लखनऊ: कोविड काल में भी भारतीय पैरा एथलीटों का हौसला बुलंद है. वह सभी नेशनल कोचिंग कैंप में सोशल डिस्टेसिंग के साथ जमकर अभ्यास कर रहे हैं. हमे उम्मीद है कि टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ी 15 मेडल की दावेदारी कर सकते हैं. यह बात लखनऊ पहुंचे पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) के महासचिव गुरचरन सिंह ने एक अनौपचारिक बातचीत में कही.
उन्होंने कहा कि यूं तो पैरा खिलाड़ियों की कई खेलों में दावेदारी है और कुछ खिलाड़ी क्वालीफाई कर चुके हैं तो कुछ करने की कतार में हैं. अगर पदकों की ज्यादा संभावना के हिसाब से आंकलन करे तो हमें एथलेटिक्स, बैडमिंटन, शूटिंग, तीरंदाजी, पावर लिफ्टिंग में ज्यादा पदक जीतने की संभावना है. इसके लिए हमें केंद्रीय खेल मंत्रालय से भी पूरा सहयोग मिल रहा है और हमारे कई एथलीट सरकारी सहायता से ही ट्रेनिंग कर रहे हैं.
उन्होंने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया कि हम भारतीय पैरा खिलाड़ियों को ज्यादा एक्सपोजर दिलाने के लिए काम करेंगे ताकि आगामी पैरा एशियन गेम्स-2022 सहित वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप सहित कामनवेल्थ गेम्स के लिए हमारी तैयारी ज्यादा बेहतर हो सके. इसके साथ ही हम प्रयास करें कि पैरा खेलों को खेलो इंडिया गेम्स में भी जगह मिले. इससे जूनियर पैरा एथलीटों को ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा. इस अवसर पर यूपी पैरालंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष कविंद्र चौधरी व इण्डियन ब्लाइंड एण्ड पैरा जूडो एसोसिएशन के महासचिव मुनव्वर अंजार भी मौजूद थे.
रियो पैरालंपिक-2016 में भारतीय पैरा खिलाड़ियों ने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किए हैं और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि मरियप्पन थंगावेलू ने पुरूष हाई जंप टी-42 में और देवेंद्र झांझरिया ने पुरूष जेवलिन थ्रो एफ 46 में स्वर्णिम सफलता हासिल की थी. इसके साथ महिला एथलेटिक्स में दीपा मलिक ने शॉटपुट एफ 53 में रजत पदक जीता था. इसके साथ ही पुरूष हाई जंप में टी-42 में वरूण सिंह भाटी ने कांस्य पदक जीता था.