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पीस पार्टी ने संत सम्मेलन में सरकार पर जमकर बोला हमला, योगी को बताया ढोंगी

सियासी माहौल को देखते हुए राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों का वोट बैंक हासिल करने के साथ, संत सम्मेलन भी करती नजर आ रही हैं. इसमें पीस पार्टी भी किसी से पीछे नहीं रहना चाहती है. लखनऊ में पीस पार्टी ने एक बड़ा संत सम्मेलन किया और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 की रणनीति तय की.

पीस पार्टी का संत सम्मेलन
पीस पार्टी का संत सम्मेलन
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Published : Nov 9, 2021, 10:47 PM IST

लखनऊ : सियासी हवाओं का रुख बदलता देख राजनीतिक पार्टियां भी अपना रुख बदलना बखूबी जानती हैं. इसी के तहत मुसलमानों के वोट बैंक को हासिल करने के लिए तरह-तरह के लुभावने वादे करने वाली पीस पार्टी अब संत सम्मेलन करती नजर आ रही है. मंगलवार को लखनऊ में पीस पार्टी के मुखिया डॉ अय्यूब ने एक बड़े संत सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा विभिन्न राज्यों से संतों को न्योता दिया गया था. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर रणनीति तय करने की बात कही गई.

मीडिया को जानकारी देते हुए पीस पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने बताया कि पार्टी का मकसद सबको साथ लेकर चलना है. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से बड़ी संख्या में देशभर से संत समाज जुटा. इस दौरान मौजूदा सरकार पर भी तंज कसते हुए डॉक्टर अय्यूब ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि संत समाज से दूसरों को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए. अयूब ने विवादित बयान देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी नहीं बल्कि ढोंगी हैं. वह भले ही संत समाज से आते हों, लेकिन ढोंगी जैसा बर्ताव करते हैं.

पीस पार्टी का संत सम्मेलन

उत्तर प्रदेश में बड़ी पार्टियों के बीच अपनी जगह बनाने के अवसर तलाश रही पीस पार्टी अब मुसलमानों के साथ संतों को भी लुभाने के लिए संत सम्मेलन कर रही है. हालांकि पीस पार्टी अभी सभी पार्टियों पर हमलावर है और भाजपा, सपा, बसपा को एक ही सिक्के के दो पहलू बता रही है. लेकिन यह बात साफ है कि अब 2022 के विधानसभा चुनाव में कम वक्त रह गया है, जिसको लेकर पीस पार्टी भी अपनी जगह तलाश रही है. अगर किसी बड़ी पार्टी से पीस पार्टी की कुछ सीटों पर सहमति बनती है, तो पीस पार्टी उसका रुख कर सकती है.

इसे भी पढ़ें- कैराना में योगी ने नाराज जाट वोटरों को पलायन और दंगों की याद क्यों दिलाई ?

हालांकि अब तक पीस पार्टी के मुखिया डॉ अय्यूब का दावा है कि उनके उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. लेकिन इस बार 2022 के चुनाव में मुसलमानों के वोट बैंक की राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी पूरी सरगर्मी के साथ तैयार है. ऐसे में पीस पार्टी को अपना बचा हुआ जनाधार बचाने के लिए काफी मेहनत मशक्कत करना होगी.

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लखनऊ : सियासी हवाओं का रुख बदलता देख राजनीतिक पार्टियां भी अपना रुख बदलना बखूबी जानती हैं. इसी के तहत मुसलमानों के वोट बैंक को हासिल करने के लिए तरह-तरह के लुभावने वादे करने वाली पीस पार्टी अब संत सम्मेलन करती नजर आ रही है. मंगलवार को लखनऊ में पीस पार्टी के मुखिया डॉ अय्यूब ने एक बड़े संत सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें उत्तर प्रदेश के अलावा विभिन्न राज्यों से संतों को न्योता दिया गया था. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर रणनीति तय करने की बात कही गई.

मीडिया को जानकारी देते हुए पीस पार्टी अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने बताया कि पार्टी का मकसद सबको साथ लेकर चलना है. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से बड़ी संख्या में देशभर से संत समाज जुटा. इस दौरान मौजूदा सरकार पर भी तंज कसते हुए डॉक्टर अय्यूब ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि संत समाज से दूसरों को शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए. अयूब ने विवादित बयान देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी नहीं बल्कि ढोंगी हैं. वह भले ही संत समाज से आते हों, लेकिन ढोंगी जैसा बर्ताव करते हैं.

पीस पार्टी का संत सम्मेलन

उत्तर प्रदेश में बड़ी पार्टियों के बीच अपनी जगह बनाने के अवसर तलाश रही पीस पार्टी अब मुसलमानों के साथ संतों को भी लुभाने के लिए संत सम्मेलन कर रही है. हालांकि पीस पार्टी अभी सभी पार्टियों पर हमलावर है और भाजपा, सपा, बसपा को एक ही सिक्के के दो पहलू बता रही है. लेकिन यह बात साफ है कि अब 2022 के विधानसभा चुनाव में कम वक्त रह गया है, जिसको लेकर पीस पार्टी भी अपनी जगह तलाश रही है. अगर किसी बड़ी पार्टी से पीस पार्टी की कुछ सीटों पर सहमति बनती है, तो पीस पार्टी उसका रुख कर सकती है.

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हालांकि अब तक पीस पार्टी के मुखिया डॉ अय्यूब का दावा है कि उनके उम्मीदवार उत्तर प्रदेश के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. लेकिन इस बार 2022 के चुनाव में मुसलमानों के वोट बैंक की राजनीति में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी पूरी सरगर्मी के साथ तैयार है. ऐसे में पीस पार्टी को अपना बचा हुआ जनाधार बचाने के लिए काफी मेहनत मशक्कत करना होगी.

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