लखनऊ : ट्रेनों की तर्ज पर घर बैठे यात्री लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की सिटी बसों की लोकेशन ट्रैक कर सकें, इसके लिए नगरीय परिवहन निदेशालय ( Directorate of Urban Transport) ने एक ऐप की सुविधा प्रदान की थी. इस एप का नाम है चलो ऐप (CHALO APP). लखनऊ में इस चलो एप की सांसे चलते-चलते फूल जाती हैं, जिससे यात्रियों को बस की लोकेशन ट्रैक करने में दिक्कत होती है. ऐसे में लोगों की बस छूट भी जाती है. इसकी शिकायत मिलने पर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने ऐप मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को कनेक्टिविटी बेहतर करने के निर्देश दिए हैं.
लखनऊ के आलमबाग निवासी सुशील अवस्थी अवध चौराहा से दिलकुशा कॉलोनी तक रोजाना सफर करते हैं. उन्हें ऐप से बसों की लोकेशन नहीं मिलती है. सुशील का कहना है कि सप्ताह में पांच दिन चलो ऐप खराब ही रहता है. इस तरह की समस्या पीएमआई कंपनी की नई इलेक्ट्रिक बसों में ज्यादा आ रही है. सुरेंद्र नगर निवासी संदीप मिश्रा भी हर रोज पॉलिटेक्निक से हजरतगंज तक पीएमआई कंपनी की नई इलेक्ट्रिक बसों से सफर करते हैं. उन्होंने भी चलो एप डाउनलोड कर रखा है लेकिन यह अक्सर दगा दे जाता है. घर बैठे तो बस की लोकेशन ट्रैक हो जाती है लेकिन अचानक यह ऐप ही बंद हो जाता है. उसके बाद लोकेशन मिलना असंभव हो जाता है.
लखनऊ समेत प्रदेश के कुल 14 शहरों की सिटी बसें चलती हैं. इनमें से 8 शहरों में सिटी बस के मुसाफिरों को चलो एप की सुविधा मिलती है. इस ऐप से सिटी बसों के यात्रियों को काफी सहूलियत मिलती है. यात्री को शहर में जिस रूट पर यात्रा करनी होती है, वह घर बैठे उस रूट की बस की लोकेशन ट्रेस कर सकते हैं. इससे उनकी समय की बचत होती है. जब बस पकड़नी हो उसी समय वे घर से निकलते हैं. इस समय लखनऊ के यात्रियों को इस ऐप से सुविधा तो कम मिल पा रही है, असुविधा ज्यादा हो रही है. बस के इंतजार में यात्री खड़े रह जाते हैं लेकिन लोकेशन ही ट्रैक नहीं हो पाती है. बस रवाना हो जाती है. पीएमआई कंपनी की इलेक्ट्रिक बसों में यह बड़ी दिक्कत सामने आ रही है. उनमें चलो ऐप की डिवाइस लगी तो है लेकिन काम ही नहीं करती. बीच में ही नेटवर्क गायब हो जाता है और लोकेशन गायब हो जाती है, जिससे यात्रियों को दिक्कत हो रही है. सिटी बस प्रशासन का कहना है कि इसके लिए मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को पत्र भेजा गया है.