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सेहत बनाना है तो मिट्टी के बर्तनों में बनाएं खाना, माटी कला मेले में लोगों को खूब भा रहे यह बर्तन - माटी कला मेले का उद्घाटन

राजधानी लखनऊ स्थित खादी भवन में गुरुवार को माटी कला मेले का (Clay Art Fair at Khadi Bhawan in Lucknow) आयोजन किया गया है. दीपावली तक चलने वाले माटी कला मेले का उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 9:21 AM IST

Updated : Nov 3, 2023, 11:58 AM IST

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ : कोरोना कल के बाद लोग अपनी सेहत और इम्यूनिटी को लेकर काफी सजग हो गए हैं. ऐसे में हमारे हमारे पूर्वज जिन मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते थे उसके गुण आज लोगों को समझ में आ रहे हैं. मिट्टी के बर्तनों में खाना जल्दी बनने के साथ उसका पौष्टिक तत्व भी नष्ट नहीं होता है. मिट्टी से बने कुकर, कढ़ाई, तवा, थाली, कप प्लेट, डिनर सेट, पानी की बोतल, दूध जमाने की हांडी लोगों की सेहत को बनाने के साथ ही उनकी इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है. इसके अलावा इन बर्तनों में बनने वाला खाना करीब 2 घंटे बाद तक गर्म बना रहता है. एक बार फिर से यह बर्तन लोगों के बीच में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन


दीपावली से पहले खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में लगे माटी कला महोत्सव में लोगों के बीच में यही मिट्टी के बर्तन आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. एक ओर जहां एल्युमिनियम और स्टील के बर्तन में खाना पकाने से उसके पौष्टिक तत्व काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं और खाने का स्वाद भी नहीं रहता, वहीं मिट्टी के बर्तन में पका भोजन पौष्टिक होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होता है. लोहा ऊष्मा का सुचालक होता है, इससे तवे पर रोटी सेंकी जाती है. इसके विपरीत मिट्टी पर तवे की रोटी पूरी तरह से पकती है. मिट्टी में 18 प्रकार के सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के पौष्टिक तत्वों को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन


माटी कला मेले में स्टॉल लगाने वाले कानपुर से आये सर्वोत्तम तिवारी कहते हैं कि 'वह कोरोना काल में मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू किए थे. किचन में उपयोग होने वाले सभी बर्तन जिनमें कुकर, कढ़ाई, तवा, डिनर सेट, कप प्लेट, थाली, बोतल आदि बना रहे हैं. किचन से संबंधित सारे प्रोडक्ट हमारे पास हैं. किचन में प्रयोग होने वाले सारे प्रोडक्ट हम बनाते हैं. पानी के मटके हैं. पानी की बोतल से हमारे पास इन सबको मिलकर ₹650 प्रोडक्ट हैं जो हम बनाते हैं और यह सब मिट्टी से बनाए जाते हैं. वह कहते हैं कि कोविड के समय से हम लोग यह काम कर रहे हैं. मिट्टी के बर्तन के जो फायदे हैं वह अलग हैं, और महत्वपूर्ण फायदे हैं. स्वास्थ्य के लिए मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाना लाभदायक बताया गया है. मिट्टी के बर्तन में जो भी खाना बनाया जाता है फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम जो भी पोषक तत्व हैं, वह इंसान को प्राप्त होंगे. इनकी हानि नहीं होती है.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन

एल्युमिनियम स्टील व अन्य बर्तनों में इसकी हानि होती है. इन बर्तनों की लाइफ के बारे में वह कहते हैं कि यह सब केयरिंग प्रोडक्ट हैं, थोड़ा ठीक से हैंडल करके उपयोग किया जाना चाहिए. गैस पर या चूल्हे पर इनमें भोजन बनाने में कोई नुकसान नहीं होने वाला है. सावधानी से यूज करने पर यह ठीक चलते हैं. सिर्फ गिरने पर टूटने का खतरा रहता है. हमारी यूनिट में 70 से 80 लोग काम कर रहे हैं, जिन्हें हमने रोजगार दिया हुआ है. बहुत सारे यूथ हैं जो हमारे इस काम के साथ जुड़ना चाह रहे हैं और मिट्टी के बर्तनों को बनाकर व्यापार भी करना चाहते हैं. ₹10 से लेकर हमारे ₹1500 तक के सभी किचन के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं.'

यह भी पढ़ें : माटीकला मेले का शुभारंभ, खूबसूरत मिट्टी से बने बर्तन से लेकर मूर्तियां लोगों को कर रहे आकर्षित

यह भी पढ़ें : Shree Anna Mahotsav में किसान बढ़ाएंगे यूपी की शान, मुख्यमंत्री से मिलेगा सम्मान

वरिष्ठ संवाददाता धीरज त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ : कोरोना कल के बाद लोग अपनी सेहत और इम्यूनिटी को लेकर काफी सजग हो गए हैं. ऐसे में हमारे हमारे पूर्वज जिन मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाते थे उसके गुण आज लोगों को समझ में आ रहे हैं. मिट्टी के बर्तनों में खाना जल्दी बनने के साथ उसका पौष्टिक तत्व भी नष्ट नहीं होता है. मिट्टी से बने कुकर, कढ़ाई, तवा, थाली, कप प्लेट, डिनर सेट, पानी की बोतल, दूध जमाने की हांडी लोगों की सेहत को बनाने के साथ ही उनकी इम्यूनिटी को भी मजबूत करती है. इसके अलावा इन बर्तनों में बनने वाला खाना करीब 2 घंटे बाद तक गर्म बना रहता है. एक बार फिर से यह बर्तन लोगों के बीच में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन


दीपावली से पहले खादी ग्रामोद्योग बोर्ड में लगे माटी कला महोत्सव में लोगों के बीच में यही मिट्टी के बर्तन आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. एक ओर जहां एल्युमिनियम और स्टील के बर्तन में खाना पकाने से उसके पौष्टिक तत्व काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं और खाने का स्वाद भी नहीं रहता, वहीं मिट्टी के बर्तन में पका भोजन पौष्टिक होने के साथ ही स्वादिष्ट भी होता है. लोहा ऊष्मा का सुचालक होता है, इससे तवे पर रोटी सेंकी जाती है. इसके विपरीत मिट्टी पर तवे की रोटी पूरी तरह से पकती है. मिट्टी में 18 प्रकार के सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के पौष्टिक तत्वों को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन


माटी कला मेले में स्टॉल लगाने वाले कानपुर से आये सर्वोत्तम तिवारी कहते हैं कि 'वह कोरोना काल में मिट्टी के बर्तन बनाने का काम शुरू किए थे. किचन में उपयोग होने वाले सभी बर्तन जिनमें कुकर, कढ़ाई, तवा, डिनर सेट, कप प्लेट, थाली, बोतल आदि बना रहे हैं. किचन से संबंधित सारे प्रोडक्ट हमारे पास हैं. किचन में प्रयोग होने वाले सारे प्रोडक्ट हम बनाते हैं. पानी के मटके हैं. पानी की बोतल से हमारे पास इन सबको मिलकर ₹650 प्रोडक्ट हैं जो हम बनाते हैं और यह सब मिट्टी से बनाए जाते हैं. वह कहते हैं कि कोविड के समय से हम लोग यह काम कर रहे हैं. मिट्टी के बर्तन के जो फायदे हैं वह अलग हैं, और महत्वपूर्ण फायदे हैं. स्वास्थ्य के लिए मिट्टी के बर्तनों में भोजन बनाना लाभदायक बताया गया है. मिट्टी के बर्तन में जो भी खाना बनाया जाता है फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम जो भी पोषक तत्व हैं, वह इंसान को प्राप्त होंगे. इनकी हानि नहीं होती है.

खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन
खादी भवन में माटी कला मेले का आयोजन

एल्युमिनियम स्टील व अन्य बर्तनों में इसकी हानि होती है. इन बर्तनों की लाइफ के बारे में वह कहते हैं कि यह सब केयरिंग प्रोडक्ट हैं, थोड़ा ठीक से हैंडल करके उपयोग किया जाना चाहिए. गैस पर या चूल्हे पर इनमें भोजन बनाने में कोई नुकसान नहीं होने वाला है. सावधानी से यूज करने पर यह ठीक चलते हैं. सिर्फ गिरने पर टूटने का खतरा रहता है. हमारी यूनिट में 70 से 80 लोग काम कर रहे हैं, जिन्हें हमने रोजगार दिया हुआ है. बहुत सारे यूथ हैं जो हमारे इस काम के साथ जुड़ना चाह रहे हैं और मिट्टी के बर्तनों को बनाकर व्यापार भी करना चाहते हैं. ₹10 से लेकर हमारे ₹1500 तक के सभी किचन के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं.'

यह भी पढ़ें : माटीकला मेले का शुभारंभ, खूबसूरत मिट्टी से बने बर्तन से लेकर मूर्तियां लोगों को कर रहे आकर्षित

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Last Updated : Nov 3, 2023, 11:58 AM IST
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