लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के क्वीनमेरी से नवजात शिशुओं को अब ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराने की जरूरत नहीं होगी. क्वीनमेरी में ही इन्हें बेहतर इलाज मिल सकेगा. केजीएमयू बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी ने यह जानकारी दी. बताया कि केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (क्वीनमेरी) में ही पांच बेड की एनआईसीयू यूनिट शुरू की गई है.
गौरतलब है शुक्रवार को केजीएमयू के बाल रोग विभाग का 68वां स्थापना दिवस मनाया गया. इस दौरान बाल रोग विभाग के सेमिनार हॉल में स्थापना दिवस समारोह का आयोजन हुआ. इस मौके पर बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैली अवस्थी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि क्वीनमेरी में बेहद गंभीर अवस्था में गर्भवती महिलाएं इलाज के लिए आती हैं.
कई बार जन्म के बाद नवजात बच्चों को एनआईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है. अभी तक एनआईसीयू के लिए शिशुओं को क्वीनमेरी से ट्रॉमा सेंटर भेजा जाता था. इससे प्रसूता व उसके परिजनों को खासी दिक्कत होती थी.
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अब शिशु को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए क्वीनमेरी में पांच बेड की एनआईसीयू यूनिट शुरू की गई है. इससे गंभीर रूप से बीमार शिशुओं को बेहतर इलाज मिलना शुरू हो गया है. बताया कि अभी तक क्वीनमेरी में 20 बेड की एसएनसीयू यूनिट चल रही थी. अब उसमें पांच वेंटीलेटर लगाकर एनआईसीयू शुरू किया गया है.
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने कहा कि केजीएमयू में गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है. कैंसर से लेकर निमोनिया और दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को इलाज मुहैया कराया जा रहा है. 24 घंटे बच्चों की भर्ती हो रही है. सीमित संसाधनों में विभाग बेहतर काम कर रहा है.
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