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लखनऊ: बैन के बाद भी लोग कर रहे एन-95 मास्क का प्रयोग, जानें क्यों

एन-95 मास्क का इस्तेमाल बैन होने के बाद भी लखनऊ में भारी संख्या में लोग एन-95 मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं डाॅक्टरों का कहना है कि लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सूती कपड़े से बने मास्क का उपयोग करें.

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डॉक्टर.
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Published : Aug 4, 2020, 3:30 AM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लोगों से मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से अब एन-95 मास्क को बैन कर दिया गया है. इसके बाद भी राजधानी में अभी भी लोग एन-95 मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों और डाॅक्टरों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के बचाव के लिए लोगों को सूती कपड़े से बने मास्क या फिर ट्रिपल लेयर मास्क का उपयोग करना चाहिए.

जागरूकता के अभाव में हो रहा एन-95 मास्क का प्रयोग.

डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि एन-95 या फिल्टर मास्क को रेस्पिरेटर मास्क भी कहा जाता है. इसका उपयोग ज्यादातर स्वास्थ्य संबंधी रोगों के विशेषज्ञ, चिकित्सक या फिर ऐसे लोग करते हैं, जो ज्यादा प्रदूषित इलाकों में रहते हैं. साथ ही एन-95 मास्क या फिर फिल्टर मास्क में सांस लेकर कार्बन डाइऑक्साइड बाहर छोड़ते हैं. ऐसे में ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाके में इसका अधिक प्रयोग करना घातक हो सकता है. इसलिए केंद्र सरकार की ओर से इस मास्क को बैन कर दिया गया है. चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग सूती कपड़े से बने मास्क या फिर ट्रिपल लेयर मास्क का इस्तेमाल करें. वहीं एन-95 मास्क पहने एक महिला ने बताया कि घर में सभी लोग इस मास्क का प्रयोग करते है. उन्होंने बताया कि अब सरकार ने इस मास्क को बैन कर दिया है. अब काॅटन कपड़े से बने मास्क का प्रयोग किया जाएगा.

लोगों में जागरूकता न होने के कारण अभी भी लखनऊ में भारी संख्या में लोग एन-95 मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं दुकानदारों में भी इसे लेकर जागरूकता का अभाव है. अचानक से बैन करने पर दवा कारोबारियों पर भी इसका असर पड़ा है. दवा कारोबारी बब्बू ने बताया इसे लेकर अभी लोगों में जागरूकता नहीं है. लोग अभी भी एन-95 मास्क की मांग करते हैं.

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लोगों से मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से अब एन-95 मास्क को बैन कर दिया गया है. इसके बाद भी राजधानी में अभी भी लोग एन-95 मास्क का प्रयोग कर रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों और डाॅक्टरों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण के बचाव के लिए लोगों को सूती कपड़े से बने मास्क या फिर ट्रिपल लेयर मास्क का उपयोग करना चाहिए.

जागरूकता के अभाव में हो रहा एन-95 मास्क का प्रयोग.

डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि एन-95 या फिल्टर मास्क को रेस्पिरेटर मास्क भी कहा जाता है. इसका उपयोग ज्यादातर स्वास्थ्य संबंधी रोगों के विशेषज्ञ, चिकित्सक या फिर ऐसे लोग करते हैं, जो ज्यादा प्रदूषित इलाकों में रहते हैं. साथ ही एन-95 मास्क या फिर फिल्टर मास्क में सांस लेकर कार्बन डाइऑक्साइड बाहर छोड़ते हैं. ऐसे में ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाके में इसका अधिक प्रयोग करना घातक हो सकता है. इसलिए केंद्र सरकार की ओर से इस मास्क को बैन कर दिया गया है. चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग सूती कपड़े से बने मास्क या फिर ट्रिपल लेयर मास्क का इस्तेमाल करें. वहीं एन-95 मास्क पहने एक महिला ने बताया कि घर में सभी लोग इस मास्क का प्रयोग करते है. उन्होंने बताया कि अब सरकार ने इस मास्क को बैन कर दिया है. अब काॅटन कपड़े से बने मास्क का प्रयोग किया जाएगा.

लोगों में जागरूकता न होने के कारण अभी भी लखनऊ में भारी संख्या में लोग एन-95 मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं दुकानदारों में भी इसे लेकर जागरूकता का अभाव है. अचानक से बैन करने पर दवा कारोबारियों पर भी इसका असर पड़ा है. दवा कारोबारी बब्बू ने बताया इसे लेकर अभी लोगों में जागरूकता नहीं है. लोग अभी भी एन-95 मास्क की मांग करते हैं.

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