए में बढ़ोतरी होगी. हालांकि यात्रियों को महंगे किराए का ज्यादा बोझ न उठाना पड़े, इसका भी पूरा ख्याल परिवहन निगम जरूर रखेगा.

किराया बढ़ाना परिवहन निगम की मजबूरी: उत्तर प्रदेश रोडवेज मजदूर संघ के प्रवक्ता रजनीश मिश्र का कहना है कि पहले से ही परिवहन निगम यात्रियों को सुविधा देने के लिए अपना किराया कम रखता है. हालांकि अब जब डीजल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा हो रहा है, ऐसे में परिवहन निगम की भी मजबूरी है कि किराया बढ़ाया जाए. अगर परिवहन निगम को घाटा होगा तो कर्मचारियों के वेतन में भी दिक्कत आएगी. ऐसे में डीजल की कीमतें कम नहीं होती हैं तो परिवहन निगम को मजबूरन किराए में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी.

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