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राजधानी के अस्पतालों में पोस्ट कोविड मरीजों की बढ़ रही संख्या

राजधानी के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग इस बात को लेकर चिंतित है कि इनमें वो मरीज अधिक हैं, जिनमें पोस्ट कोविड लक्षण हैं.

patients with post covid symptoms increased in lucknow
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Published : Aug 18, 2021, 8:07 PM IST

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हुए 2 महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन अब भी राजधानी के अस्पतालों में पोस्ट कोविड के मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. किसी को सांस लेने में समस्या हो रही है तो कोई मानसिक तौर पर बीमार हो गया है. डॉक्टरों के मुताबिक एक बार जिसे कोविड हो चुका है, उसका इम्यूनिटी सिस्टम एकदम स्ट्रांग हो जाता है या फिर उनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है. इनको अन्य बीमारियां घेर रही हैं. ऐसे मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ती जा रही है. ईटीवी भारत ने बुधवार को हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में जाकर पोस्ट कोविड मरीजों से बातचीत की. राजधानी के अन्य अस्पतालों में भी पोस्ट कोविड मरीजों का यही हाल है.

राजधानी के अस्पतालों में लगी मरीजों की कतारें
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी दे रहे कर्मचारी राहुल पटेल ने बताया कि इस समय पोस्ट कोविड के मरीज अधिक आ रहे हैं. कोरोना झेल चुके मरीजों को अबअन्य बीमारियां हो रही हैं. उनको सांस लेने में समस्या हो रही है, लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है. मानसिक तौर पर भी डरे सहमे रहते हैं. इस तरह के मरीज वर्तमान समय में अधिक आ रहे हैं. अगर सिर्फ इमरजेंसी की बात की जाए तो 10 से 15 मरीज इमरजेंसी में पोस्ट कोविड के आ रहे हैं. सिविल अस्पताल, सरकारी अस्पताल हैं. यहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कई लोगों की आपस में कहासुनी भी हो गई. गर्मी में सुबह से लाइन में लगे मरीज बेहद परेशान हैं. पोस्ट कोविड मरीज को लेकर तीमारदार भी लाइन में लगे हैं. हालांकि ओपीडी में दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा हैं. इमरजेंसी में मरीज को तुरंत देखकर दवाएं दी जा रही हैं. सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर एस. देव बताते है कि कोरोना से जंग जीत चुके 60 प्रतिशत मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम के शिकार हो रहे हैं. ऐसे मरीजों को सांस लेने में समस्या के साथ मल्टीपल ज्वाइंट पेन (जोड़ों में दर्द) की समस्या हो रही हैं. यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके मरीजों को अधिक पीड़ा दे रही है.

ये भी पढ़ें- जल जीवन मिशन घोटाले में मुख्यमंत्री भी शामिल: संजय सिंह

उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान मरीज का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है. इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है, इसलिए जरूरी है कि कोरोना के बाद शरीर को पूरी डाइट दी जाए. पोस्ट कोविड के मरीजों को हर घंटे के अंतराल पर हाई प्रोटीन फूड दिया जाए. इसमें दाल, चावल, कीवी, भीगे हुए ड्राई-फ्रूट, पोहा, अंकुरित मूग, उबला चना, दूध, सलाद , पनीर, अंडा, मूंगफली और आंवला जूस इत्यादि का सेवन करना चाहिए.

अस्पतालों की इमरजेंसी में पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या

  • सिविल अस्पताल- 10-15 मरीज प्रतिदिन
  • बलरामपुर अस्पताल- 15-20 मरीज प्रतिदिन
  • लोहिया अस्पताल- 15-50 मरीज प्रतिदिन
  • केजीएमयू- 15 से अधिक मरीज प्रतिदिन
  • लोकबंधु अस्पताल- 10-15 मरीज प्रतिदिन

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर कमजोर हुए 2 महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन अब भी राजधानी के अस्पतालों में पोस्ट कोविड के मरीज बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. किसी को सांस लेने में समस्या हो रही है तो कोई मानसिक तौर पर बीमार हो गया है. डॉक्टरों के मुताबिक एक बार जिसे कोविड हो चुका है, उसका इम्यूनिटी सिस्टम एकदम स्ट्रांग हो जाता है या फिर उनका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है. इनको अन्य बीमारियां घेर रही हैं. ऐसे मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ती जा रही है. ईटीवी भारत ने बुधवार को हजरतगंज स्थित सिविल अस्पताल में जाकर पोस्ट कोविड मरीजों से बातचीत की. राजधानी के अन्य अस्पतालों में भी पोस्ट कोविड मरीजों का यही हाल है.

राजधानी के अस्पतालों में लगी मरीजों की कतारें
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में ड्यूटी दे रहे कर्मचारी राहुल पटेल ने बताया कि इस समय पोस्ट कोविड के मरीज अधिक आ रहे हैं. कोरोना झेल चुके मरीजों को अबअन्य बीमारियां हो रही हैं. उनको सांस लेने में समस्या हो रही है, लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है. मानसिक तौर पर भी डरे सहमे रहते हैं. इस तरह के मरीज वर्तमान समय में अधिक आ रहे हैं. अगर सिर्फ इमरजेंसी की बात की जाए तो 10 से 15 मरीज इमरजेंसी में पोस्ट कोविड के आ रहे हैं. सिविल अस्पताल, सरकारी अस्पताल हैं. यहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कई लोगों की आपस में कहासुनी भी हो गई. गर्मी में सुबह से लाइन में लगे मरीज बेहद परेशान हैं. पोस्ट कोविड मरीज को लेकर तीमारदार भी लाइन में लगे हैं. हालांकि ओपीडी में दिखाने के लिए लाइन में लगना पड़ रहा हैं. इमरजेंसी में मरीज को तुरंत देखकर दवाएं दी जा रही हैं. सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉक्टर एस. देव बताते है कि कोरोना से जंग जीत चुके 60 प्रतिशत मरीज पोस्ट कोविड सिंड्रोम के शिकार हो रहे हैं. ऐसे मरीजों को सांस लेने में समस्या के साथ मल्टीपल ज्वाइंट पेन (जोड़ों में दर्द) की समस्या हो रही हैं. यह समस्या शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके मरीजों को अधिक पीड़ा दे रही है.

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उन्होंने बताया कि कोरोना के दौरान मरीज का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है. इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है, इसलिए जरूरी है कि कोरोना के बाद शरीर को पूरी डाइट दी जाए. पोस्ट कोविड के मरीजों को हर घंटे के अंतराल पर हाई प्रोटीन फूड दिया जाए. इसमें दाल, चावल, कीवी, भीगे हुए ड्राई-फ्रूट, पोहा, अंकुरित मूग, उबला चना, दूध, सलाद , पनीर, अंडा, मूंगफली और आंवला जूस इत्यादि का सेवन करना चाहिए.

अस्पतालों की इमरजेंसी में पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या

  • सिविल अस्पताल- 10-15 मरीज प्रतिदिन
  • बलरामपुर अस्पताल- 15-20 मरीज प्रतिदिन
  • लोहिया अस्पताल- 15-50 मरीज प्रतिदिन
  • केजीएमयू- 15 से अधिक मरीज प्रतिदिन
  • लोकबंधु अस्पताल- 10-15 मरीज प्रतिदिन

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