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केजीएमयू में पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण के लिये कार्यशाला का आयोजन

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज ने पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का आयोजन किया. इस कार्यशाला में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को असहाय मरीजों की देखभाल की ट्रेंनिंग दी गई.

केजीएमयू में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन.
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Published : Aug 4, 2019, 7:45 PM IST

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से रविवार को पहली बार पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला 3 दिन तक 6 मॉड्यूल्स के तहत चलाई जाएगी. इस मॉड्यूल में नर्सिंग के साथ ही अन्य विधाओं के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

केजीएमयू में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन.

पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का उद्देश्य

  • मरीजों को सही देखभाल की सख्त जरूरत होती है.
  • ऐसे में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को इसका प्रशिक्षण होना जरूरी है.
  • इससे पैरामेडिकल के साथ नर्सिंग और अन्य मेडिकल विद्यार्थियों को इसके बारे में जानकारी मिल सकेगी.
  • अस्पताल में कुछ ऐसे रोगी भी आते हैं, जो अपनी देखभाल खुद नहीं कर सकते.
  • ऐसे में पैरामेडिकल के विद्यार्थियों या कर्मचारियों को ही उनकी उचित देखभाल करनी होती है.
  • पैरामेडिकल विद्यार्थियों और नर्सिंग स्टाफ के विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण 3 दिनों के 6 मॉड्यूल के तहत दिया जाएगा.

जो मरीज देखभाल स्वयं करने में सक्षम नहीं है और बहुत दिनों तक अस्पताल में भर्ती नहीं रह सकते हैं. उनको सही देखभाल की काफी अधिक जरूरत होती है. ऐसे में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को इसका प्रशिक्षण होना जरूरी है.
-डॉ. विनोद जैन, डीन

लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से रविवार को पहली बार पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला 3 दिन तक 6 मॉड्यूल्स के तहत चलाई जाएगी. इस मॉड्यूल में नर्सिंग के साथ ही अन्य विधाओं के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

केजीएमयू में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन.

पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का उद्देश्य

  • मरीजों को सही देखभाल की सख्त जरूरत होती है.
  • ऐसे में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को इसका प्रशिक्षण होना जरूरी है.
  • इससे पैरामेडिकल के साथ नर्सिंग और अन्य मेडिकल विद्यार्थियों को इसके बारे में जानकारी मिल सकेगी.
  • अस्पताल में कुछ ऐसे रोगी भी आते हैं, जो अपनी देखभाल खुद नहीं कर सकते.
  • ऐसे में पैरामेडिकल के विद्यार्थियों या कर्मचारियों को ही उनकी उचित देखभाल करनी होती है.
  • पैरामेडिकल विद्यार्थियों और नर्सिंग स्टाफ के विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण 3 दिनों के 6 मॉड्यूल के तहत दिया जाएगा.

जो मरीज देखभाल स्वयं करने में सक्षम नहीं है और बहुत दिनों तक अस्पताल में भर्ती नहीं रह सकते हैं. उनको सही देखभाल की काफी अधिक जरूरत होती है. ऐसे में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को इसका प्रशिक्षण होना जरूरी है.
-डॉ. विनोद जैन, डीन

Intro:लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी थे इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से आज पहली बार पैलिएटिव केयर स्किल्स कार्यशाला का आयोजन किया गया यह कार्यशाला 3 दिन तक 6 माड्यूल के तहत करवाई जाएगी इस मॉड्यूल में नर्सिंग के साथ अन्य विधाओं के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।


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इस कार्यक्रम का उद्घाटन इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के डीन डॉ विनोद जैन ने किया उन्होंने बताया कि मरीजों की देखभाल स्वयं करने में सक्षम नहीं है और बहुत दिनों तक अस्पताल में भर्ती नहीं रह सकते। उनको सही देखभाल की काफी अधिक जरूरत होती है। ऐसे में पैरामेडिकल के कर्मचारियों और नर्सों को इसका प्रशिक्षण होना जरूरी है। इसकी वजह से केजीएमयू में यह एक प्रयास किया जा रहा है ताकि इससे पैरामेडिकल के साथ नरसिंह और अन्य मेडिकल विद्यार्थियों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।

प्रशिक्षण देने आए एनेस्थीसिया विभाग की प्रोफेसर सरिता सिंह ने बताया कि आज पैरामेडिकल के साथ नर्सिंग के बच्चों को रोगियों के इलाज के साथ उनकी देखभाल के बारे में बारीकियां बताई गई अस्पताल में कुछ ऐसे रोगी भी आते हैं जो अपनी देखभाल स्वयं नहीं कर सकते और उनके साथ कोई तीमारदार नहीं होता या उसकी उचित देखभाल करने वाला नहीं होता। ऐसे में पैरामेडिकल के विद्यार्थियों या कर्मचारियों को ही उनकी उचित देखभाल करनी होती है। ऐसे रोगियों के घाव, मुंह की देखभाल, कृत्रिम सांस नली की देखभाल, चेस्ट ट्यूब की देखभाल, खानपान की नली की देखभाल जैसे कई चीजें शामिल होती हैं। या प्रशिक्षण इसीलिए दिया जा रहा है।


Conclusion:पैरामेडिकल विद्यार्थियों और नर्सिंग स्टाफ के विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण 3 दिनों के 6 मॉड्यूल के तहत दिया जाएगा। इसके तहत एक बैच में 24 बच्चों को रखकर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि वह रोगियों की देखभाल किस तरीके से बेहतर कर सकते हैं।

बाइट- सरिता सिंह, प्रोफेसर, एनेस्थीसिया विभाग केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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