लखनऊ: किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है. राजधानी के सरोजनी नगर क्षेत्र में 4 धान क्रय केंद्र (गौरी, कुरौनी, सुहावा, लोनहा) बनाए गए हैं. शनिवार को गौरी धान क्रय केंद्र पर जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश व उप जिला अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी निरीक्षण करने पहुंचे. धान क्रय केंद्र पर किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये.
क्रय केंद्रों पर सभी उपकरण मौजूद
सरकार ने सभी धान क्रय केंद्रों को निर्देशित किया कि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में धान की खरीद करें. कुछ जिलों में धान क्रय केंद्रों में आ रही अनियमितताओं को देखते हुए सरकार ने सख्त निर्देश दिया है. राजधानी में क्रय केंद्रों पर व्यवस्था दुरुस्त रखी गई है. गौरी धान क्रय केंद्र पर किसानों की सहायता के लिए सभी उपकरण मौजूद है. यहां पर धान साफ करने के लिए मशीन लगाई गई है, जिससे किसान अपने धान को साफ कर सकता है. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कांटे भी लगाए गए हैं, जिससे घटतौली की आशंका न हो.
पर्याप्त मात्रा में बोरे उपलब्ध
धान क्रय केंद्रों में सबसे बड़ी समस्या बोरों की रहती है, लेकिन इस बार सरकार ने क्रय केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में खाली बोरे उपलब्ध कराये हैं. कुरौली धान क्रय केंद्र के प्रभारी ने बताया कि उनके यहां बोरियों की कमी नहीं, बल्कि उनके यहां पर धान क्रय केंद्र का गोदाम नहीं है. पंचायत भवन में क्रय केंद्र खोला गया है. पीसीएफ को सूचित किया गया कि धान यहां से उठा लें, लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक धान नहीं उठाया गया. इससे आगे धान की खरीद करने में दिक्कत आ रही है.
गौरी धान क्रय केंद्र के प्रभारी श्याम प्रकाश ने बताया कि इस बार धान में नमी की कमी है. जिसके कारण चावल निकालने में चावल टूट जा रहा है. इसे देखते हुए मिल धान उठाने में दिक्कत कर रही है. इस बात से अधिकारियों को अवगत कराया गया है.
उन्होंने बताया कि धान क्रय केंद्रों पर आने वाले किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. रजिस्ट्रेशन के 6-7 दिन बाद किसानों को क्रय केंद्रों पर बुलाया जा रहा है. केंद्रों पर 300 कुंटल धान खरीदने की व्यवस्था है. पहले से जिन किसानों ने बुकिंग करा रखी है, उसी हिसाब से दूसरे किसानों को समय दिया जा रहा है.
किसानों ने बताया मिल रहा है सही मूल्य
वहीं किसानों का कहना है कि धान क्रय केंद्र पर सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर ही धान खरीद की जा रही है. पिछली बार भी उन्होंने अपना धान क्रय केंद्र पर बेचा था. उन्हें अपनी फसल का भुगतान खाते में मिल गया था. इससे किसी प्रकार की समस्या नहीं आती.