ETV Bharat / state

गांव की सरकार चुनने की तैयारी पूरी, 7,813 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत - 7,813 candidates of panchayat election in lucknow

राजधानी लखनऊ के 494 ग्राम पंचायतों में 19 अप्रैल को पंचायत चुनाव होगा. इस चुनाव में कई नेता और उनके परिजन किस्मत आजमा रहे हैं. आइए जानते हैं लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में क्या हैं, चुनाव के समीकरण.

पंचायत चुनाव.
पंचायत चुनाव.
author img

By

Published : Apr 18, 2021, 4:45 PM IST

लखनऊः राजधानी के गांवों में सरकार बनाने के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 19 अप्रैल को लखनऊ के 494 ग्राम पंचायतों में 10 लाख 60 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. प्रदेश की राजधानी लखनऊ होने की वजह से जो आसपास के ग्रामीण इलाकों में कुछ हद तक विकास अन्य जिलों की तुलना में अधिक हुआ है. इसके बावजूद अभी भी तमाम समस्याएं ग्रामीणों के सामने हैं और इस चुनाव में भी वह मुद्दे बने हुए हैं.

मोहनलालगंज में विधायक ने लगाया पत्नी पर दांव
लखनऊ के मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा व अति पिछड़े बाहुल्य है. लेकिन स्थानीय ग्राम पंचायत व जिला पंचायत चुनावों में ब्राह्मण व क्षत्रिय व यादव जाति का काफी प्रभाव है. इसी वर्ष मोहनलालगंज मुख्य कस्बा समेत कुछ गांव नगर पंचायत में सम्मिलित किए गए हैं. वहीं, वार्ड नंबर 18 से वर्तमान में समाजवादी पार्टी के विधायक अम्बरीष सिंह पुष्कर की पत्नी विजयलक्ष्मी जिला पंचायत सदस्य के लिए अपनी किस्मत आजमा रही हैं. विजयलक्ष्मी बीते पंच वर्षीय में मोहनलालगंज ब्लॉक की ब्लाक प्रमुख थीं, जिन्हें टक्कर देने के लिए प्रसपा से कमला रावत मैदान में हैं. इसी के साथ समाजवादी पार्टी के समर्थन में वार्ड नंबर 19 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव शिव सागर लोधी, भाजपा से चंदन सिंह व बसपा से अमरेंद्र भारद्वाज लड़ रहे हैं.

बीकेटी में भी लड़ाई रोमांचक
बीकेटी में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष माया यादव वार्ड एक से तो वार्ड दो से भाजपा के जिला उपाध्यक्ष (पिछड़ा वर्ग) दिनेश कुमार वर्मा की पत्नी अनीता वर्मा चुनाव लड़ रही हैं. वार्ड 5 से भाजपा नेता आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष रामनरेश सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार भी एक से छह वार्ड में अपने समर्थकों को चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में बीकेटी में भी चुनाव दिलचस्प हैं.

प्रमुख मुद्दे और समस्याएं
ग्रामीण इलाकों में उच्च शिक्षा के लिये कन्या डिग्री कॉलेज न होना क्षेत्र की बालिकाओं के लिये एक बहुत बड़ी समस्या है. क्षेत्र की बालिकाओं को इंटर के बाद आगे की पढ़ाई के लिये लखनऊ शहर जाना पड़ता है. दूसरी समस्या नगरीय बस न चलने की है. पहले लखनऊ से चंद्रिका देवी मंदिर, रैथा रोड, कुम्हरावां रोड और तहसील रोड के लिये बसों का संचालन होता था, जो कई वर्षों से अब नहीं होता है. तीसरी समस्या सरकारी संसाधनों पर सिंचाई के लिये निर्भर किसानों की है. नहरों में समय से कभी पानी नहीं छोड़ा जाता है. जिससे पंपिंग सेट से मंहगी सिंचाई करनी पड़ती है. चौथी सबसे अहम समस्या खराब सड़कों की है. जिनकी मरम्मत कई वर्षों से न कराये जाने की वजह से राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ती है.

जातीय समीकरण
बीकेटी क्षेत्र का जातीय समीकरण तीन धड़ों में बंटा है. छठामील से रैथा रोड का इलाका यादव बाहुल्य है. इसके बाद नबीकोट नंदना से लेकर चंद्रिका देवी मंदिर रोड तहसील रोड से लेकर देवरी रुखारा तक ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र है. कुम्हरावां रोड से लेकर इटौंजा कुर्सी रोड क्षेत्र के गावों में अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा व भाजपा में टक्कर
जिला पंचायत लखनऊ के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है. संभवत इसी को देखते हुए पूर्व सांसद रीना चौधरी भाजपा के टिकट पर वार्ड नंबर 15 से चुनाव लड़ रही हैं. वार्ड नंबर 16 से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सपा छोड़कर आए उदित नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया है. जहां उनका मुख्य मुकाबला भाजपा के ही बागी प्रत्याशी नितिन पटेल से है. नितिन पटेल का समर्थन पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश सिंह कर रहे हैं.

काकोरी के 88 गांव नगर निगम में शामिल
लखनऊ शहर से सटे हुए काकोरी के 88 गांव नगर निगम में चयनित किए गए है, जिससे इन 88 गांव में पंचयात चुनाव नहीं होंगे. इन कई गांवो में इंटरेस्टिंग सीट थी, जिसमें एक प्रधान पिछले कई सालों से प्रधानी करते चले आ रहे थे, लेकिन नगर निगम में आने के बाद सभी के अरमानों पर पानी फिर गया.

इतने उम्मीदवार चुनाव मैदान में
राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत के 25 वार्डों में 462 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. क्षेत्र पंचायत के 628 वार्ड में 2189 उम्मीदवार तो 494 ग्राम पंचायतों में 3246 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. वहीं, ग्राम पंचायत सदस्य के 6228 वार्ड में सिर्फ 1916 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बाकी ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर उम्मीदवारों ने नामांकन नहीं किया है.

इतने कर्मचारी-अधिकारी कराएंगे चुनाव
राजधानी लखनऊ के पंचायत चुनाव कराने के लिए 7812 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जबकि 26 जून अल मजिस्ट्रेट व 107 सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा करीब 120 सहायक निर्वाचन फिर कार्यों को मतदान कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

यह भी पढ़ें-पंचायत चुनावः दूसरे चरण का प्रचार खत्म, 20 जिलों में होगा मतदान

1775 पोलिंग बूथ बनाए गए
राजधानी लखनऊ में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है और किसके लिए सभी 494 ग्राम पंचायतों में 1775 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन पोलिंग बूथों में 10 लाख 60 हजार 197 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और गांव की सरकार चुनेंगे. सोमवार को होने वाले मतदान के लिए रविवार को सभी पोलिंग पार्टियां और सेक्टर मजिस्ट्रेट जोनल मजिस्ट्रेट चुनाव कराने के लिए रवाना हो गए.

लखनऊः राजधानी के गांवों में सरकार बनाने के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 19 अप्रैल को लखनऊ के 494 ग्राम पंचायतों में 10 लाख 60 हजार से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. प्रदेश की राजधानी लखनऊ होने की वजह से जो आसपास के ग्रामीण इलाकों में कुछ हद तक विकास अन्य जिलों की तुलना में अधिक हुआ है. इसके बावजूद अभी भी तमाम समस्याएं ग्रामीणों के सामने हैं और इस चुनाव में भी वह मुद्दे बने हुए हैं.

मोहनलालगंज में विधायक ने लगाया पत्नी पर दांव
लखनऊ के मोहनलालगंज विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा व अति पिछड़े बाहुल्य है. लेकिन स्थानीय ग्राम पंचायत व जिला पंचायत चुनावों में ब्राह्मण व क्षत्रिय व यादव जाति का काफी प्रभाव है. इसी वर्ष मोहनलालगंज मुख्य कस्बा समेत कुछ गांव नगर पंचायत में सम्मिलित किए गए हैं. वहीं, वार्ड नंबर 18 से वर्तमान में समाजवादी पार्टी के विधायक अम्बरीष सिंह पुष्कर की पत्नी विजयलक्ष्मी जिला पंचायत सदस्य के लिए अपनी किस्मत आजमा रही हैं. विजयलक्ष्मी बीते पंच वर्षीय में मोहनलालगंज ब्लॉक की ब्लाक प्रमुख थीं, जिन्हें टक्कर देने के लिए प्रसपा से कमला रावत मैदान में हैं. इसी के साथ समाजवादी पार्टी के समर्थन में वार्ड नंबर 19 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव शिव सागर लोधी, भाजपा से चंदन सिंह व बसपा से अमरेंद्र भारद्वाज लड़ रहे हैं.

बीकेटी में भी लड़ाई रोमांचक
बीकेटी में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष माया यादव वार्ड एक से तो वार्ड दो से भाजपा के जिला उपाध्यक्ष (पिछड़ा वर्ग) दिनेश कुमार वर्मा की पत्नी अनीता वर्मा चुनाव लड़ रही हैं. वार्ड 5 से भाजपा नेता आशुतोष सिंह, कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष रामनरेश सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कांग्रेस पार्टी के मीडिया संयोजक लल्लन कुमार भी एक से छह वार्ड में अपने समर्थकों को चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में बीकेटी में भी चुनाव दिलचस्प हैं.

प्रमुख मुद्दे और समस्याएं
ग्रामीण इलाकों में उच्च शिक्षा के लिये कन्या डिग्री कॉलेज न होना क्षेत्र की बालिकाओं के लिये एक बहुत बड़ी समस्या है. क्षेत्र की बालिकाओं को इंटर के बाद आगे की पढ़ाई के लिये लखनऊ शहर जाना पड़ता है. दूसरी समस्या नगरीय बस न चलने की है. पहले लखनऊ से चंद्रिका देवी मंदिर, रैथा रोड, कुम्हरावां रोड और तहसील रोड के लिये बसों का संचालन होता था, जो कई वर्षों से अब नहीं होता है. तीसरी समस्या सरकारी संसाधनों पर सिंचाई के लिये निर्भर किसानों की है. नहरों में समय से कभी पानी नहीं छोड़ा जाता है. जिससे पंपिंग सेट से मंहगी सिंचाई करनी पड़ती है. चौथी सबसे अहम समस्या खराब सड़कों की है. जिनकी मरम्मत कई वर्षों से न कराये जाने की वजह से राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ती है.

जातीय समीकरण
बीकेटी क्षेत्र का जातीय समीकरण तीन धड़ों में बंटा है. छठामील से रैथा रोड का इलाका यादव बाहुल्य है. इसके बाद नबीकोट नंदना से लेकर चंद्रिका देवी मंदिर रोड तहसील रोड से लेकर देवरी रुखारा तक ठाकुर बाहुल्य क्षेत्र है. कुम्हरावां रोड से लेकर इटौंजा कुर्सी रोड क्षेत्र के गावों में अनुसूचित जाति की संख्या अधिक है.

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा व भाजपा में टक्कर
जिला पंचायत लखनऊ के अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित है. संभवत इसी को देखते हुए पूर्व सांसद रीना चौधरी भाजपा के टिकट पर वार्ड नंबर 15 से चुनाव लड़ रही हैं. वार्ड नंबर 16 से इस बार भारतीय जनता पार्टी ने सपा छोड़कर आए उदित नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया है. जहां उनका मुख्य मुकाबला भाजपा के ही बागी प्रत्याशी नितिन पटेल से है. नितिन पटेल का समर्थन पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजेश सिंह कर रहे हैं.

काकोरी के 88 गांव नगर निगम में शामिल
लखनऊ शहर से सटे हुए काकोरी के 88 गांव नगर निगम में चयनित किए गए है, जिससे इन 88 गांव में पंचयात चुनाव नहीं होंगे. इन कई गांवो में इंटरेस्टिंग सीट थी, जिसमें एक प्रधान पिछले कई सालों से प्रधानी करते चले आ रहे थे, लेकिन नगर निगम में आने के बाद सभी के अरमानों पर पानी फिर गया.

इतने उम्मीदवार चुनाव मैदान में
राजधानी लखनऊ में जिला पंचायत के 25 वार्डों में 462 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. क्षेत्र पंचायत के 628 वार्ड में 2189 उम्मीदवार तो 494 ग्राम पंचायतों में 3246 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. वहीं, ग्राम पंचायत सदस्य के 6228 वार्ड में सिर्फ 1916 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. बाकी ग्राम पंचायत सदस्य के पदों पर उम्मीदवारों ने नामांकन नहीं किया है.

इतने कर्मचारी-अधिकारी कराएंगे चुनाव
राजधानी लखनऊ के पंचायत चुनाव कराने के लिए 7812 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जबकि 26 जून अल मजिस्ट्रेट व 107 सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा करीब 120 सहायक निर्वाचन फिर कार्यों को मतदान कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

यह भी पढ़ें-पंचायत चुनावः दूसरे चरण का प्रचार खत्म, 20 जिलों में होगा मतदान

1775 पोलिंग बूथ बनाए गए
राजधानी लखनऊ में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है और किसके लिए सभी 494 ग्राम पंचायतों में 1775 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. इन पोलिंग बूथों में 10 लाख 60 हजार 197 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और गांव की सरकार चुनेंगे. सोमवार को होने वाले मतदान के लिए रविवार को सभी पोलिंग पार्टियां और सेक्टर मजिस्ट्रेट जोनल मजिस्ट्रेट चुनाव कराने के लिए रवाना हो गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.