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पवन वर्मा ने साधा CM नीतीश पर निशाना कहा, उम्मीद है आपका 'शॉर्ट टर्म' लक्ष्य पूरा हो जाएगा

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबी खींचतान के बाद पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. जेडीयू के मुताबिक ये दोनों नेता लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे.

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पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा पार्टी से बाहर
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Published : Jan 30, 2020, 1:00 PM IST

पटना: नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू ने पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर कर दिया है. इस फैसले के बाद पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को इस बात के लिए बधाई देते हुआ कहा है कि उम्मीद है कि आप किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने इशारों ही इशारों में नीतीश पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का भी आरोप लगाया.

पवन वर्मा ने कहा, 'मैं नीतीश कुमार जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने शॉर्ट टर्म राजनीतिक लाभ के लिए अपने रास्ते के अवरोधों और बाधाओं को हटा दिया है. अब विचारधारा के प्रति बिना किसी वफादारी या निष्ठा के लक्ष्य स्पष्ट है.' उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'शुक्रिया नीतीश कुमार जी, आपको और आपकी नीतियों का बचाव करने की मेरी अस्थिर पोजीशन से मुझे मुक्त करने के लिए. मैं आपको हर कीमत पर बिहार का मुख्यमंत्री बने रहने की आपकी महत्वाकांक्षा के लिए कामना करता हूं.'

नीतीश पर बीजेपी के इशारे पर काम करने के आरोप !
उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, 'नीतीश कुमार अब अपने शॉर्ट टर्म राजनीतिक लक्ष्य हासिल कर सकते हैं, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री के पद की संभावना भी शामिल है. अब वह पार्टी के संविधान से कोई संबंध ना रखते हुए, अपने निजी विचारों, जिसके बारे में वह पहले भी लगातार बोलते रहे हैं और अपनी सहयोगी बीजेपी के कार्यों और निर्देशों संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे.'

ये भी पढ़ें:- जानें, इस वजह से नीतीश और पीके के बीच बढ़ीं दूरियां

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन होने पर पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर अपना पक्ष रखने को कहा था. जानकारी के मुताबिक, वह इस गठबंधन के खिलाफ थे. उन्होंने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार से अपनी राय स्पष्ट करने को कहा था.

नीतीश को चिट्ठी लिखकर निशाने पर आए थे पवन वर्मा
दिल्ली में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को 2012 में हुई मुलाकात की याद दिलाई. पत्र में उन्होंने लिखा, '2012 में जब पटना में मेरी आपसे भेंट हुई थी, उस वक्त औपचारिक तौर पर मैं पार्टी में शामिल भी नहीं हुआ था. आपने मुझसे बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों और कैसे नरेंद्र मोदी देश के भविष्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं, इस पर लंबी चर्चा की थी.' इसके साथ ही दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से कहा कि वह गठबंधन को लेकर अपनी विचारधारा पूरी तरह से स्पष्ट करें.

पटना: नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू ने पवन वर्मा और प्रशांत किशोर को पार्टी से बाहर कर दिया है. इस फैसले के बाद पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को इस बात के लिए बधाई देते हुआ कहा है कि उम्मीद है कि आप किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे. उन्होंने इशारों ही इशारों में नीतीश पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का भी आरोप लगाया.

पवन वर्मा ने कहा, 'मैं नीतीश कुमार जी को बधाई देता हूं कि उन्होंने अपने शॉर्ट टर्म राजनीतिक लाभ के लिए अपने रास्ते के अवरोधों और बाधाओं को हटा दिया है. अब विचारधारा के प्रति बिना किसी वफादारी या निष्ठा के लक्ष्य स्पष्ट है.' उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'शुक्रिया नीतीश कुमार जी, आपको और आपकी नीतियों का बचाव करने की मेरी अस्थिर पोजीशन से मुझे मुक्त करने के लिए. मैं आपको हर कीमत पर बिहार का मुख्यमंत्री बने रहने की आपकी महत्वाकांक्षा के लिए कामना करता हूं.'

नीतीश पर बीजेपी के इशारे पर काम करने के आरोप !
उन्होंने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, 'नीतीश कुमार अब अपने शॉर्ट टर्म राजनीतिक लक्ष्य हासिल कर सकते हैं, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री के पद की संभावना भी शामिल है. अब वह पार्टी के संविधान से कोई संबंध ना रखते हुए, अपने निजी विचारों, जिसके बारे में वह पहले भी लगातार बोलते रहे हैं और अपनी सहयोगी बीजेपी के कार्यों और निर्देशों संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे.'

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आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन होने पर पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर अपना पक्ष रखने को कहा था. जानकारी के मुताबिक, वह इस गठबंधन के खिलाफ थे. उन्होंने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भी नीतीश कुमार से अपनी राय स्पष्ट करने को कहा था.

नीतीश को चिट्ठी लिखकर निशाने पर आए थे पवन वर्मा
दिल्ली में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन पर नाराजगी जताते हुए पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में पवन वर्मा ने नीतीश कुमार को 2012 में हुई मुलाकात की याद दिलाई. पत्र में उन्होंने लिखा, '2012 में जब पटना में मेरी आपसे भेंट हुई थी, उस वक्त औपचारिक तौर पर मैं पार्टी में शामिल भी नहीं हुआ था. आपने मुझसे बीजेपी और आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों और कैसे नरेंद्र मोदी देश के भविष्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं, इस पर लंबी चर्चा की थी.' इसके साथ ही दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पवन वर्मा ने नीतीश कुमार से कहा कि वह गठबंधन को लेकर अपनी विचारधारा पूरी तरह से स्पष्ट करें.

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PAWAN VARMA


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