ETV Bharat / state

नंगे पैर फर्श पर खड़े होने से आकाशीय बिजली का खतरा, ऐसे करें बचाव.. - undefined

दो बादलों के बीच में होने वाले टकराव से अकाशीय बिजली बनती है. इससे विद्युत आवेश निकलता है. यह जीव-जंतु और मानव के लिए काफी खतरनाक होता है.

आकाशीय बिजली गिरने से लोग हो जाते हैं अपंग: वैज्ञानिक
आकाशीय बिजली गिरने से लोग हो जाते हैं अपंग: वैज्ञानिक
author img

By

Published : Jul 12, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Jul 12, 2021, 7:20 PM IST

लखनऊ : आकाश में बादलों के बीच जब तकरार होती है तो विद्युत आवेश या इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलता है. इसे आम बोलचाल की भाषा में आकाशीय बिजली कहते हैं. बीते रविवार को आकाशीय बिजली ने प्रदेश में कोहराम मचा दिया.

अब वैज्ञानिकों का कहना है कि आसमानी बिजली (Thunderstorm) से डीप बर्न होने से टिशू डैमेज हो जाते हैं. उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता. बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. हार्ट अटैक होने से व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा भी रहता है.

गौरतलब है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 41 लोगों की मौत हो चुकी है. कानपुर मंडल में 18, प्रयागराज में 13, कौशांबी में 4, प्रतापगढ़ में 1, आगरा में 3 और वाराणसी व रायबरेली जिले में 1-1 व्यक्ति की जान चली गई. जबकि 30 से ज्यादा लोग झुलस गए थे.

क्या होता है आकशीय बिजली

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि आकाशीय बिजली वायुमंडल में विद्युत आवेश का डिस्चार्ज होना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरण होने व उससे उत्पन्न कड़कड़ाहट को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आसान भाषा में कहें तो दो बादलों के बीच में होने वाले टकराव को अकाशी बिजली कहते हैं जिसके टकराने से विद्युत आवेश निकलता है. वह जीव-जंतु और मानव के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता है. दुनिया में हर वर्ष लगभग 2 करोड़ 60 लाख किलोवाट आकाशीय बिजली पैदा होती हैं.

यह भी पढ़ें : डाॅक्टरों का कमाल : दुनिया का सबसे बड़ा फ्लो डायवर्टर लगाकर मरीज के ब्रेन में पहुंचाया खून


मानव शरीर पर अधिक पड़ता है असर

बताया कि आसमानी बिजली (Thunderstorm) का असर ह्यूमन बॉडी पर कई गुना होता है. डीप बर्न होने से टिशू डैमेज हो जाते हैं. उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है. बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है. हार्ट अटैक होने से मौत हो जाती है. इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है.

ऐसे बरतें सावधानी

- बिजली उपकरणों से दूर रहें. बिजली के उपकरणों जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव आदि से बरसात के समय दूरी बनाकर रखें.

- पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें.

- खुले मैदान में होने पर किसी भवन के नीचे जाने की कोशिश करें.

- गीले कपड़ों की वजह से व्रजपात का असर कम हो जाता है.

- आंधी आते ही टीवी, रेडियो, कंप्यूटर सभी का मोडेम और पॉवर प्लग निकाल दें.

- इस दौरान मोबाइल यूज करने से बचें.

- नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े न रहें.

लखनऊ : आकाश में बादलों के बीच जब तकरार होती है तो विद्युत आवेश या इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज निकलता है. इसे आम बोलचाल की भाषा में आकाशीय बिजली कहते हैं. बीते रविवार को आकाशीय बिजली ने प्रदेश में कोहराम मचा दिया.

अब वैज्ञानिकों का कहना है कि आसमानी बिजली (Thunderstorm) से डीप बर्न होने से टिशू डैमेज हो जाते हैं. उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता. बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है. हार्ट अटैक होने से व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा भी रहता है.

गौरतलब है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कुल 41 लोगों की मौत हो चुकी है. कानपुर मंडल में 18, प्रयागराज में 13, कौशांबी में 4, प्रतापगढ़ में 1, आगरा में 3 और वाराणसी व रायबरेली जिले में 1-1 व्यक्ति की जान चली गई. जबकि 30 से ज्यादा लोग झुलस गए थे.

क्या होता है आकशीय बिजली

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला के साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि आकाशीय बिजली वायुमंडल में विद्युत आवेश का डिस्चार्ज होना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरण होने व उससे उत्पन्न कड़कड़ाहट को आकाशीय बिजली कहते हैं.

आसान भाषा में कहें तो दो बादलों के बीच में होने वाले टकराव को अकाशी बिजली कहते हैं जिसके टकराने से विद्युत आवेश निकलता है. वह जीव-जंतु और मानव के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होता है. दुनिया में हर वर्ष लगभग 2 करोड़ 60 लाख किलोवाट आकाशीय बिजली पैदा होती हैं.

यह भी पढ़ें : डाॅक्टरों का कमाल : दुनिया का सबसे बड़ा फ्लो डायवर्टर लगाकर मरीज के ब्रेन में पहुंचाया खून


मानव शरीर पर अधिक पड़ता है असर

बताया कि आसमानी बिजली (Thunderstorm) का असर ह्यूमन बॉडी पर कई गुना होता है. डीप बर्न होने से टिशू डैमेज हो जाते हैं. उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है. बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है. हार्ट अटैक होने से मौत हो जाती है. इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है.

ऐसे बरतें सावधानी

- बिजली उपकरणों से दूर रहें. बिजली के उपकरणों जैसे रेडिएटर, फोन, धातु के पाइप, स्टोव आदि से बरसात के समय दूरी बनाकर रखें.

- पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जाने से बचें.

- खुले मैदान में होने पर किसी भवन के नीचे जाने की कोशिश करें.

- गीले कपड़ों की वजह से व्रजपात का असर कम हो जाता है.

- आंधी आते ही टीवी, रेडियो, कंप्यूटर सभी का मोडेम और पॉवर प्लग निकाल दें.

- इस दौरान मोबाइल यूज करने से बचें.

- नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े न रहें.

Last Updated : Jul 12, 2021, 7:20 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.