लखनऊ: कोरोना काल में टीबी का इलाज भी प्रभावित हो गया है. राजधानी के अस्पतालों में खुले टीबी केंद्र पर ताला लगा हुआ है. ऐसे में मरीज जांच को लेकर भटक रहे हैं. लेकिन, उन्हें कोई राहत मिलती दिख नहीं रही है.
टीबी मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज
राजधानी लखनऊ में करीब 65 डॉट्स केंद्र हैं. इन पर करीब-करीब 12 हजार से अधिक एक्टिव टीबी केस रजिस्टर्ड हैं. टीबी रोगियों को डॉट्स केंद्र या सरकारी अस्पतालों में बने केंद्र से पहले दवा मिलती थी. कोविड की वजह से अस्पतालों में बने केंद्र से दवा मिलना बंद हो गई. ऐसे में कई मरीजों को आस-पास केंद्रों पर भेजे जाने का दावा स्वास्थ्य विभाग कर रहा है. वहीं मरीजों का आरोप है कि दवा लेने के लिए इधर-उधर भटकना पड रहा है. वहीं सबसे बड़ी परेशानी टीबी रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने में आ रही है. जिन मरीजों की हालत गंभीर हो रही है, उन्हें टीबी हाॅस्पिटल तक भर्ती नहीं कर रहे हैं. तमाम औपचारिकताएं पूरी करने बाद ही मरीज को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. इससे मरीज निजी सेंटर की तरफ भाग रहे हैं.
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फैजुल्लागंज के रहने वाले मरीज के तीमारदार विनोद के मुताबिक, उनके मरीज की हालत गंभीर बनी हुई हैं. कोई भी नाॅन कोविड सरकारी अस्पताल मरीज लेने को राजी नहीं है. उधर, जिला टीबी नोडल अफसर डाॅ. ए के चौधरी का दावा है कि टीबी मरीजों को दवा लगातार मिल रही है. मगर, मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने में अभी थोड़ी समस्या आ रही है. कोविड की वजह से जो केंद्र बंद हुए हैं, वहां के मरीजों को दूसरे सेंटर से संबंद्व किया गया है.