लखनऊ : परिवहन विभाग के 'सारथी' और 'वाहन' की मॉनिटरिंग 'दर्पण' पोर्टल से हो रही है. ये पोर्टल अफसरों की लापरवाही उजागर कर रहा है. दर्पण पोर्टल पर 30 जून तक ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों से संबंधित पेंडेंसी दिखाई जा रही है, जिसमें बड़ी संख्या में लखनऊ जोन में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन से संबंधित पेंडेंसी है, एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) ने लखनऊ जोन के अधिकारियों को वाहन और डीएल से संबंधित पेंडेंसी को लेकर तलब किया है. उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है कि आखिर आवेदकों का काम समय पर क्यों संपन्न नहीं किए जा सके.
30 जून तक अगर लखनऊ जोन में वाहनों के पंजीकरण से संबंधित लंबित आवेदनों की बात की जाए तो यह संख्या 40,302 है. इसमें लखनऊ आरटीओ कार्यालय में 1540 वाहनों की पेंडेंसी है, जबकि ट्रांस गोमती लखनऊ में 664 वाहनों के रजिस्ट्रेशन की पेंडेंसी है. कुल मिलाकर लखनऊ में 2204 वाहनों के रजिस्ट्रेशन लंबित हैं. इसके अलावा कुल 92 ट्रेड सर्टिफिकेट के आवेदनों की पेंडेंसी है. अंबेडकरनगर में 45 ट्रेड सर्टिफिकेट, अमेठी में 31, बाराबंकी में एक, लखनऊ में पांच, सिद्धार्थनगर में छह, सीतापुर में दो, सुल्तानपुर में दो ट्रेड सर्टिफिकेट की पेंडेंसी है. इसके अलावा ओनरशिप ट्रांसफर की पेंडेंसी लखनऊ जोन में 2079 है. लखनऊ आरटीओ में यह पेंडेंसी 724 है. इसी तरह एनओसी के लखनऊ जोन में 146 आवेदन लंबित हैं, जिनमें लखनऊ में इनकी संख्या 17 है. डुप्लीकेट आरसी की बात की जाए तो 117 आवेदन लंबित हैं, जिनमें लखनऊ में ही 63 आवेदन लंबित हैं. ट्रांस गोमती में भी एक आवेदन लंबित है. कुल मिलाकर लखनऊ में ऐसे 64 मामले हैं. रिनुअल आरसी के आवेदनों की अगर बात करें तो लखनऊ जोन में लंबित आवेदनों की संख्या 210 है. इनमें से लखनऊ आरटीओ में 76 आवेदन लंबित हैं. चेंज ऑफ एड्रेस आरसी के लगभग 26 मामले लंबित हैं, जिनमें से लखनऊ आरटीओ में दो मामले हैं. इसी तरह फ्रेश परमिट के लखनऊ जोन में 28 आवेदन लंबित हैं. इनमें से 19 अकेले लखनऊ के हैं. इसी तरह डुप्लीकेट परमिट का सिर्फ एक आवेदन लंबित है जो गोंडा का है. ऑथराइजेशन रिनुअल के कुल 37 मामले हैं, जिनमें से 13 मामले लखनऊ के हैं. टेंपरेरी परमिट के कुल 25 आवेदन लंबित हैं, जिनमें से 18 लखनऊ आरटीओ के हैं. स्पेशल परमिट के चार आवेदन लंबित हैं. फिटनेस सर्टिफिकेट के 522 आवेदन लंबित हैं, जिनमें लखनऊ में एक भी नहीं है.
डीएल के 1,48,494 आवेदन लंबित : अब अगर 30 जून तक सारथी पर ड्राइविंग लाइसेंस के लंबित आवेदनों की बात करें तो लखनऊ जोन में लर्निंग लाइसेंस के लंबित आवेदनों की संख्या 35,403 है. परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या 98,795 है. डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या 2,938 है. रिनुअल ड्राइविंग लाइसेंस की संख्या 7,456 है. एड्रेस चेंज करने वाले आवेदन की संख्या 1,706 है. एडिशनल एंडोर्समेंट के 2,196 आवेदन लंबित हैं. कुल मिलाकर ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित 1,48,494 आवेदन 30 जून तक लंबित हैं.
पेंडेंसी के मामले में लखनऊ सबसे ऊपर : ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित आवेदनों की पेंडेंसी की बात करें तो 30 जून तक लखनऊ जोन में लखनऊ आरटीओ कार्यालय सबसे ऊपर है. यहां पर ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित विभिन्न कामों के 24,569 आवेदन लंबित हैं. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र गोरखपुर है. यहां पर 17,286 डीएल से संबंधित आवेदन 30 जून तक लंबित हैं. श्रावस्ती में लाइसेंस से संबंधित सबसे कम आवेदन पेंडिंग हैं. यह संख्या सिर्फ 2530 है. लखनऊ की तुलना में श्रावस्ती काफी छोटा है, इसलिए यह संख्या कम है.
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) निर्मल प्रसाद का कहना है कि 'आवेदकों का समय पर काम होना चाहिए, यह बेहद जरूरी है. वाहन और डीएल से संबंधित बड़े स्तर पर लखनऊ जोन में आवेदन लंबित हैं. यह बिल्कुल सही नहीं है. अधिकारियों से लंबित आवेदनों का ब्यौरा तलब किया गया है. यह पेंडेंसी जल्द खत्म कराई जाएगी.'