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लखनऊ में पार्किंग माफिया काट रहे जनता की जेब, हर महीने डेढ़ करोड़ तक की अवैध वसूली

लखनऊ में पार्किंग माफिया जनता को जमकर चूना लगा रहे हैं. पार्किंग माफिया एक महीने में करीब 1.5 करोड़ रुपए की अवैध वसूली कर रहे हैं.

लखनऊ में पार्किंग माफिया ने काटी आम आदमी की जेब, हर महीने डेढ़ करोड़ तक की अवैध वसूली
लखनऊ में पार्किंग माफिया ने काटी आम आदमी की जेब, हर महीने डेढ़ करोड़ तक की अवैध वसूली
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Published : May 2, 2022, 5:18 PM IST

लखनऊः लखनऊ नगर निगम की तरफ से वर्तमान में सभी पार्किंग को निरस्त कर रखा गया है यानी पूरे लखनऊ में कहीं पर भी नगर निगम की तरफ से पार्किंग शुल्क नहीं लिया जा रहा है. बावजूद इसके शहर में अवैध वसूली हो रही है. नगर निगम के अधिकारी और पार्किंग माफिया के गठजोड़ का नतीजा है कि आम आदमी की गाढ़ी कमाई से हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं. इनका काकस इतना मजबूत है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेधड़क यह खेल चल रहा है बावजूद इसके जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं.


दरअसल, बीते दिनों महापौर संयुक्ता भाटिया हिन्दनगर वार्ड में फीनिक्स मॉल के पास सफाई का निरीक्षण करने पहुंची तो वहां लगी पार्किंग पर नजर पड़ी. सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहनों को देखकर महापौर ने नाराजगी जताई. महापौर ने पार्किंग संचालक पर नाराजगी जताई और पार्किंग आवंटन के कागजात मांगे, जिस पर संचालक कागजात नही दिखा सका. महापौर ने जोनल सेनेटरी ऑफिसर राजेश झा और जोनल अधिकारी संगीता कुमारी से पार्किंग के सम्बंध में पूछताछ की तो पता चला कि पार्किंग अवैध रूप से संचालित हो रही है.

इसी तरह एक अन्य मामला शहर के सबसे व्यस्त मार्केट अमीनाबाद में सामने आया. यहां भी अवैध पार्किंग संचालन का खुलासा हुआ. पार्किंग के नाम पर लोगों से 20 से 40 रुपए वसूले जा रहे हैं. ये दोनों मामले उदाहरण हैं. ऐसी लखनऊ में ज्यादातर पार्किंग संचालित हो रहीं हैं. एक अनुमान के मुताबिक हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं.

नगर निगम के मुताबिक पूर्व में 77 जगहों पर पार्किंग के लिए ठेके दिए गए थे. स्टैंड पर संचालकों के द्वारा पर्याप्त व्यवस्था न किए जाने के चलते नगर निगम की तरफ से इन सभी ठेकों को निरस्त कर दिया गया यानी वर्तमान में लखनऊ के अंदर कहीं भी पार्किंग का कोई ठेका नहीं है. शहर में सड़क पर चल रहे सभी पार्किंग स्थल अवैध हैं. इन पार्किंग में ज्यादातर पार्किंग माफिया के पास हैं. नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि 50 से ज्यादा पार्किंग स्थलों पर वसूली पुलिस की जानकारी में ही हो रही है. अवैध पार्किंग अमीनाबाद से लेकर कपूरथला और फन माल से लेकर फिनिक्स माल तक चल रही है.

गाड़ी चोरी हुई तो नहीं मिलेगा क्लेम
इन अवैध पार्किंग में अगर आप गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो यह आपका अपना रिस्क होगा. अगर इन पार्किंग से कोई गाड़ी गायब होती है तो उसका क्लेम नहीं मिलेगा क्योंकि यह पार्किंग ही अवैध है. वहीं, महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर नगर निगम गंभीर है. हाल ही में एक अवैध पार्किंग के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. आगे भी ऐसी अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊः लखनऊ नगर निगम की तरफ से वर्तमान में सभी पार्किंग को निरस्त कर रखा गया है यानी पूरे लखनऊ में कहीं पर भी नगर निगम की तरफ से पार्किंग शुल्क नहीं लिया जा रहा है. बावजूद इसके शहर में अवैध वसूली हो रही है. नगर निगम के अधिकारी और पार्किंग माफिया के गठजोड़ का नतीजा है कि आम आदमी की गाढ़ी कमाई से हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं. इनका काकस इतना मजबूत है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में बेधड़क यह खेल चल रहा है बावजूद इसके जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं.


दरअसल, बीते दिनों महापौर संयुक्ता भाटिया हिन्दनगर वार्ड में फीनिक्स मॉल के पास सफाई का निरीक्षण करने पहुंची तो वहां लगी पार्किंग पर नजर पड़ी. सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहनों को देखकर महापौर ने नाराजगी जताई. महापौर ने पार्किंग संचालक पर नाराजगी जताई और पार्किंग आवंटन के कागजात मांगे, जिस पर संचालक कागजात नही दिखा सका. महापौर ने जोनल सेनेटरी ऑफिसर राजेश झा और जोनल अधिकारी संगीता कुमारी से पार्किंग के सम्बंध में पूछताछ की तो पता चला कि पार्किंग अवैध रूप से संचालित हो रही है.

इसी तरह एक अन्य मामला शहर के सबसे व्यस्त मार्केट अमीनाबाद में सामने आया. यहां भी अवैध पार्किंग संचालन का खुलासा हुआ. पार्किंग के नाम पर लोगों से 20 से 40 रुपए वसूले जा रहे हैं. ये दोनों मामले उदाहरण हैं. ऐसी लखनऊ में ज्यादातर पार्किंग संचालित हो रहीं हैं. एक अनुमान के मुताबिक हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूले जा रहे हैं.

नगर निगम के मुताबिक पूर्व में 77 जगहों पर पार्किंग के लिए ठेके दिए गए थे. स्टैंड पर संचालकों के द्वारा पर्याप्त व्यवस्था न किए जाने के चलते नगर निगम की तरफ से इन सभी ठेकों को निरस्त कर दिया गया यानी वर्तमान में लखनऊ के अंदर कहीं भी पार्किंग का कोई ठेका नहीं है. शहर में सड़क पर चल रहे सभी पार्किंग स्थल अवैध हैं. इन पार्किंग में ज्यादातर पार्किंग माफिया के पास हैं. नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि 50 से ज्यादा पार्किंग स्थलों पर वसूली पुलिस की जानकारी में ही हो रही है. अवैध पार्किंग अमीनाबाद से लेकर कपूरथला और फन माल से लेकर फिनिक्स माल तक चल रही है.

गाड़ी चोरी हुई तो नहीं मिलेगा क्लेम
इन अवैध पार्किंग में अगर आप गाड़ी खड़ी कर रहे हैं तो यह आपका अपना रिस्क होगा. अगर इन पार्किंग से कोई गाड़ी गायब होती है तो उसका क्लेम नहीं मिलेगा क्योंकि यह पार्किंग ही अवैध है. वहीं, महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर नगर निगम गंभीर है. हाल ही में एक अवैध पार्किंग के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. आगे भी ऐसी अवैध पार्किंग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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