लखनऊ: प्रदेश के जाने माने वरिष्ठ चित्रकार राजेंद्र करन का बुधवार को निधन हो गया. वे लगभग 61 वर्ष के थे. वह 3 दिन से बुखार से पीड़ित थे. सुबह आठ बजे घर से इलाज के लिए निकले, दोपहर 12 बजे निधन हो गया. आरोप हैं कि इलाज न मिलने के कारण उनका निधन हो गया. आरोप हैं कि इलाज न मिलने के कारण उनका निधन हुआ है.
यह पहला मामला नहीं है जब इलाज न मिलने के कारण मृत्यु हुई है. बीते दिनों वरिष्ठ साहित्यकार वाहिद अली के निधन के बाद परिजनों ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. राजेंद्र करन जानकीपुरम में रहते थे. तीन दिन से वह बुखार से से पीड़ित थे. पत्नी सरला करन ने बताया कि उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया था, लेकिन इलाज नहीं मिला. इंट्रीगल हॉस्पिटल, इरा हॉस्पिटल से लेकर बलरामपुर हॉस्पिटल में भी जगह नहीं मिली. ऑक्सीजन के लिए कई नंबरों पर फोन किया. कहीं से मदद नहीं मिली. उनका अंतिम संस्कार गोमती नगर के भैंसाकुंड शमशान पर किया गया.
25 दिसंबर को प्रदर्शनी लगाई थी
25 दिसंबर, 2020 को राजेन्द्र करन को राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश की तरफ से उन्हें सम्मानित किया गया था. भारत रत्न अटल बाजपेयी के जन्मदिन पर अटल जी के 40 पोर्ट्रेट चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी.
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अटल बिहारी बाजपेयी की 51 कविताओं का मौलिक चित्रण
राज्य ललित कला अकादमी के सचिव डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि राजेंद्र करन ने अटल बिहारी बाजपेयी की 51 कविताओं पर मौलिक चित्रण किया था. खुद भी संवेदनशील रचनाकार थे. यह इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में कार्यरत थे. राजेंद्र करन कला एवं शिल्प महाविद्यालय के छात्र रहे. वे मौलिक चित्रकार थे, उन्हें मुखाकृति (पोट्रेट) चित्रण पर काफी नियंत्रण था.